दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व और इसे रखने की सही विधि | durgaashtamee vrat ka mahatv aur ise rakhane kee sahee vidhi

दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व और इसे रखने की सही विधि

दुर्गाष्टमी व्रत का महत्व दुर्गाष्टमी व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह व्रत देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए रखा जाता है। दुर्गाष्टमी, विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान मनाई जाने वाली अष्टमी तिथि को प्रमुखता से मनाई जाती है। इस दिन मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, दुर्गाष्टमी का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। यह व्रत मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

दुर्गाष्टमी व्रत की सही विधि

  1. स्नान एवं शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. मंदिर एवं पूजन स्थल की सफाई: घर के मंदिर को स्वच्छ करें और मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

  3. व्रत का संकल्प: देवी दुर्गा का ध्यान करते हुए व्रत रखने का संकल्प लें।

  4. पूजा सामग्री की व्यवस्था: मां दुर्गा की पूजा के लिए लाल फूल, अक्षत, चंदन, कुमकुम, धूप, दीप, नैवेद्य, फल और मिष्ठान आदि एकत्र करें।

  5. मां दुर्गा का पूजन: देवी दुर्गा को लाल रंग का वस्त्र, चुनरी, और सुहाग सामग्री अर्पित करें।

  6. मंत्र जाप एवं पाठ: दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती, या अन्य देवी स्तोत्रों का पाठ करें।

  7. हवन एवं आरती: दुर्गाष्टमी के दिन हवन करने से विशेष लाभ मिलता है। घी, कर्पूर और अन्य हवन सामग्री से हवन करें और मां दुर्गा की आरती करें।

  8. भोग और प्रसाद: मां दुर्गा को हलवा, पूरी, चने और फल का भोग लगाएं।

  9. जरूरतमंदों की सेवा: गरीबों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।

  10. व्रत का पारण: अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।

दुर्गाष्टमी व्रत के लाभ

  • यह व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

  • मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

  • परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

दुर्गाष्टमी व्रत पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं।

टिप्पणियाँ