श्री विष्णु सहस्रनाम: भगवान विष्णु के 1000 नाम (PDF) | Shri Vishnu Sahasranama: 1000 Names of Lord Vishnu (PDF)
श्री विष्णु सहस्रनाम: भगवान विष्णु के 1000 नामों का महत्व
परिचय
श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करने की विधि
श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप बहुत प्रभावशाली माना जाता है, और इसे सही विधि से करने पर इसके अद्भुत लाभ मिलते हैं। इसे महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामह ने भगवान श्री कृष्ण से प्राप्त किया था। यदि आप इसे पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ करते हैं, तो यह आपकी जीवन में शांति, समृद्धि, और आंतरिक शक्ति का संचार कर सकता है।
श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करने की विधि:
1. स्थान का चयन
- शुद्ध और पवित्र स्थान पर जाप करना चाहिए। जहां कोई विकृति न हो और वातावरण शांत हो, वह स्थान उत्तम रहेगा।
- यदि संभव हो, तो विशेष रूप से भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर जाप करना अधिक फलदायी होता है।
2. पवित्रता का ध्यान रखें
- स्नान करके शुद्ध होकर ही जाप करना चाहिए।
- सात्विक आहार का सेवन करें और किसी प्रकार का मांसाहारी भोजन न करें।
- पहनने के लिए पीले वस्त्र शुभ माने जाते हैं, इसलिए पीले रंग के वस्त्र पहनना उत्तम रहेगा।
3. व्रत का पालन
- यदि आप व्रत रखते हैं, तो यह जाप और भी प्रभावी होता है। व्रत रखते हुए केवल सात्विक भोजन करें और मन, वचन, और क्रिया से पवित्र रहें।
- जाप से पहले गणेश वंदना और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें।
- इसके बाद, भगवान विष्णु के चरणों में श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करते हुए, श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ शुरू करें।
5. श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ
- श्री विष्णु सहस्रनाम में 1000 नाम होते हैं, जिन्हें क्रमशः जाप किया जाता है। एक दिन में आप जितने नामों का जाप कर सकें, उतना करें। यदि संभव हो, तो आप इसे 108 नामों के सेट में बांट सकते हैं।
6. जाप की संख्या और समय
- एक बार में 108 नाम का जाप करने का सामान्य तरीका है। यदि आप पूरे सहस्रनाम का जाप करना चाहते हैं, तो इसे एक माह में या किसी विशेष व्रत के दौरान पूरा कर सकते हैं।
- सकारात्मक प्रभाव के लिए इसे मौन या धीरे-धीरे किया जा सकता है। यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
7. प्रत्येक नाम के साथ ध्यान
- हर नाम के जाप के साथ, भगवान विष्णु के स्वरूप और उनके गुणों का ध्यान करें। उदाहरण स्वरूप:
- ॐ विष्णवे नमः के जाप के समय भगवान विष्णु के विशाल रूप और उनके साकार स्वरूप की कल्पना करें।
- ॐ नीलकंठाय नमः का जाप करते समय भगवान विष्णु के नीलकंठ स्वरूप का ध्यान करें।
- ध्यान और जाप का यह संयोजन आपकी साधना को अधिक प्रभावी बनाता है।
8. समाप्ति के बाद प्रार्थना
- जाप पूरा करने के बाद भगवान विष्णु से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- आप यह भी कह सकते हैं:
- "हे भगवान विष्णु, आप मेरे जीवन में शांति, समृद्धि, और संतुलन लाएं। मैं आपके दिव्य नामों के जाप से आशीर्वाद प्राप्त करता हूं।"
9. विशेष ध्यान
- यदि आप विशेष रूप से कष्टों के निवारण या समस्याओं के समाधान के लिए जाप कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि यह साधना केवल संजीवनी के रूप में काम करती है। विश्वास और श्रद्धा से ही इसका प्रभाव अधिक होता है।
श्री विष्णु सहस्रनाम के 1000 नामों के नियम
श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करने के लिए कुछ विशेष नियम और निर्देश होते हैं, जिन्हें पालन करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है। यहां पर उन नियमों और विधियों का वर्णन किया जा रहा है जो आपको श्री विष्णु के 1000 नामों के जाप के दौरान पालन करना चाहिए:
शुद्धता और पवित्रता:
- स्नान करके और शुद्ध होकर ही श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप करें। यह आत्मिक और शारीरिक पवित्रता को बढ़ाता है।
- सात्विक भोजन करें और मांसाहारी भोजन से बचें। यह मानसिक शांति और साधना की शक्ति को बढ़ाता है।
विशेष स्थान का चयन:
- जाप करने के लिए पवित्र और शांत स्थान का चयन करें। भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर भी जाप किया जा सकता है।
- घर में पुजा स्थान पर या किसी ऐसे स्थान पर जहां आपको शांति मिले, वहां जाप करें।
पीले वस्त्र पहनें:
- श्री विष्णु के पूजन के लिए पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह भगवान के साथ आध्यात्मिक संबंध को प्रगाढ़ करता है।
आध्यात्मिक एकाग्रता:
- जाप करते समय स्मरण और ध्यान से रहें। हर नाम के साथ भगवान विष्णु के दिव्य रूप और गुणों का ध्यान करें।
- मन को एकाग्र करके जाप करना चाहिए, ताकि नामों का प्रभाव गहरा हो।
शुद्ध मानसिकता:
- विकारी सोचों और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें। भगवान विष्णु के नाम का जाप करते समय दिल और दिमाग को पूरी तरह से पवित्र रखें।
जप की विधि:
- श्री विष्णु सहस्रनाम में 1000 नाम होते हैं, लेकिन आप इसे 108 नामों के सेट में भी कर सकते हैं। इससे ध्यान अधिक एकाग्र रहता है और मानसिक शांति मिलती है।
- आप माला का उपयोग करके जाप कर सकते हैं। एक माला में 108 बीड्स होती हैं। एक माला से 108 नामों का जाप करें, और पूरी सहस्रनाम की संख्या पूरी करने के लिए कई माला कर सकते हैं।
अल्प से प्रारंभ:
- अगर आप नवीन हैं, तो प्रारंभ में कम संख्या में जाप करें। धीरे-धीरे जब अभ्यास बढ़े, तो पूरी सहस्रनाम का जाप करें।
समय का ध्यान रखें:
- श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप सुबह या संध्या समय करें। यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है, और ध्यान की गहराई को बढ़ाता है।
स्वस्थ शारीरिक स्थिति:
- जाप करते समय स्वस्थ और आरामदायक स्थिति में बैठें। कमर सीधी रखें और आराम से बैठें, ताकि ध्यान पूरी तरह से भगवान पर केंद्रित हो सके।
श्री विष्णु के स्वरूप का ध्यान:
- हर नाम के साथ भगवान विष्णु के विभिन्न स्वरूपों का ध्यान करें। जैसे-
- ॐ विष्णवे नमः - भगवान विष्णु के सुगठित रूप का ध्यान करें।
- ॐ नारायणाय नमः - भगवान नारायण के रूप का ध्यान करें।
- ॐ माधवाय नमः - भगवान माधव के रूप का ध्यान करें।
- ॐ हरिविष्णवे नमः - भगवान हरिविष्णु के रूप का ध्यान करें।
संबंधित मंत्रों का जाप:
- जाप से पहले ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ श्री महाविष्णवे नमः जैसे मंत्रों का जाप करें।
- जाप के बाद भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
व्रत का पालन:
- यदि आप विशेष रूप से कष्ट निवारण या समस्याओं का समाधान चाहते हैं, तो आप व्रत भी रख सकते हैं। यह जाप के प्रभाव को दोगुना करता है।
- व्रत के दौरान सात्विक आहार का सेवन करें और मांसाहार से बचें।
जाप का उद्देश्य:
- जाप करते समय, अपना उद्देश्य स्पष्ट रूप से तय करें, जैसे- कष्टों से मुक्ति, मानसिक शांति, समृद्धि, आदि।
- विशेष रूप से किसी संकट के समाधान के लिए, भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा से ह्रदय में प्रार्थना करें।
उच्चारण का ध्यान रखें:
- हर नाम का सही उच्चारण करें। सही उच्चारण से जाप का प्रभाव अधिक होता है।
- अगर उच्चारण में कठिनाई हो, तो आप ध्यानपूर्वक शुद्ध रूप से जाप कर सकते हैं।
श्री विष्णु सहस्रनाम के 1000 नामों का जाप करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यह लाभ शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक स्तर पर अनुभव किए जा सकते हैं। नीचे हम श्री विष्णु के 1000 नामों के जाप के मुख्य लाभों का वर्णन करेंगे:
श्री विष्णु सहस्रनाम के लाभ
साधक की मानसिक शांति:
- श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप मानसिक तनाव, चिंता और अशांति को दूर करता है। यह साधक को मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- नियमित जाप से मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और मनोबल मजबूत होता है।
आध्यात्मिक उन्नति:
- भगवान विष्णु के 1000 नामों का जाप एक गहरी आध्यात्मिक साधना है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में अग्रसर करता है।
- यह साधक को आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करता है और जीवन में भगवान के प्रति श्रद्धा को प्रगाढ़ करता है।
दुरभाग्य और कष्टों का निवारण:
- श्री विष्णु के सहस्रनामों का जाप दुरभाग्य और कष्टों को दूर करता है। यह जीवन में आने वाली परेशानियों, संकटों और बीमारियों से मुक्ति दिलाता है।
- यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में अच्छे योग और सुख-समृद्धि की प्राप्ति में सहायक है।
सम्पत्ति और समृद्धि की प्राप्ति:
- भगवान विष्णु को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि का दाता माना जाता है। उनके सहस्रनाम का जाप धन और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
- यह जाप आर्थिक संकटों को दूर करता है और जीवन में समृद्धि की राह खोलता है।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:
- भगवान विष्णु के नामों का जाप शारीरिक स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। यह शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है और मानसिक स्थिति को स्थिर बनाता है।
- मानसिक और शारीरिक बीमारी, थकावट और कमजोरी को दूर करने में सहायक है।
पारिवारिक सुख-शांति:
- श्री विष्णु के नामों का जाप परिवार में सुख, शांति और सामंजस्य लाता है। यह परिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है और घरेलू जीवन में प्रेम और सहयोग को बढ़ाता है।
- पारिवारिक कलह और वाद-विवाद को समाप्त करने के लिए यह एक प्रभावी उपाय है।
सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति:
- यह जाप नकारात्मकता, शत्रुता और दुष्ट शक्तियों से बचाव करता है।
- यह व्यक्ति को मानसिक और भौतिक दोनों प्रकार के दुष्ट प्रभावों से सुरक्षित रखता है।
सफलता और विजय:
- श्री विष्णु के 1000 नामों का जाप सफलता, विजय और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह व्यक्तित्व को मजबूत बनाता है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने की क्षमता देता है।
- किसी भी महत्वपूर्ण कार्य, यात्रा, परीक्षा या व्यवसाय में सफलता के लिए यह जाप लाभकारी है।
जीवन के उद्देश्य को जानने में सहायता:
- जाप करने से व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य का ज्ञान प्राप्त होता है। यह उसे सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
- यह साधक को अपने जीवन में एक उच्च उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन करता है।
कर्मों का निवारण और मोक्ष प्राप्ति:
- श्री विष्णु के 1000 नामों का जाप व्यक्ति के कुंठित और पापपूर्ण कर्मों को नष्ट करता है।
- यह व्यक्ति को पुण्य और धर्म की ओर प्रेरित करता है और मोक्ष की प्राप्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करता है।
श्री विष्णु की कृपा:
- जब व्यक्ति पूरे मन से श्री विष्णु के नामों का जाप करता है, तो भगवान विष्णु की विशेष कृपा उस पर बरसती है। यह कृपा जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाती है।
- भगवान के 1000 नामों का उच्चारण उनके दिव्य गुणों के प्रति श्रद्धा को प्रकट करता है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
श्री विष्णु की रक्षा:
- जाप करते समय, भगवान विष्णु के प्रत्येक नाम के साथ उनके रक्षात्मक गुणों का ध्यान किया जाता है। यह जाप शारीरिक और मानसिक सुरक्षा प्रदान करता है।
- शत्रु, आपत्तियां और विपत्तियां दूर होती हैं और व्यक्ति को सुरक्षा की अनुभूति होती है।
श्री विष्णु सहस्रनाम !1000 names of Shri Vishnu
- ॐ विश्वस्मै नमः ।
- ॐ विष्णवे नमः ।
- ॐ वषट्काराय नमः ।
- ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः ।
- ॐ भूतकृते नमः ।
- ॐ भूतभृते नमः ।
- ॐ भावाय नमः ।
- ॐ भूतात्मने नमः ।
- ॐ भूतभावनाय नमः ।
- ॐ पूतात्मने नमः । १० ॥
- ॐ परमात्मने नमः ।
- ॐ मुक्तानाम्परमगतये नमः ।
- ॐ अव्ययाय नमः ।
- ॐ पुरुषाय नमः ।
- ॐ साक्षिणे नमः ।
- ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः ।
- ॐ अक्षराय नमः ।
- ॐ योगाय नमः ।
- ॐ योगविदांनेत्रे नमः ।
- ॐ प्रधानपुरुषेश्वराय नमः । २० ॥
- ॐ नारसिंहवपुषे नमः ।
- ॐ श्रीमते नमः ।
- ॐ केशवाय नमः ।
- ॐ पुरुषोत्तमाय नमः ।
- ॐ सर्वस्मै नमः ।
- ॐ शर्वाय नमः ।
- ॐ शिवाय नमः ।
- ॐ स्थाणवे नमः ।
- ॐ भूतादये नमः ।
- ॐ निधयेऽव्ययाय नमः । ३० ॥
- ॐ सम्भवाय नमः ।
- ॐ भावनाय नमः ।
- ॐ भर्त्रे नमः ।
- ॐ प्रभवाय नमः ।
- ॐ प्रभवे नमः ।
- ॐ ईश्वराय नमः ।
- ॐ स्वयम्भुवे नमः ।
- ॐ शम्भवे नमः ।
- ॐ आदित्याय नमः ।
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः । ४० ॥
- ॐ महास्वनाय नमः ।
- ॐ अनादिनिधनाय नमः ।
- ॐ धात्रे नमः ।
- ॐ विधात्रे नमः ।
- ॐ धातुरुत्तमाय नमः ।
- ॐ अप्रमेयाय नमः ।
- ॐ हृषीकेशाय नमः ।
- ॐ पद्मनाभाय नमः ।
- ॐ अमरप्रभवे नमः ।
- ॐ विश्वकर्मणे नमः । ५० ॥
- ॐ मनवे नमः ।
- ॐ त्वष्ट्रे नमः ।
- ॐ स्थविष्ठाय नमः ।
- ॐ स्थविराय ध्रुवाय नमः ।
- ॐ अग्रह्याय नमः ।
- ॐ शाश्वताय नमः ।
- ॐ कृष्णाय नमः ।
- ॐ लोहिताक्षाय नमः ।
- ॐ प्रतर्दनाय नमः ।
- ॐ प्रभूताय नमः । ६० ॥
- ॐ त्रिककुब्धाम्ने नमः ।
- ॐ पवित्राय नमः ।
- ॐ मङ्गलाय परस्मै नमः ।
- ॐ ईशानाय नमः ।
- ॐ प्राणदाय नमः ।
- ॐ प्राणाय नमः ।
- ॐ ज्येष्ठाय नमः ।
- ॐ श्रेष्ठाय नमः ।
- ॐ प्रजापतये नमः ।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ७० ॥
- ॐ भूगर्भाय नमः ।
- ॐ माधवाय नमः ।
- ॐ मधुसूदनाय नमः ।
- ॐ ईश्वराय नमः ।
- ॐ विक्रमिणे नमः ।
- ॐ धन्विने नमः ।
- ॐ मेधाविने नमः ।
- ॐ विक्रमाय नमः ।
- ॐ क्रमाय नमः ।
- ॐ अनुत्तमाय नमः । ८० ॥
- ॐ दुराधर्षाय नमः ।
- ॐ कृतज्ञाय नमः ।
- ॐ कृतये नमः ।
- ॐ आत्मवते नमः ।
- ॐ सुरेशाय नमः ।
- ॐ शरणाय नमः ।
- ॐ शर्मणे नमः ।
- ॐ विश्वरेतसे नमः ।
- ॐ प्रजाभवाय नमः ।
- ॐ अन्हे नमः । ९० ॥
- ॐ संवत्सराय नमः ।
- ॐ व्यालाय नमः ।
- ॐ प्रत्ययाय नमः ।
- ॐ सर्वदर्शनाय नमः ।
- ॐ अजाय नमः ।
- ॐ सर्वेश्वराय नमः ।
- ॐ सिद्धाय नमः ।
- ॐ सिद्धये नमः ।
- ॐ सर्वादये नमः ।
- ॐ अच्युताय नमः । १०० ॥
- ॐ वृषाकपये नमः ।
- ॐ अमेयात्मने नमः ।
- ॐ सर्वयोगविनिःसृताय नमः ।
- ॐ वसवे नमः ।
- ॐ वसुमनसे नमः ।
- ॐ सत्याय नमः ।
- ॐ समात्मने नमः ।
- ॐ सम्मिताय नमः ।
- ॐ समाय नमः ।
- ॐ अमोघाय नमः । ११० ॥
- ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः ।
- ॐ वृषकर्मणे नमः ।
- ॐ वृषाकृतये नमः ।
- ॐ रुद्राय नमः ।
- ॐ बहुशिरसे नमः ।
- ॐ बभ्रवे नमः ।
- ॐ विश्वयोनये नमः ।
- ॐ शुचिश्रवसे नमः ।
- ॐ अमृताय नमः ।
- ॐ शाश्वतस्थाणवे नमः । १२० ॥
- ॐ वरारोहाय नमः ।
- ॐ महातपसे नमः ।
- ॐ सर्वगाय नमः ।
- ॐ सर्वविद्भानवे नमः ।
- ॐ विष्वक्सेनाय नमः ।
- ॐ जनार्दनाय नमः ।
- ॐ वेदाय नमः ।
- ॐ वेदविदे नमः ।
- ॐ अव्यङ्गाय नमः ।
- ॐ वेदाङ्गाय नमः । १३० ॥
- ॐ वेदविदे नमः ।
- ॐ कवये नमः ।
- ॐ लोकाध्यक्षाय नमः ।
- ॐ सुराध्यक्षाय नमः ।
- ॐ धर्माध्यक्षाय नमः ।
- ॐ कृताकृताय नमः ।
- ॐ चतुरात्मने नमः ।
- ॐ चतुर्व्यूहाय नमः ।
- ॐ चतुर्द्रम्ष्ट्राय नमः ।
- ॐ चतुर्भुजाय नमः । १४० ॥
- ॐ भ्राजिष्णवे नमः ।
- ॐ भोजनाय नमः ।
- ॐ भोक्त्रे नमः ।
- ॐ सहिष्णवे नमः ।
- ॐ जगदादिजाय नमः ।
- ॐ अनघाय नमः ।
- ॐ विजयाय नमः ।
- ॐ जेत्रे नमः । १५० ॥
- ॐ विश्वयोनये नमः ।
- ॐ पुनर्वसवे नमः ।
- ॐ उपेन्द्राय नमः ।
- ॐ वामनाय नमः ।
- ॐ प्रांशवे नमः ।
- ॐ अमोघाय नमः ।
- ॐ शुचये नमः ।
- ॐ उर्जिताय नमः ।
- ॐ अतीन्द्राय नमः ।
- ॐ सङ्ग्रहाय नमः ।
- ॐ सर्गाय नमः ।
- ॐ धृतात्मने नमः । १६० ॥
- ॐ नियमाय नमः ।
- ॐ यमाय नमः ।
- ॐ वेद्याय नमः ।
- ॐ वैद्याय नमः ।
- ॐ सदायोगिने नमः ।
- ॐ वीरघ्ने नमः ।
- ॐ माधवाय नमः ।
- ॐ मधवे नमः ।
- ॐ अतीन्द्रियाय नमः ।
- ॐ महामायाय नमः ।
- ॐ महोत्साहाय नमः ।
- ॐ महाबलाय नमः ।
- ॐ महाबुद्धये नमः ।
- ॐ महावीर्याय नमः ।
- ॐ महाशक्तये नमः ।
- ॐ महाद्युतये नमः ।
- ॐ अनिर्देश्यवपुषे नमः ।
- ॐ श्रीमते नमः ।
- ॐ अमेयात्मने नमः ।
- ॐ महाद्रिधृते नमः । १८० ॥
- ॐ महेश्वासाय नमः ।
- ॐ महीभर्त्रे नमः ।
- ॐ श्रीनिवासाय नमः ।
- ॐ सताङ्गतये नमः ।
- ॐ अनिरुद्धाय नमः ।
- ॐ सुरानन्दाय नमः ।
- ॐ गोविन्दाय नमः ।
- ॐ गोविदाम्पतये नमः ।
- ॐ मरीचये नमः ।
- ॐ दमनाय नमः ।
- ॐ हंसाय नमः ।
- ॐ सुपर्णाय नमः ।
- ॐ भुजगोत्तमाय नमः ।
- ॐ हिरण्यनाभाय नमः ।
- ॐ सुतपसे नमः ।
- ॐ पद्मनाभाय नमः ।
- ॐ प्रजापतये नमः ।
- ॐ अमृत्यवे नमः ।
- ॐ सर्वदृशे नमः ।
- ॐ सिंहाय नमः । २०० ॥
- ॐ सन्धात्रे नमः ।
- ॐ सन्धिमते नमः ।
- ॐ स्थिराय नमः ।
- ॐ अजाय नमः ।
- ॐ दुर्मर्षणाय नमः ।
- ॐ शास्त्रे नमः ।
- ॐ विश्रुतात्मने नमः ।
- ॐ सुरारिघ्ने नमः ।
- ॐ गुरुवे नमः ।
- ॐ गुरुतमाय नमः ।
- ॐ धाम्ने नमः ।
- ॐ सत्याय नमः ।
- ॐ सत्यपराक्रमाय नमः ।
- ॐ निमिषाय नमः ।
- ॐ अनिमिषाय नमः ।
- ॐ स्रग्वीणे नमः ।
- ॐ वाचस्पतये उदारधिये नमः ।
- ॐ अग्रण्ये नमः ।
- ॐ ग्रामण्ये नमः ।
- ॐ श्रीमते नमः । २२० ॥
- ॐ न्यायाय नमः ।
- ॐ नेत्रे नमः ।
- ॐ समीरणाय नमः ।
- ॐ सहस्रमूर्ध्ने नमः ।
- ॐ विश्वात्मने नमः ।
- ॐ सहस्राक्षाय नमः ।
- ॐ सहस्रपदे नमः ।
- ॐ आवर्तनाय नमः ।
- ॐ निवृत्तात्मने नमः ।
- ॐ संवृताय नमः ।
- ॐ सम्प्रमर्दनाय नमः ।
- ॐ अहःसंवर्तकाय नमः ।
- ॐ वह्नये नमः ।
- ॐ अनिलाय नमः ।
- ॐ धरणीधराय नमः ।
- ॐ सुप्रसादाय नमः ।
- ॐ प्रसन्नात्मने नमः ।
- ॐ विश्वधृषे नमः ।
- ॐ विश्वभुजे नमः ।
- ॐ विभवे नमः । २४० ॥
- ॐ सत्कर्त्रे नमः ।
- ॐ सत्कृताय नमः ।
- ॐ साधवे नमः ।
- ॐ जह्नवे नमः ।
- ॐ नारायणाय नमः ।
- ॐ नराय नमः ।
- ॐ असङ्ख्येयाय नमः ।
- ॐ अप्रमेयात्मने नमः ।
- ॐ विशिष्टाय नमः ।
- ॐ शिष्टकृते नमः ।
- ॐ शुचये नमः ।
- ॐ सिद्धार्थाय नमः ।
- ॐ सिद्धसङ्कल्पाय नमः ।
- ॐ सिद्धिदाय नमः ।
- ॐ सिद्धिसाधनाय नमः ।
- ॐ वृषाहिणे नमः ।
- ॐ वृषभाय नमः ।
- ॐ विष्णवे नमः ।
- ॐ वृषपर्वणे नमः ।
- ॐ वृषोदराय नमः । २६० ॥
- ॐ वर्धनाय नमः ।
- ॐ वर्धमानाय नमः ।
- ॐ विविक्ताय नमः ।
- ॐ श्रुतिसागराय नमः ।
- ॐ सुभुजाय नमः ।
- ॐ दुर्धराय नमः ।
- ॐ वाग्मिने नमः ।
- ॐ महेन्द्राय नमः ।
- ॐ वसुदाय नमः ।
- ॐ वसवे नमः । २७० ॥
- ॐ नैकरूपाय नमः ।
- ॐ बृहद्रूपाय नमः ।
- ॐ शिपिविष्टाय नमः ।
- ॐ प्रकाशनाय नमः ।
- ॐ ओजस्तेजोद्युतिधराय नमः ।
- ॐ प्रकाशात्मने नमः ।
- ॐ प्रतापनाय नमः ।
- ॐ ऋद्धाय नमः ।
- ॐ स्पष्टाक्षराय नमः ।
- ॐ मन्त्राय नमः । २८० ॥
- ॐ चन्द्रांशवे नमः ।
- ॐ भास्करद्युतये नमः ।
- ॐ अमृतांशूद्भवाय नमः ।
- ॐ भानवे नमः ।
- ॐ शशिबिन्दवे नमः ।
- ॐ सुरेश्वराय नमः ।
- ॐ औषधाय नमः ।
- ॐ जगतस्सेतवे नमः ।
- ॐ सत्यधर्मपराक्रमाय नमः ।
- ॐ भूतभव्यभवन्नाथाय नमः । २९० ॥
- ॐ पवनाय नमः ।
- ॐ पावनाय नमः ।
- ॐ अनलाय नमः ।
- ॐ कामघ्ने नमः ।
- ॐ कामकृते नमः ।
- ॐ कान्ताय नमः ।
- ॐ कामाय नमः ।
- ॐ कामप्रदाय नमः ।
- ॐ प्रभवे नमः ।
- ॐ युगादिकृते नमः । ३०० ॥
- ॐ युगावर्ताय नमः ।
- ॐ नैकमायाय नमः ।
- ॐ महाशनाय नमः ।
- ॐ अदृश्याय नमः ।
- ॐ व्यक्तरूपाय नमः ।
- ॐ सहस्रजिते नमः ।
- ॐ अनन्तजिते नमः ।
- ॐ इष्टाय नमः ।
- ॐ विशिष्टाय नमः ।
- ॐ शिष्टेष्टाय नमः । ३१० ॥
- ॐ शिखण्डिने नमः ।
- ॐ नहुषाय नमः ।
- ॐ वृषाय नमः ।
- ॐ क्रोधग्ने नमः ।
- ॐ क्रोधकृत्कर्त्रे नमः ।
- ॐ विश्वबाहवे नमः ।
- ॐ महीधराय नमः ।
- ॐ अच्युताय नमः ।
- ॐ प्रथिताय नमः ।
- ॐ प्राणाय नमः । ३२० ॥
- ॐ प्राणदाय नमः ।
- ॐ वासवानुजाय नमः ।
- ॐ अपांनिधये नमः ।
- ॐ अधिष्ठानाय नमः ।
- ॐ अप्रमत्ताय नमः ।
- ॐ प्रतिष्ठिताय नमः ।
- ॐ स्कन्दाय नमः ।
- ॐ स्कन्दधराय नमः ।
- ॐ धुर्याय नमः ।
- ॐ वरदाय नमः ।
- ॐ वायुवाहनाय नमः ।
- ॐ वासुदेवाय नमः ।
- ॐ बृहद्भानवे नमः ।
- ॐ आदिदेवाय नमः ।
- ॐ पुरन्दराय नमः ।
- ॐ अशोकाय नमः ।
- ॐ तारणाय नमः ।
- ॐ ताराय नमः ।
- ॐ शूराय नमः ।
- ॐ शौरये नमः । ३४० ॥
- ॐ जनेश्वराय नमः ।
- ॐ अनुकूलाय नमः ।
- ॐ शतावर्ताय नमः ।
- ॐ पद्मिने नमः ।
- ॐ पद्मनिभेक्षणाय नमः ।
- ॐ पद्मनाभाय नमः ।
- ॐ अरविन्दाक्षाय नमः ।
- ॐ पद्मगर्भाय नमः ।
- ॐ शरीरभृते नमः ।
- ॐ महर्धये नमः । ३५० ॥
- ॐ ऋद्धाय नमः ।
- ॐ वृद्धात्मने नमः ।
- ॐ महाक्षाय नमः ।
- ॐ गरुडध्वजाय नमः ।
- ॐ अतुलाय नमः ।
- ॐ शरभाय नमः ।
- ॐ भीमाय नमः ।
- ॐ समयज्ञाय नमः ।
- ॐ हविर्हरये नमः ।
- ॐ सर्वलक्षणलक्षण्याय नमः ।
- ॐ लक्ष्मीवते नमः ।
- ॐ समितिञ्जयाय नमः ।
- ॐ विक्षराय नमः ।
- ॐ रोहिताय नमः ।
- ॐ मार्गाय नमः ।
- ॐ हेतवे नमः ।
- ॐ दामोदराय नमः ।
- ॐ सहाय नमः ।
- ॐ महीधराय नमः ।
- ॐ महाभागाय नमः । ३७० ॥
- ॐ वेगवते नमः ।
- ॐ अमिताशनाय नमः ।
- ॐ उद्भवाय नमः ।
- ॐ क्षोभणाय नमः ।
- ॐ देवाय नमः ।
- ॐ श्रीगर्भाय नमः ।
- ॐ परमेश्वराय नमः ।
- ॐ करणाय नमः ।
- ॐ कारणाय नमः ।
- ॐ कर्त्रे नमः । ३८० ॥
- ॐ विकर्त्रे नमः ।
- ॐ गहनाय नमः ।
- ॐ गुहाय नमः ।
- ॐ व्यवसायाय नमः ।
- ॐ व्यवस्थानाय नमः ।
- ॐ संस्थानाय नमः ।
- ॐ स्थानदाय नमः ।
- ॐ ध्रुवाय नमः ।
- ॐ परर्धये नमः ।
- ॐ परमस्पष्टाय नमः ।
- ॐ तुष्टाय नमः ।
- ॐ पुष्टाय नमः ।
- ॐ शुभेक्षणाय नमः ।
- ॐ रामाय नमः ।
- ॐ विरामाय नमः ।
- ॐ विरजाय नमः ।
- ॐ मार्गाय नमः ।
- ॐ नेयाय नमः ।
- ॐ नयाय नमः ।
- ॐ अनयाय नमः । ४०० ॥
- ॐ वीराय नमः ।
- ॐ शक्तिमतां श्रेष्ठाय नमः ।
- ॐ धर्माय नमः ।
- ॐ धर्मविदुत्तमाय नमः ।
- ॐ वैकुण्ठाय नमः ।
- ॐ पुरुषाय नमः ।
- ॐ प्राणाय नमः ।
- ॐ प्राणदाय नमः ।
- ॐ प्रणवाय नमः ।
- ॐ पृथवे नमः ।
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः ।
- ॐ शत्रुघ्नाय नमः ।
- ॐ व्याप्ताय नमः ।
- ॐ वायवे नमः ।
- ॐ अधोक्षजाय नमः ।
- ॐ ऋतवे नमः ।
- ॐ सुदर्शनाय नमः ।
- ॐ कालाय नमः ।
- ॐ परमेष्ठिने नमः ।
- ॐ परिग्रहाय नमः । ४२० ॥
- ॐ उग्राय नमः ।
- ॐ संवत्सराय नमः ।
- ॐ दक्षाय नमः ।
- ॐ विश्रामाय नमः ।
- ॐ विश्वदक्षिणाय नमः ।
- ॐ विस्ताराय नमः ।
- ॐ स्थावरस्थाणवे नमः ।
- ॐ प्रमाणाय नमः ।
- ॐ बीजाय अव्ययाय नमः ।
- ॐ अर्थाय नमः । ४३० ॥
- ॐ अनर्थाय नमः ।
- ॐ महाकोशाय नमः ।
- ॐ महाभोगाय नमः ।
- ॐ महाधनाय नमः ।
- ॐ अनिर्विण्णाय नमः ।
- ॐ स्थविष्ठाय नमः ।
- ॐ भुवे नमः ।
- ॐ धर्मयूपाय नमः ।
- ॐ महामखाय नमः ।
- ॐ नक्षत्रनेमये नमः । ४४० ॥
- ॐ नक्षित्रिणे नमः ।
- ॐ क्षमाय नमः ।
- ॐ क्षामाय नमः ।
- ॐ समीहनाय नमः ।
- ॐ यज्ञाय नमः ।
- ॐ इज्याय नमः ।
- ॐ महेज्याय नमः ।
- ॐ क्रतवे नमः ।
- ॐ सत्राय नमः ।
- ॐ सताङ्गतये नमः । ४५० ॥
- ॐ सर्वदर्शिने नमः ।
- ॐ विमुक्तात्मने नमः ।
- ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
- ॐ ज्ञानमुत्तमाय नमः ।
- ॐ सुव्रताय नमः ।
- ॐ सुमुखाय नमः ।
- ॐ सूक्ष्माय नमः ।
- ॐ सुघोषाय नमः ।
- ॐ सुखदाय नमः ।
- ॐ सुहृदे नमः । ४६० ॥
- ॐ मनोहराय नमः ।
- ॐ जितक्रोधाय नमः ।
- ॐ वीरबाहवे नमः ।
- ॐ विदारणाय नमः ।
- ॐ स्वापनाय नमः ।
- ॐ स्ववशाय नमः ।
- ॐ व्यापिने नमः ।
- ॐ नैकात्मने नमः ।
- ॐ नैककर्मकृते नमः ।
- ॐ वत्सराय नमः । ४७० ॥
- ॐ वत्सलाय नमः ।
- ॐ वत्सिने नमः ।
- ॐ रत्नगर्भाय नमः ।
- ॐ धनेश्वराय नमः ।
- ॐ धर्मगुप्ते नमः ।
- ॐ धर्मकृते नमः ।
- ॐ धर्मिणे नमः ।
- ॐ सते नमः ।
- ॐ असते नमः ।
- ॐ क्षराय नमः । ४८० ॥
- ॐ अक्षराय नमः ।
- ॐ अविज्ञात्रे नमः ।
- ॐ सहस्रांशवे नमः ।
- ॐ विधात्रे नमः ।
- ॐ कृतलक्षणाय नमः ।
- ॐ गभस्तिनेमये नमः ।
- ॐ सत्त्वस्थाय नमः ।
- ॐ सिंहाय नमः ।
- ॐ भूतमहेश्वराय नमः ।
- ॐ आदिदेवाय नमः । ४९० ॥
- ॐ महादेवाय नमः ।
- ॐ देवेशाय नमः ।
- ॐ देवभृद्गुरवे नमः ।
- ॐ उत्तराय नमः ।
- ॐ गोपतये नमः ।
- ॐ गोप्त्रे नमः ।
- ॐ ज्ञानगम्याय नमः ।
- ॐ पुरातनाय नमः ।
- ॐ शरीरभूतभृते नमः ।
- ॐ भोक्त्रे नमः । ५०० ॥
- ॐ कपीन्द्राय नमः ।
- ॐ भूरिदक्षिणाय नमः ।
- ॐ सोमपाय नमः ।
- ॐ अमृतपाय नमः ।
- ॐ सोमाय नमः ।
- ॐ पुरुजिते नमः ।
- ॐ पुरुसत्तमाय नमः ।
- ॐ विनयाय नमः ।
- ॐ जयाय नमः ।
- ॐ सत्यसन्धाय नमः । ५१० ॥
- ॐ दाशार्हाय नमः ।
- ॐ सात्वतां पतये नमः ।
- ॐ जीवाय नमः ।
- ॐ विनयितासाक्षिणे नमः ।
- ॐ मुकुन्दाय नमः ।
- ॐ अमितविक्रमाय नमः ।
- ॐ अम्भोनिधये नमः ।
- ॐ अनन्तात्मने नमः ।
- ॐ महोदधिशयाय नमः ।
- ॐ अन्तकाय नमः । ५२० ॥
- ॐ अजाय नमः ।
- ॐ महार्हाय नमः ।
- ॐ स्वाभाव्याय नमः ।
- ॐ जितामित्राय नमः ।
- ॐ प्रमोदनाय नमः ।
- ॐ आनन्दाय नमः ।
- ॐ नन्दनाय नमः ।
- ॐ नन्दाय नमः ।
- ॐ सत्यधर्मणे नमः ।
- ॐ त्रिविक्रमाय नमः । ५३० ॥
- ॐ महर्षये कपिलाचार्याय नमः ।
- ॐ कृतज्ञाय नमः ।
- ॐ मेदिनीपतये नमः ।
- ॐ त्रिपदाय नमः ।
- ॐ त्रिदशाध्यक्षाय नमः ।
- ॐ महाशृङ्गाय नमः ।
- ॐ कृतान्तकृते नमः ।
- ॐ महावराहाय नमः ।
- ॐ गोविन्दाय नमः ।
- ॐ सुषेणाय नमः । ५४० ॥
- ॐ कनकाङ्गदिने नमः ।
- ॐ गुह्याय नमः ।
- ॐ गभीराय नमः ।
- ॐ गहनाय नमः ।
- ॐ गुप्ताय नमः ।
- ॐ चक्रगदाधराय नमः ।
- ॐ वेधसे नमः ।
- ॐ स्वाङ्गाय नमः ।
- ॐ अजिताय नमः ।
- ॐ कृष्णाय नमः । ५५० ॥
- ॐ दृढाय नमः ।
- ॐ सङ्कर्षणाय अच्युताय नमः ।
- ॐ वरुणाय नमः ।
- ॐ वारुणाय नमः ।
- ॐ वृक्षाय नमः ।
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः ।
- ॐ महामनसे नमः ।
- ॐ भगवते नमः ।
- ॐ भगघ्ने नमः ।
- ॐ आनन्दिने नमः । ५६० ॥
- ॐ वनमालिने नमः ।
- ॐ हलायुधाय नमः ।
- ॐ आदित्याय नमः ।
- ॐ ज्योतिरादित्याय नमः ।
- ॐ सहिष्णुवे नमः ।
- ॐ गतिसत्तमाय नमः ।
- ॐ सुधन्वने नमः ।
- ॐ खण्डपरशवे नमः ।
- ॐ दारुणाय नमः ।
- ॐ द्रविणप्रदाय नमः । ५७० ॥
- ॐ दिवस्पृशे नमः ।
- ॐ सर्वदृग्व्यासाय नमः ।
- ॐ वाचस्पतये अयोनिजाय नमः ।
- ॐ त्रिसाम्ने नमः ।
- ॐ सामगाय नमः ।
- ॐ साम्ने नमः ।
- ॐ निर्वाणाय नमः ।
- ॐ भेषजाय नमः ।
- ॐ भिषजे नमः ।
- ॐ सन्न्यासकृते नमः । ५८० ॥
- ॐ शमाय नमः ।
- ॐ शान्ताय नमः ।
- ॐ निष्ठायै नमः ।
- ॐ शान्त्यै नमः ।
- ॐ परायणाय नमः ।
- ॐ शुभाङ्गाय नमः ।
- ॐ शान्तिदाय नमः ।
- ॐ स्रष्टाय नमः ।
- ॐ कुमुदाय नमः ।
- ॐ कुवलेशयाय नमः । ५९० ॥
- ॐ गोहिताय नमः ।
- ॐ गोपतये नमः ।
- ॐ गोप्त्रे नमः ।
- ॐ वृषभाक्षाय नमः ।
- ॐ वृषप्रियाय नमः ।
- ॐ अनिवर्तिने नमः ।
- ॐ निवृत्तात्मने नमः ।
- ॐ सङ्क्षेप्त्रे नमः ।
- ॐ क्षेमकृते नमः ।
- ॐ शिवाय नमः । ६०० ॥
- ॐ श्रीवत्सवक्षसे नमः ।
- ॐ श्रीवासाय नमः ।
- ॐ श्रीपतये नमः ।
- ॐ श्रीमतां वराय नमः ।
- ॐ श्रीदाय नमः ।
- ॐ श्रीशाय नमः ।
- ॐ श्रीनिवासाय नमः ।
- ॐ श्रीनिधये नमः ।
- ॐ श्रीविभावनाय नमः ।
- ॐ श्रीधराय नमः । ६१० ॥
- ॐ श्रीकराय नमः ।
- ॐ श्रेयसे नमः ।
- ॐ श्रीमते नमः ।
- ॐ लोकत्रयाश्रयाय नमः ।
- ॐ स्वक्षाय नमः ।
- ॐ स्वङ्गाय नमः ।
- ॐ शतानन्दाय नमः ।
- ॐ नन्दिने नमः ।
- ॐ ज्योतिर्गणेश्वराय नमः ।
- ॐ विजितात्मने नमः । ६२० ॥
- ॐ विधेयात्मने नमः ।
- ॐ सत्कीर्तये नमः ।
- ॐ छिन्नसंशयाय नमः ।
- ॐ उदीर्णाय नमः ।
- ॐ सर्वतश्चक्षुषे नमः ।
- ॐ अनीशाय नमः ।
- ॐ शाश्वतस्थिराय नमः ।
- ॐ भूशयाय नमः ।
- ॐ भूषणाय नमः ।
- ॐ भूतये नमः । ६३० ॥
- ॐ विशोकाय नमः ।
- ॐ शोकनाशनाय नमः ।
- ॐ अर्चिष्मते नमः ।
- ॐ अर्चिताय नमः ।
- ॐ कुम्भाय नमः ।
- ॐ विशुद्धात्मने नमः ।
- ॐ विशोधनाय नमः ।
- ॐ अनिरुद्धाय नमः ।
- ॐ अप्रतिरथाय नमः ।
- ॐ प्रद्युम्नाय नमः । ६४० ॥
- ॐ अमितविक्रमाय नमः ।
- ॐ कालनेमिनिघ्ने नमः ।
- ॐ वीराय नमः ।
- ॐ शौरये नमः ।
- ॐ शूरजनेश्वराय नमः ।
- ॐ त्रिलोकात्मने नमः ।
- ॐ त्रिलोकेशाय नमः ।
- ॐ केशवाय नमः ।
- ॐ केशिघ्ने नमः ।
- ॐ हरये नमः । ६५० ॥
- ॐ कामदेवाय नमः ।
- ॐ कामपालाय नमः ।
- ॐ कामिने नमः ।
- ॐ कान्ताय नमः ।
- ॐ कृतागमाय नमः ।
- ॐ अनिर्देश्यवपुषे नमः ।
- ॐ विष्णवे नमः ।
- ॐ वीराय नमः ।
- ॐ अनन्ताय नमः ।
- ॐ धनञ्जयाय नमः । ६६० ॥
- ॐ ब्रह्मण्याय नमः ।
- ॐ ब्रह्मकृते नमः ।
- ॐ ब्रह्मणे नमः ।
- ॐ ब्राह्मणे नमः ।
- ॐ ब्रह्माय नमः ।
- ॐ ब्रह्मविवर्धनाय नमः ।
- ॐ ब्रह्मविदे नमः ।
- ॐ ब्राह्मणाय नमः ।
- ॐ ब्रह्मिणे नमः ।
- ॐ ब्रह्मज्ञाय नमः । ६७० ॥
- ॐ ब्राह्मणप्रियाय नमः ।
- ॐ महाक्रमाय नमः ।
- ॐ महाकर्मणे नमः ।
- ॐ महातेजसे नमः ।
- ॐ महोरगाय नमः ।
- ॐ महाक्रतवे नमः ।
- ॐ महायज्विने नमः ।
- ॐ महायज्ञाय नमः ।
- ॐ महाहविषे नमः ।
- ॐ स्तव्याय नमः । ६८० ॥
- ॐ स्तवप्रियाय नमः ।
- ॐ स्तोत्राय नमः ।
- ॐ स्तुतये नमः ।
- ॐ स्तोत्रे नमः ।
- ॐ रणप्रियाय नमः ।
- ॐ पूर्णाय नमः ।
- ॐ पूरयित्रे नमः ।
- ॐ पुण्याय नमः ।
- ॐ पुण्यकीर्तये नमः ।
- ॐ अनामयाय नमः । ६९० ॥
- ॐ मनोजवाय नमः ।
- ॐ तीर्थकराय नमः ।
- ॐ वसुरेतसे नमः ।
- ॐ वसुप्रदाय नमः ।
- ॐ वासुदेवाय नमः ।
- ॐ वसवे नमः ।
- ॐ वसुमनसे नमः ।
- ॐ हविषे नमः ।
- ॐ हविषे नमः ।
- ॐ सद्गतये नमः । ७०० ॥
- ॐ सत्कृतये नमः ।
- ॐ सत्तायै नमः ।
- ॐ सद्भूतये नमः ।
- ॐ सत्परायणाय नमः ।
- ॐ शूरसेनाय नमः ।
- ॐ यदुश्रेष्ठाय नमः ।
- ॐ सन्निवासाय नमः ।
- ॐ सुयामुनाय नमः ।
- ॐ भूतावासाय नमः ।
- ॐ वासुदेवाय नमः । ७१० ॥
- ॐ सर्वासुनिलयाय नमः ।
- ॐ अनलाय नमः ।
- ॐ दर्पघ्ने नमः ।
- ॐ दर्पदाय नमः ।
- ॐ दृप्ताय नमः ।
- ॐ दुर्धराय नमः ।
- ॐ अपराजिताय नमः ।
- ॐ विश्वमूर्तये नमः ।
- ॐ महामूर्तये नमः ।
- ॐ दीप्तमूर्तये नमः । ७२० ॥
- ॐ अमूर्तिमते नमः ।
- ॐ अनेकमूर्तये नमः ।
- ॐ अव्यक्ताय नमः ।
- ॐ शतमूर्तये नमः ।
- ॐ शताननाय नमः ।
- ॐ एकैस्मै नमः ।
- ॐ नैकस्मै नमः ।
- ॐ सवाय नमः ।
- ॐ काय नमः ।
- ॐ कस्मै नमः । ७३० ॥
- ॐ यस्मै नमः ।
- ॐ तस्मै नमः ।
- ॐ पदमनुत्तमाय नमः ।
- ॐ लोकबन्धवे नमः ।
- ॐ लोकनाथाय नमः ।
- ॐ माधवाय नमः ।
- ॐ भक्तवत्सलाय नमः ।
- ॐ सुवर्णवर्णाय नमः ।
- ॐ हेमाङ्गाय नमः ।
- ॐ वराङ्गाय नमः । ७४० ॥
- ॐ चन्दनाङ्गदिने नमः ।
- ॐ वीरघ्ने नमः ।
- ॐ विषमाय नमः ।
- ॐ शून्याय नमः ।
- ॐ घृताशिषे नमः ।
- ॐ अचलाय नमः ।
- ॐ चलाय नमः ।
- ॐ अमानिने नमः ।
- ॐ मानदाय नमः ।
- ॐ मान्याय नमः । ७५० ॥
- ॐ लोकस्वामिने नमः ।
- ॐ त्रिलोकधृषे नमः ।
- ॐ सुमेधसे नमः ।
- ॐ मेधजाय नमः ।
- ॐ धन्याय नमः ।
- ॐ सत्यमेधसे नमः ।
- ॐ धराधराय नमः ।
- ॐ तेजोवृषाय नमः ।
- ॐ द्युतिधराय नमः ।
- ॐ सर्वशस्त्रभृतांवराय नमः । ७६० ॥
- ॐ प्रग्रहाय नमः ।
- ॐ निग्रहाय नमः ।
- ॐ व्यग्राय नमः ।
- ॐ नैकशृङ्गाय नमः ।
- ॐ गदाग्रजाय नमः ।
- ॐ चतुर्मूर्तये नमः ।
- ॐ चतुर्बाहवे नमः ।
- ॐ चतुर्व्यूहाय नमः ।
- ॐ चतुर्गतये नमः ।
- ॐ चतुरात्मने नमः । ७७० ॥
- ॐ चतुर्भावाय नमः ।
- ॐ चतुर्वेदविदे नमः ।
- ॐ एकपदे नमः ।
- ॐ समावर्ताय नमः ।
- ॐ अनिवृत्तात्मने नमः ।
- ॐ दुर्जयाय नमः ।
- ॐ दुरतिक्रमाय नमः ।
- ॐ दुर्लभाय नमः ।
- ॐ दुर्गमाय नमः ।
- ॐ दुर्गाय नमः । ७८० ॥
- ॐ दुरावासाय नमः ।
- ॐ दुरारिघ्ने नमः ।
- ॐ शुभाङ्गाय नमः ।
- ॐ लोकसारङ्गाय नमः ।
- ॐ सुतन्तवे नमः ।
- ॐ तन्तुवर्धनाय नमः ।
- ॐ इन्द्रकर्मणे नमः ।
- ॐ महाकर्मणे नमः ।
- ॐ कृतकर्मणे नमः ।
- ॐ कृतागमाय नमः । ७९० ॥
- ॐ उद्भवाय नमः ।
- ॐ सुन्दराय नमः ।
- ॐ सुन्दाय नमः ।
- ॐ रत्ननाभाय नमः ।
- ॐ सुलोचनाय नमः ।
- ॐ अर्काय नमः ।
- ॐ वाजसनाय नमः ।
- ॐ शृङ्गिने नमः ।
- ॐ जयन्ताय नमः ।
- ॐ सर्वविज्जयिने नमः । ८०० ॥
- ॐ सुवर्ण बिन्दवे नमः
- ॐ अक्षोभ्याय नमः ।
- ॐ सर्ववागीश्वरेश्वराय नमः ।
- ॐ महाह्रदाय नमः ।
- ॐ महागर्ताय नमः ।
- ॐ महाभूताय नमः ।
- ॐ महानिधये नमः ।
- ॐ कुमुदाय नमः ।
- ॐ कुन्दराय नमः ।
- ॐ कुन्दाय नमः । ८१० ॥
- ॐ पर्जन्याय नमः ।
- ॐ पावनाय नमः ।
- ॐ अनिलाय नमः ।
- ॐ अमृतांशाय नमः ।
- ॐ अमृतवपुषे नमः ।
- ॐ सर्वज्ञाय नमः ।
- ॐ सर्वतोमुखाय नमः ।
- ॐ सुलभाय नमः ।
- ॐ सुव्रताय नमः ।
- ॐ सिद्धाय नमः । ८२० ॥
- ॐ शत्रुजिते नमः ।
- ॐ शत्रुतापनाय नमः ।
- ॐ न्यग्रोधाय नमः ।
- ॐ उदुम्बराय नमः ।
- ॐ अश्वत्थाय नमः ।
- ॐ चाणूरान्ध्रनिषूदनाय नमः ।
- ॐ सहस्रार्चिषे नमः ।
- ॐ सप्तजिह्वाय नमः ।
- ॐ सप्तैधसे नमः ।
- ॐ सप्तवाहनाय नमः । ८३० ॥
- ॐ अमूर्तये नमः ।
- ॐ अनघाय नमः ।
- ॐ अचिन्त्याय नमः ।
- ॐ भयकृते नमः ।
- ॐ भयनाशनाय नमः ।
- ॐ अणवे नमः ।
- ॐ बृहते नमः ।
- ॐ कृशाय नमः ।
- ॐ स्थूलाय नमः ।
- ॐ गुणभृते नमः । ८४० ॥
- ॐ निर्गुणाय नमः ।
- ॐ महते नमः ।
- ॐ अधृताय नमः ।
- ॐ स्वधृताय नमः ।
- ॐ स्वास्थ्याय नमः ।
- ॐ प्राग्वंशाय नमः ।
- ॐ वंशवर्धनाय नमः ।
- ॐ भारभृते नमः ।
- ॐ कथिताय नमः ।
- ॐ योगिने नमः । ८५० ॥
- ॐ योगीशाय नमः ।
- ॐ सर्वकामदाय नमः ।
- ॐ आश्रमाय नमः ।
- ॐ श्रमणाय नमः ।
- ॐ क्षामाय नमः ।
- ॐ सुपर्णाय नमः ।
- ॐ वायुवाहनाय नमः ।
- ॐ धनुर्धराय नमः ।
- ॐ धनुर्वेदाय नमः ।
- ॐ दण्डाय नमः । ८६० ॥
- ॐ दमयित्रे नमः ।
- ॐ दमाय नमः ।
- ॐ अपराजिताय नमः ।
- ॐ सर्वसहाय नमः ।
- ॐ नियन्त्रे नमः ।
- ॐ नियमाय नमः ।
- ॐ यमाय नमः ।
- ॐ सत्त्ववते नमः ।
- ॐ सात्त्विकाय नमः ।
- ॐ सत्याय नमः । ८७० ॥
- ॐ सत्यधर्मपरायणाय नमः ।
- ॐ अभिप्रायाय नमः ।
- ॐ प्रियार्हाय नमः ।
- ॐ अर्हाय नमः ।
- ॐ प्रियकृते नमः ।
- ॐ प्रीतिवर्धनाय नमः ।
- ॐ विहायसगतये नमः ।
- ॐ ज्योतिषे नमः ।
- ॐ सुरुचये नमः ।
- ॐ हुतभुजे नमः । ८८० ॥
- ॐ विभवे नमः ।
- ॐ रवये नमः ।
- ॐ विरोचनाय नमः ।
- ॐ सूर्याय नमः ।
- ॐ सवित्रे नमः ।
- ॐ रविलोचनाय नमः ।
- ॐ अनन्ताय नमः ।
- ॐ हुतभुजे नमः ।
- ॐ भोक्त्रे नमः ।
- ॐ सुखदाय नमः । ८९० ॥
- ॐ नैकजाय नमः ।
- ॐ अग्रजाय नमः ।
- ॐ अनिर्विण्णाय नमः ।
- ॐ सदामर्षिणे नमः ।
- ॐ लोकाधिष्ठानाय नमः ।
- ॐ अद्भुताय नमः ।
- ॐ सनातनाय नमः ।
- ॐ सनातनतमाय नमः ।
- ॐ कपिलाय नमः ।
- ॐ कपये नमः । ९०० ॥
- ॐ अव्ययाय नमः ।
- ॐ स्वस्तिदाय नमः ।
- ॐ स्वस्तिकृते नमः ।
- ॐ स्वस्तये नमः ।
- ॐ स्वस्तिभुजे नमः ।
- ॐ स्वस्तिदक्षिणाय नमः ।
- ॐ अरौद्राय नमः ।
- ॐ कुण्डलिने नमः ।
- ॐ चक्रिणे नमः ।
- ॐ विक्रमिणे नमः । ९१० ॥
- ॐ उर्जितशासनाय नमः ।
- ॐ शब्दातिगाय नमः ।
- ॐ शब्दसहाय नमः ।
- ॐ शिशिराय नमः ।
- ॐ शर्वरीकराय नमः ।
- ॐ अक्रूराय नमः ।
- ॐ पेशलाय नमः ।
- ॐ दक्षाय नमः ।
- ॐ दक्षिणाय नमः ।
- ॐ क्षमिणां वराय नमः । ९२० ॥
- ॐ विद्वत्तमाय नमः ।
- ॐ वीतभयाय नमः ।
- ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः ।
- ॐ उत्तारणाय नमः ।
- ॐ दुष्कृतिघ्ने नमः ।
- ॐ पुण्याय नमः ।
- ॐ दुस्वप्ननाशाय नमः ।
- ॐ वीरघ्ने नमः ।
- ॐ रक्षणाय नमः ।
- ॐ सद्भ्यो नमः । ९३० ॥
- ॐ जीवनाय नमः ।
- ॐ पर्यवस्थिताय नमः ।
- ॐ अनन्तरूपाय नमः ।
- ॐ अनन्तश्रिये नमः ।
- ॐ जितमन्यवे नमः ।
- ॐ भयापहाय नमः ।
- ॐ चतुरश्राय नमः ।
- ॐ गभीरात्मने नमः ।
- ॐ विदिशाय नमः ।
- ॐ व्याधिशाय नमः । ९४० ॥
- ॐ दिशाय नमः ।
- ॐ अनादये नमः ।
- ॐ भूर्भुवाय नमः ।
- ॐ लक्ष्मै नमः ।
- ॐ सुवीराय नमः ।
- ॐ रुचिराङ्गदाय नमः ।
- ॐ जननाय नमः ।
- ॐ जनजन्मादये नमः ।
- ॐ भीमाय नमः ।
- ॐ भीमपराक्रमाय नमः । ९५० ॥
- ॐ आधारनिलयाय नमः ।
- ॐ धात्रे नमः ।
- ॐ पुष्पहासाय नमः ।
- ॐ प्रजागराय नमः ।
- ॐ उर्ध्वगाय नमः ।
- ॐ सत्पथाचाराय नमः ।
- ॐ प्राणदाय नमः ।
- ॐ प्रणवाय नमः ।
- ॐ पणाय नमः ।
- ॐ प्रमाणाय नमः । ९६० ॥
- ॐ प्राणनिलयाय नमः ।
- ॐ प्राणभृते नमः ।
- ॐ प्राणजीवनाय नमः ।
- ॐ तत्त्वाय नमः ।
- ॐ तत्त्वविदे नमः ।
- ॐ एकात्मने नमः ।
- ॐ जन्ममृत्युजरातिगाय नमः ।
- ॐ भुर्भुवः स्वस्तरवे नमः
- ॐ ताराय नमः ।
- ॐ सवित्रे नमः । ९७० ॥
- ॐ प्रपितामहाय नमः ।
- ॐ यज्ञाय नमः ।
- ॐ यज्ञपतये नमः ।
- ॐ यज्वने नमः ।
- ॐ यज्ञाङ्गाय नमः ।
- ॐ यज्ञवाहनाय नमः ।
- ॐ यज्ञभृते नमः ।
- ॐ यज्ञकृते नमः ।
- ॐ यज्ञिने नमः ।
- ॐ यज्ञभुजे नमः । ९८० ॥
- ॐ यज्ञसाधनाय नमः ।
- ॐ यज्ञान्तकृते नमः ।
- ॐ यज्ञगुह्याय नमः ।
- ॐ अन्नाय नमः ।
- ॐ अन्नदाय नमः ।
- ॐ आत्मयोनये नमः ।
- ॐ स्वयञ्जाताय नमः ।
- ॐ वैखानाय नमः ।
- ॐ सामगायनाय नमः ।
- ॐ देवकीनन्दनाय नमः । ९९० ॥
- ॐ स्रष्ट्रे नमः ।
- ॐ क्षितीशाय नमः ।
- ॐ पापनाशनाय नमः ।
- ॐ शङ्खभृते नमः ।
- ॐ नन्दकिने नमः ।
- ॐ चक्रिणे नमः ।
- ॐ शर्ङ्गधन्वने नमः ।
- ॐ गदाधराय नमः ।
- ॐ रथाङ्गपाणये नमः ।
- ॐ अक्षोभ्याय नमः । १००० ॥
निष्कर्ष:
श्री विष्णु सहस्रनाम का जाप न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि यह जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने का एक शक्तिशाली उपाय भी है। इसके जाप से प्राप्त होने वाले लाभ व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। नियमित रूप से जाप करने से व्यक्ति का जीवन धर्म, सुख, और समृद्धि से परिपूर्ण होता है।
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