मेष संक्रांति दान का महत्व और कुछ महत्वपूर्ण बाते,Mesh Sankranti Daan Ka Mahatv Aur Kuchh Mahatvapoorn Baate
मेष संक्रांति दान का महत्व और कुछ महत्वपूर्ण बाते,
मेष संक्रांति, भारतीय कैलेंडर की बारह संक्रांतियों में से एक है. यह दिन सूर्य के मेष राशि में संक्रमण का दिन होता है. आमतौर पर, मेष संक्रांति 13 अप्रैल को और कभी-कभी 14 अप्रैल को पड़ती है. साल 2024 में, मेष संक्रांति 13 अप्रैल को है. इस दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे ! मेष संक्रांति को महा विशुव संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन कई हिंदू सौर कैलेंडरों में नववर्ष का आरंभ होता है. सिख धर्म के लोग इस दिन बैसाखी मनाते हैं
Mesh Sankranti Daan Ka Mahatv Aur Kuchh Mahatvapoorn Baate |
मेष संक्रांति के दिन ये काम किए जाते हैं
मेष संक्रांति को बहुत खास माना जाता है. इस दिन सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं. इस दिन से खरमास की समाप्ति हो जाती है और इसके साथ शुभ काम की शुरुआत हो जाती है. मान्यता है कि मेष संक्रांति के दिन दान-पुण्य करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और पितर भी आशीर्वाद देते हैं
मेष संक्रांति के दिन ये काम किए जाते हैं-
- पवित्र नदी में स्नान
- दान-पुण्य
- सूर्य पूजन
- मधुसूदन भगवान की पूजा
- विवाह, मुंडन, गृह-प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य
मेष संक्रान्ति दान का महत्वः-
- इस संक्रान्ति पर गरीबों और जरुरतमंदों को खाने-पीने की वस्तु का दान किया जाता है।
- इस दिन वस्त्र और जूते, चप्पल का भी दान किया जाता है।
- मेष संक्रान्ति के दिन गाय को हरी घास खिलाने से पुण्य मिलता है।
- इस दिन सूर्य से सम्बन्धित चीजों जैसे तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन आदि का दान किया जाता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुण्डली में सूरज नीचे के स्थान पर है तो उसे मेष संक्रान्ति के दिन दान, पुण्य करना चाहिए।
- मेष संक्रांति के दिन ये चीज़ें दान की जाती हैं:
- मसूर दाल, गेहूं, लाल वस्त्र, लाल चंदन, काला तिल, लाल फूल, तांबे के बर्तन
- लाल वस्त्र, लाल पुष्प, और लाल मसूर की दाल दान करें.
- गेहूं का दान करें.
- अपने वज़न के बराबर गेहूं का दान करने से सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है और घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
- सत्तू पीने और दान करने का भी रिवाज है.
- गुड़, घी, गेहूं, तांबा का दान करने से सूर्य प्रबल होता है और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है.
- पानी से भरा घड़ा दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
- पंखे का दान भी बहुत फलदायी माना जाता है.
- चने का दान करना या उसका सेवन करना बहुत ही फ़ायदेमंद होता है
मेष संक्रांति पूजा महत्व
मेष संक्रांति के दिन स्नान-दान इत्यादि का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप व कष्ट दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही स्नान के दौरान मन ही मन अपनी इच्छाओं को दोहराने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मेष संक्रांति के अवसर पर दान-पुण्य का भी विशेष फल प्राप्त होता है. दान पुण्य करने से न केवल देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बल्कि पितर भी आशीर्वाद प्रदान करते हैं. संक्रांति तिथि के दिन पितरों को तर्पण देने से भी जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है
- संक्रांति का मतलब क्या होता है?
संक्रान्ति का अर्थ है, 'सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण (जाना)'। अतः पूरे वर्ष में कुल १२ संक्रान्तियाँ होती हैं। आन्ध्र प्रदेश, तेलंगण, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, उडीसा, पंजाब और गुजरात में संक्रान्ति के दिन ही मास का आरम्भ होता है।
- मेष संक्रांति क्यों मनाया जाता है?
मेष संक्रांति भारतीय कैलेंडर की बारह संक्रांतियों में से एक है। यह अवधारणा भारतीय ज्योतिष ग्रंथों में भी पाई जाती है, जिसमें यह मेष राशि में सूर्य के संक्रमण के दिन को संदर्भित करती है। उपमहाद्वीप के सौर और चंद्र कैलेंडरों में यह दिन महत्वपूर्ण है। मेष संक्रांति आमतौर पर 13 अप्रैल और कभी-कभी 14 अप्रैल को पड़ती है।
- मेष संक्रांति में क्या खाया जाता है?
मेष संक्रांति के दिन सत्तू और गुड़ खाया जाता है। 15. इस दिन शिव, विष्णु और काली की भी पूजा का विधान है।
- मेष संक्रांति पर क्या करें?
दिन की शुरुआत जल्दी करें: मेष संक्रांति सूर्य का उत्सव है, इसलिए अधिकतम सकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने के लिए अपने दिन की शुरुआत सूर्योदय के समय करें। प्रार्थनाएं और मंत्र अर्पित करें : अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए आध्यात्मिक अभ्यास, प्रार्थनाएं और मेष राशि से जुड़े मंत्रों का जाप करें।
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