कृष्ण जन्माष्टमी कब और क्यों मनाते हैं
जन्माष्टमी , भगवान के जन्म ( जन्म ) का उत्सव मनाने वाला हिंदू त्योहारभाद्रपद (अगस्त-सितंबर) महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण का जन्म हुआ। कृष्ण कथा में आठ की संख्या का एक और महत्व यह है कि वे अपनी माँ देवकी की आठवीं संतान हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी वा गोकुलाष्टमी , श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, श्रीकृष्ण जयंती के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार भगवान श्रीकृष्णजी के जन्म के आनन्दोत्सव के लिये मनाया जाता है। यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में मनाया जाता है । जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त व सितंबर के साथ अधिव्यापित होता है। जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं का उपवास रहता है।
कृष्ण जन्माष्टमी कब है 2024
उदयातिथि के अनुसार, इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को ही मनाई जाएगी. भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और इसलिए, कृष्ण जन्माष्टमी हमेशा रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है. रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर होगा और समापन 17 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट पर होगा
जन्माष्टमी क्यों मनाते हैं, और जन्माष्टमी के दिन क्या-क्या करते हैं?
जन्माष्टमी के दिन स्वयम नारायण भगवान ने श्री कृषण रूप मे अवतार लिया था इसलिए जन्माष्टमी मनाते है इस दिन बहुत से शुभ योग होते है जिसमे किया गया कोइ भी पुन्य या पाप का अन्य दिनो की अपेक्षा कइ हजार गुणा ज्यादा फल मिलता है बुदीमान मनुषय को इस दिन जितना अधिक से अधिक हो सके दान पुनय और जप करने चाहिऐ इस दिन कभी भी कोइ पाप नही करना चाहिऐ
इसलिए लिए बहुत से लोग भीन भीन तरिको से इस दिन पुन्य कमाने की सोचते है जैसे बहुत सी जगह पर भगवान के लिला अवतारो की झाकिया निकालते है ,भंडारे लगाते है ,गऊओ को हरा चारा डालते है ,भगवान के नामो के जप निकालते है इस दिन जाप किया गया कोइ भी मंत्र अन्य तयोहार और दिनो की अपेक्षा कइ गुणा ज्लदी सिद हो जाता है
हिनदु धरम के सभी त्योहारो मे राम नवमी और जन्माष्टमी दो एसे तयोहार है जिनमे किया गया कोइ भी पुन्य या पाप का फल अन्य त्योहारो की अपेक्षा कइ गुणा अधिक मिलता है राम नवमी और जन्माषटमी मे भी जन्माष्टमी सबसे सरेषठ है कयोकी इस दिन खुद नारायण ने मनुषय रूप मे अवतार लिया था अबकी जन्माष्टमी अन्य जन्माष्टमी से सरेषठ है कयोकी इस दिन रोहिणी नक्षत्र है भगवान श्री कृषण जिस अष्टमी मे अवतरित हुए थे उस दिन भी रोहिणी नक्षत्र था
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-FAQ
- कृष्ण जन्माष्टमी का दूसरा नाम क्या है?
कृष्ण जन्माष्टमी (संस्कृत: कृष्णजन्माष्टमी, रोमनकृत: कृष्णजन्माष्टमी), जिसे कृष्णअष्टमी, जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण के जन्म का उत्सव माना जाता है।
- जन्माष्टमी कृष्ण भगवान का जन्म कब हुआ था?
- कृष्ण जन्माष्टमी पर लोग क्या करते हैं?
उत्सव कुछ समुदाय कृष्ण की किंवदंतियों को माखन चोर के रूप में बनाया जाता है। हिंदू जन्माष्टमी पर उत्सव, भजन-गायन, सत्संग-कीर्तन, विशेष भोज-नैवेद्य प्रसाद-भंडारे के रूप में बांसटकर, रात्रि भगवान और कृष्ण मंदिरों में आभूषण बनाए जाते हैं । प्रमुख अध्यायों में 'भागवत पुराण' और 'भगवद गीता' के पाठ का आयोजन होता है।
- जन्माष्टमी का व्रत क्यों होता है?
इस दिन पूरी विधि विधान से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से सारे मन प्रसन्न होते हैं । संत प्राप्तकर्ता के लिए भी यह व्रत काफी शुभ माना गया है । यदि कुँवारी कन्या यह व्रत करती है तो उन्हें अच्छा वर मिलता है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है ।
- जन्माष्टमी पुस्तक का क्या नाम है?
भगवद्गीता कृष्ण और अर्जुन का संवाद आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है।
टिप्पणियाँ