माता लक्ष्मी कलश स्थापना एवं पूजन विधि ( पीडीएफ ) , Mata Lakshmi Kalash installation and worship method ( PDF )

माता लक्ष्मी कलश स्थापना एवं पूजन विधि


माता लक्ष्मी की पूजा में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। यह विधि शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। यहां लक्ष्मी कलश स्थापना के सभी चरणों का वर्णन है:

माता लक्ष्मी कलश स्थापना एवं पूजन विधि PDF 👇


1. पूजा स्थल की तैयारी

सबसे पहले रंगीन गुलाल से अष्टदल कमल का चित्र बनाएं, जिस पर माता लक्ष्मी का सिंहासन बनेगा। उसके आगे शुद्ध मिट्टी या जौ का थड़ा बनाएं, जिसमें कलश की स्थापना करेंगे।

2. कलश स्थापना

थड़े के मध्य में सिंदूर से पांच तिलक लगाकर, जल से भरा हुआ घड़ा रखें। अब कलश को दोनों हाथों से स्पर्श कर मंत्र पढ़ें:

  • कलश भूमि स्पर्श मंत्र:

ऊँ भूरसि मुमिरस्य दितिरसि विष्वछाया विश्वस्य घत्रीं पृथ्वी दुखहिं पृथ्वी मां हिसी।

3. कलश का मुख बंद कर मंत्रोच्चारण

अब दाहिनी हथेली से कलश का मुख बंद करें और निम्नलिखित मंत्र पढ़ें:

  • वरुण देवता का आवाहन:

ॐ वरुणस्योत्तम्भ वरुणस्य स्कम्म सर्जनी स्थां वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद्।

4. सामग्री समर्पण

अब कलश में सभी आवश्यक सामग्री (जैसे औषधि, दुर्वा, सुपारी, पंचरत्न, सुवर्ण, आम के पल्लव, और जल भरा नारियल) डालें। प्रत्येक सामग्री को समर्पित करते हुए संबंधित मंत्रों का उच्चारण करें:

  • औषधि समर्पण मंत्र:

ॐ या औषधि पूर्वजाता देवेभ्य स्वियुगम्पुरा।

  • दुर्वा समर्पण मंत्र:

ॐ काण्डात काण्डात प्ररोहन्ति पुरुषः परुषपरि।

  • पुंगीफल (सुपारी) समर्पण मंत्र:

ॐ या फलिनीयां अफलां अपुष्पा यास्य पुविषणीः।

  • पंचरत्न समर्पण मंत्र:

ॐ परिवाज पतिः कविरग्नि र्हव्यान्य क्रमी दघद्रत्नानि दाशुषे।

  • सुवर्ण समर्पण मंत्र:

ॐ हिरण्यगर्भः समवर्ततार्गे भूतस्य जातः पतिः।

  • आम पल्लव समर्पण मंत्र:

ॐ अम्बे अम्बिके अम्बालिके नमानयंति कस्यद्।

5. नारियल स्थापना

अब कलश पर जलयुक्त नारियल रखें और निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:

  • नारियल समर्पण मंत्र:

ॐ श्रीश्यते लक्ष्मीश्य पत्नया बहोरात्रों पार्श्वे।

6. वस्त्र और मौली लपेटें

कलश पर लाल वस्त्र और मौली लपेटें और इसका मंत्रोच्चारण करें।

  • वस्त्र समर्पण मंत्र:

ऊँ वस्त्रों पवित्रमसि शतघारं वसो।

7. वरुण देव का आवाहन

अब हाथ जोड़कर वरुण देव का आवाहन करें।

  • वरुण देव आवाहन मंत्र:

ॐ तत्वा यामि ब्रह्मणा बन्दमानस्त यजमानो हविर्भिः।

8. समस्त देवताओं का आवाहन

पूरे तीर्थों, नदियों और देवताओं का आवाहन कलश में करें।

  • तीर्थ आवाहन मंत्र:

 

ॐ सर्वे समुद्रा सरितसंतिर्थानी।

9. माता लक्ष्मी का आवाहन

अब माता लक्ष्मी का आवाहन करते हुए उनके पूजन का संकल्प लें।

  • माता लक्ष्मी आवाहन मंत्र:

आगच्छ वरदे देवि दैत्यदर्प निषूदिनि।

10. स्नान, वस्त्र, और सुगंधित इत्र समर्पण

माता लक्ष्मी को दूध, दही, घी, शहद और शर्करा से स्नान कराएं। इसके बाद, उन्हें शुद्ध जल से स्नान कराकर वस्त्र और सुगंधित इत्र अर्पित करें।

इस प्रकार कलश स्थापना विधि पूरी होती है।

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