गणेश भगवान के 12 नाम हिंदू धर्म में प्रसिद्ध हैं।/ There are 12 names of Lord Ganesha famous in Hinduism.

गणेश भगवान के 12 नाम हिंदू धर्म में प्रसिद्ध हैं।

 ये नाम गणेश जी के विभिन्न गुणों, स्वरूपों और महत्व को दर्शाते हैं। निम्नलिखित हैं गणेश भगवान के 12 नाम:
1. वक्रतुण्ड (Vakratunda): वक्रतुण्ड का अर्थ होता है "भगवान जिसकी बेलनी वक्र (कुरुवी) है"। इस नाम से गणेश का विशेष रूप दर्शाया जाता है।
2. एकदंत (Ekadanta): एकदंत का अर्थ होता है "एक दांत वाले"। इस नाम से गणेश की एक प्रमुख विशेषता दर्शाई जाती है - एक ही दांत से वह सबकुछ चबा सकते हैं।
3. कृतीदंत (Krishnendu): कृतीदंत का अर्थ होता है "काले रंग के दंत वाले"। इस नाम से उनके दांतों के काले रंग का वर्णन किया जाता है।
4. गजवक्त्र (Gajavaktra): गजवक्त्र का अर्थ होता है "हाथी के मुख वाले"। इस नाम से गणेश के मुख का वर्णन किया जाता है, जो हाथी के मुख समान होता है।
5. लम्बोदर (Lambodara): लम्बोदर का अर्थ होता है "लम्बे पेट वाले"। इस नाम से गणेश के विशाल पेट का वर्णन किया जाता है।
6. विकट (Vikata): विकट का अर्थ होता है "भयंकर या भयानक"। इस नाम से गणेश का भयंकर रूप दर्शाया जाता है।


7. विघ्नराज (Vighnaraja): विघ्नराज का अर्थ होता है "विघ्नों के राजा"। इस नाम से गणेश का विघ्नहर्ता स्वरूप दर्शाया जाता है।

8. धूम्राकेतु (Dhumraketu): धूम्राकेतु का अर्थ होता है "धूम्रमुख वाले"। इस नाम से गणेश के धूम्रमुख (धुंधला मुख) का वर्णन किया जाता है।
9. गणाध्यक्ष (Ganadhyaksha): गणाध्यक्ष का अर्थ होता है "गणों के अधीश्वर"। इस नाम से गणेश के गणों के प्रमुख का वर्णन किया जाता है।
10. फाल्गुण (Phalgun): फाल्गुण का अर्थ होता है "फाल्गुण मास में जन्मे"। इस नाम से गणेश के जन्म का वर्णन किया जाता है, जो फाल्गुण मास (फरवरी-मार्च) में होता है।
11. गजानन (Gajanan): गजानन का अर्थ होता है "गज के समान चार वक्षस्थल वाले"। इस नाम से गणेश के चार वक्षस्थल (चेस्ट) का वर्णन किया जाता है।
12. वक्रतुण्ड महाकाय (Vakratunda Mahakaya): वक्रतुण्ड महाकाय का अर्थ होता है "बहुत बड़े शरीर वाले और वक्रतुण्ड धारण करने वाले"। यह एक प्रसिद्ध श्लोक है, जिसमें गणेश के महाकाय (बड़े शरीर) और वक्रतुण्ड (वक्र बेलनी धारण करने वाले) रूप का स्तुति किया जाता है।
यहां दर्शाए गए गणेश भगवान के 12 नाम उनके विभिन्न पहलुओं को प्रकट करते हैं और भक्तों को उनके भजन के माध्यम से उन्हें स्मरण करने की प्रेरणा देते हैं।

गणेश भगवान के 12 मंत्रों के नाम और उनके हिंदी अर्थ निम्नलिखित हैं:

1. ॐ गण गणपतये नमः (अर्थ: गणेश को नमस्कार)
2. ॐ वक्रतुण्डाय नमः (अर्थ: वक्रतुण्डाय नमः - कुरुवी वक्र बेलनी धारण करने वाले गणेश को नमस्कार)
3. ॐ एकदन्ताय नमः (अर्थ: एकदंत - एक दंत वाले गणेश को नमस्कार)
4. ॐ कृतीदसाय नमः (अर्थ: कृतीदस - काले रंग के दंत वाले गणेश को नमस्कार)
5. ॐ गजवक्त्राय नमः (अर्थ: गजवक्त्र - हाथी के मुख वाले गणेश को नमस्कार)
6. ॐ लम्बोदराय नमः (अर्थ: लम्बोदर - बड़े पेट वाले गणेश को नमस्कार)
7. ॐ विकटाय नमः (अर्थ: विकट - भयंकर रूप वाले गणेश को नमस्कार)
8. ॐ विघ्नराजाय नमः (अर्थ: विघ्नराज - विघ्नों के राजा गणेश को नमस्कार)
9. ॐ धूम्रकेतवे नमः (अर्थ: धूम्रकेतु - धूम्रमुख वाले गणेश को नमस्कार)
10. ॐ गणाध्यक्षाय नमः (अर्थ: गणाध्यक्ष - गणों के अधीश्वर गणेश को नमस्कार)
11. ॐ फाल्गुणाय नमः (अर्थ: फाल्गुण - फाल्गुण मास में जन्मे गणेश को नमस्कार)
12. ॐ गजाननाय नमः (अर्थ: गजानन - गज के समान चार वक्षस्थल वाले गणेश को नमस्कार)
ये मंत्र गणेश भगवान की पूजा और भक्ति में उच्चारण किए जाते हैं और उन्हें भक्तों के समस्त विघ्नों को दूर करने, समृद्धि, सुख, शुभकामनाएं और समर्थि के लिए आशीर्वाद देने की प्रार्थना की जाती है।

भगवान गणेश को खुश करने के लिए 

1. भक्ति और पूजा: गणेश भगवान को भक्ति और पूजा करने से उन्हें प्रसन्नता मिलती है। रोज़ाना उनके मंत्र जाप करने और आरती करने से उन्हें आनंद मिलता है।
2. समर्पण: अपने सभी कार्यों और परिस्थितियों को भगवान गणेश के चरणों में समर्पित करें। उन्हें अपनी समस्याओं और चिंताओं का समाधान देने की अनुमति दें।
3. सदव्रत: गणेश भगवान को खुश करने के लिए सदाचार का पालन करें। धार्मिकता, ईमानदारी, दया और सभी प्राणियों के प्रति सम्मान के साथ जीवन जियें।
4. प्रासाद: गणेश भगवान को फल, मिठाई और प्रासाद अर्पित करें। आप उनको मोदक, लड्डू, सुगंधित धूप, फूल आदि अर्पित कर सकते हैं।
5. मांगलिक गान: गणेश भगवान के गाने और स्तोत्रों का सुनना और गाना उन्हें आनंदित कर सकता है। इससे आपको भी शांति और आनंद मिलेगा।
6. प्रार्थना: अपनी इच्छाओं, संकटों, और समस्याओं को भगवान गणेश के सामने रखें और उनसे उन्हें दूर करने की प्रार्थना करें।
ध्यान रहे कि भगवान को खुश करने के लिए सच्चे मन से उनकी भक्ति करना और सदाचारी जीवन जीना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। भगवान के भक्ति में निष्ठा और प्रेम रखने से उन्हें प्रसन्नता और आशीर्वाद मिलता है।

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