भगवान शिव के28अवतारों के नामऔरअर्थ
भगवान शिव के 28 अवतारों की गणना मुख्य रूप से "शिव महापुराण" और अन्य पुराणों में की गई है। इन अवतारों को "अष्टाविंशति तत्त्वम्" भी कहा जाता है। ये अवतार शिव के विभिन्न रूपों को दर्शाते हैं और उनके महत्वपूर्ण कार्यों को प्रकट करते हैं।
शिव के बारे में कुछ और बातें
- शिव स्वयंभू हैं, यानी खुद ही प्रकट हुए हैं
- विष्णु पुराण के अनुसार, शिव विष्णु जी के माथे के तेज से उत्पन्न हुए
- शिव का रहन-सहन और वेश-भूषा विचित्र है
- शिव के असली रूप को देखना असंभव है
- शिव का त्रिशूल न सिर्फ़ शस्त्र है, बल्कि मानव शरीर में मौजूद नाड़ियों का सूचक माना जाता है
- शिव द्वारा चंद्रमा को धारण करना मन के नियंत्रण का प्रतीक है
- शिव के सभी त्योहार और पर्व चांद्रमास पर ही आधारित होते हैं
भगवान शिव के 28 मुख्य अवतारों
- महाकाल
- महादेव
- रुद्र
- नीलकंठ
- शंकर
- अंबिकेश्वर
- कैलाशाधिपति
- उग्र
- महेश्वर
- त्र्यम्बक
- इषान
- भैरव
- तत्पुरुष
- अव्यक्त
- पशुपति
- शूलपाणि
- शर्व
- अशनिनील
- वामदेव
- शङ्कराचार्य
- कृपालु
- भगवान शिव
- प्रभु
- देवेश
- शम्भु
- शूलधारी
- सर्वभूतेश
- महेश
भगवान शिव के 28 अवतारों का अर्थ है
- महाकाल - महान काल, सर्वोच्च काल
- महादेव - महान देवता, सर्वोच्च देवता
- रुद्र - त्रिदेवों में एक देवता, विष्णु और ब्रह्मा के साथी रूप में रक्षाकारी
- नीलकंठ - नीले गले वाला, कृष्ण अर्थात गहरे नीले रंग के गले वाला
- शंकर - सुखदायक, समृद्धिदायक, सुख की प्राप्ति करने वाला
- अंबिकेश्वर - पर्वती के पति, शिव के स्वामी
- कैलाशाधिपति - कैलाश पर्वत के स्वामी, हिमालय के शासक
- उग्र - भयंकर, रुद्र, बहुत गर्जन करने वाला
- महेश्वर - महान ईश्वर, सर्वोच्च ईश्वर
- त्र्यम्बक - तीन नेत्रों वाला, तीन आँखों वाला
- इषान - नियंत्रक, निर्देशक
- भैरव - भयंकर, डरावने रूप में प्रकट होने वाला
- तत्पुरुष - परमात्मा का व्यक्त रूप, प्रकृति का पुरुष
- अव्यक्त - अदृश्य, निराकार, अनुभव नहीं किया जा सकने वाला
- पशुपति - पशुओं के स्वामी, सभी पशुओं के पालक
- शूलपाणि - शूल धारी, त्रिशूल धारी
- शर्व - सर्व, सबका
- अशनिनील - जिसकी नेत्री भयंकर नीली हो, अग्नि और नील रंग के सहित
- वामदेव - वाम मार्ग का पालन करने वाला, वामाचार का प्रचारक
- शङ्कराचार्य - शंकर का आचार्य, शंकर के महान गुरु
- कृपालु - दयालु, कृपा करने वाला
- भगवान शिव - भगवान शिव के स्वरूप
- प्रभु - जगत का स्वामी, ईश्वर
- देवेश - देवताओं के स्वामी, देवताओं का राजा
- शम्भु - शिव का एक और नाम, सृष्टि करने वाला
- शूलधारी - त्रिशूल धारी
- सर्वभूतेश - सभी भूतों के स्वामी, सभी प्राणियों का ईश्वर
- महेश - महान ईश्वर, सर्वोच्च ईश्वर
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