शिवजी द्वारा बताई गई श्री विष्णु भगवान की पूजा विधि | The method of worship of Lord Vishnu told by Lord Shiva
शिवजी द्वारा बताई गई श्री विष्णु भगवान की पूजा विधि
(शुक उवाच)
विष्णु पूजा का महात्म्य और शुक के द्वारा प्रश्न किए जाने पर जो अद्भुत विधि बताई गई है, वह अत्यंत प्रभावशाली और पापों से मुक्ति देने वाली है। इस लेख में हम जानेंगे कि महादेव शिव ने अपने प्रिय शिष्य शुक को भगवान विष्णु की पूजा कैसे करनी चाहिए, जो पुण्य की वृद्धि करती है और भक्ति के मार्ग में सहायक होती है।
शुक उवाच:
शुक ने कहा, "हे शुभे! महादेव जी ने जो विष्णु भगवान की पूजा विधि बताई है, उसे मैं सुनना चाहता हूँ। तुम धन्य हो, क्योंकि तुम ने पुण्य अर्जित किया है और शिवजी की शिष्या हो। मैं भाग्य से तुम्हारे पास पहुँचा हूँ, और अब मैं यह अत्यंत आश्चर्यजनक विष्णु पूजा विधि सुनना चाहता हूँ, जो मेरे पक्षी शरीर का उद्धार करेगी। यह विधि भगवान विष्णु की भक्ति देने वाली और सुनने में अत्यंत सुखदायक है।"
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श्री कल्कि पुराण सातवाँ अध्याय |
पद्मा जी का उत्तर:
पद्मा जी ने कहा, "शिवजी द्वारा बताई गई श्री विष्णु भगवान की पूजा विधि पवित्र है। इस विधि के श्रद्धापूर्वक अनुष्ठान से गुरु-हत्या, गो-हत्या और ब्रह्म-हत्या जैसे गंभीर पाप भी नष्ट हो जाते हैं। शुक, तुम इसे ध्यानपूर्वक सुनो।"
उन्होंने पूजा की विधि के बारे में विस्तार से बताया।
- नित्य कर्म और स्नान:प्रातःकाल नित्य कर्मों के बाद, स्नान कर पवित्र हो, हाथ-पाँव धोकर और जल स्पर्श कर पूजा करने वाला व्यक्ति अपने आसन पर बैठे।
- पूर्व दिशा में पूजा:पूजा करने के लिए अपने हृदय को शुद्ध करके, पूर्व दिशा की ओर मुँह करके, अंगन्यास और करन्यास करते हुए शरीर की शुद्धि कर, विधिपूर्वक अर्ध्य की स्थापना करें।
- विष्णु का पूजन:इसके बाद, भगवान विष्णु का पूजन संकल्प करते हुए उनके विविध नामों का उच्चारण करें और ध्यानपूर्वक उनके पाद्य, अर्घ्य, स्नान, वस्त्र, आभूषण आदि षोडषोपचार विधि से पूजन करें।
- ध्यान की विधि:भगवान विष्णु के चरणों से लेकर सिर तक का ध्यान करते हुए, यह महसूस करें कि भगवान विष्णु भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान कर रहे हैं। ध्यान समाप्त करने के बाद, 'ॐ नमो नारायणाय स्वाहा' कहकर इस स्तोत्र का पाठ करें।
- विष्णु भगवान के रूप का ध्यान:विष्णु भगवान के रूप का अत्यंत सुंदर और दिव्य विवरण किया गया है। उनकी सुन्दरता, गुण और शक्ति का वर्णन श्लोकों में किया गया है, जो भक्तों को भक्ति मार्ग पर प्रेरित करता है।
- अंतिम प्रार्थना:इस पूजा विधि को श्रद्धापूर्वक करने वाले भक्त सच्चे ब्रह्मानन्द को प्राप्त करते हैं। यह विधि, भगवान विष्णु की पूजा का एक आदर्श रूप है, जो भक्ति, यश, धन और मोक्ष प्रदान करती है।
निष्कर्ष:
यह पूजा विधि न केवल मानसिक और शारीरिक शुद्धि देती है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा से भक्तों को परम सुख, सिद्धि और मुक्ति भी प्राप्त होती है। जो लोग इस विधि का पालन करते हैं, वे जीवन में सफलता, धन, और धार्मिक फल प्राप्त करते हैं।
ध्यान रखें कि पूजा की विधि और ध्यान की शक्ति अत्यंत प्रभावशाली होती है, और इसे सही ढंग से करना आत्मिक शांति और मोक्ष के मार्ग को खोलता है।
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