मोहिनी एकादशी के व्रत में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए, Mohini Ekadashi Ke Vrat Mein In Baaton Ka Dhyaan Rakhana Chaahie
मोहिनी एकादशी के व्रत में इन बातों का ध्यान रखना चाहिए
मोहिनी एकादशी का त्योहार हिन्दू धर्म में वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाया जाता है. स्कंद पुराण के वैष्णवखंड के मुताबिक, इस दिन समुद्र मंथन से अमृत प्रकट हुआ था. इसके दूसरे दिन यानी द्वादशी को भगवान विष्णु ने अमृत की रक्षा के लिए मोहिनी रूप धारण किया था !
मोहिनी एकादशी पर कर सकते हैं ये शुभ काम
जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप भी करें। घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का अभिषेक करें। विष्णु पूजा में ऊँ नम: भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना चाहिए।
Mohini Ekadashi Ke Vrat Mein In Baaton Ka Dhyaan Rakhana Chaahie |
मोहिनी एकादशी के व्रत में क्या खाना चाहिए
कुछ क्षेत्रों में मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम की भी पूजा की जाती है. जो लोग स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण सख्त उपवास नियमों का पालन नहीं कर सकते हैं, वे मोहिनी एकादशी पर आंशिक उपवास या व्रत रख सकते हैं. फल, सब्जियां और दूध उत्पाद जैसे 'फलाहार' खाने की अनुमति है
क्या मोहिनी एकादशी पर पानी पी सकते हैं
मोहिनी एकादशी के निर्जला व्रत में पानी नहीं पीना चाहिए, लेकिन अगर कोई निर्जला व्रत नहीं रखता, तो वह पानी पी सकता है. निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक बिना पानी पिए उपवास रखा जाता है. हालांकि, कुछ लोगों को ज्येष्ठ के मौसम में निर्जला रह पाना मुश्किल होता है, इसलिए शास्त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से व्रत भंग नहीं होता और प्यास भी बुझ जाती है
मोहिनी एकादशी के व्रत के दौरान इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- सुबह जल्दी उठकर नहाना चाहिए
- साबुन से नहीं नहाना चाहिए
- तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए
- चावल से बनी चीज़ें नहीं खानी चाहिए
- भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी की पत्तियां ज़रूर डालनी चाहिए
- तामसिक चीज़ें जैसे मांस, शराब, लहसुन, प्याज़ नहीं खानी चाहिए
- पूजा-पाठ और धर्म से जुड़े काम करने चाहिए
- गरीबों को दान करना चाहिए
- किसी पर गुस्सा नहीं करना चाहिए
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