माँ चंद्रघंटा की पूजा का सही तरीका, जिसे अपनाते ही दूर होंगे सभी कष्ट | Maa Chandraghanta kee pooja ka sahee tareeka, jise apanaate hee door honge sabhee kasht
माँ चंद्रघंटा की पूजा का सही तरीका जिसे अपनाते ही दूर होंगे सभी कष्ट
नवरात्रि का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा की उपासना के लिए समर्पित होता है। यह दिन शक्ति और साधना का प्रतीक माना जाता है। माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अद्भुत और दिव्य है, जो भक्तों को साहस, शांति और शक्ति प्रदान करता है। यदि विधिपूर्वक इनकी आराधना की जाए, तो जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं माँ चंद्रघंटा की पूजा का सही तरीका।
माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि
1. सुबह की तैयारी और स्नान:
प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
2. माँ चंद्रघंटा का ध्यान एवं पूजन:
माँ चंद्रघंटा का ध्यान करें और उन्हें अपने मन में स्मरण करें।
माँ को जल से अर्घ्य, पाद्य और आचमन दें।
माँ को अक्षत, सिंदूर और लाल चंदन अर्पित करें।
माँ को सफेद कमल और लाल गुड़हल की माला चढ़ाएं।
माँ को दूध से बनी मिठाई, खीर या पेड़े का भोग लगाएं।
"पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥" मंत्र का जाप करें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
आप चाहें तो माँ चंद्रघंटा की कथा, दुर्गा चालीसा या दुर्गा स्तुति का पाठ भी कर सकते हैं।
माँ की आरती करें और भक्तिभाव से दीप प्रज्वलित करें।
आरती के बाद प्रसाद को परिवार के सदस्यों में वितरित करें।
माँ चंद्रघंटा की कृपा से लाभ
माँ चंद्रघंटा की आराधना करने से साधक के स्वर में दिव्य माधुर्य का संचार होता है। इनकी पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से साधक के भीतर साहस और आत्मविश्वास का विकास होता है।
इस विधि को अपनाकर आप भी माँ चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन के समस्त कष्टों को दूर कर सकते हैं।
टिप्पणियाँ