भगवान राम के जीवन से संबंधित 50 रोचक तथ्य /50 interesting facts related to the life of Lord Rama

भगवान राम के जीवन से संबंधित 50 रोचक तथ्य 

 भगवान राम के जीवन से संबंधित हैं:-
1. राम का जन्मस्थान अयोध्या में हुआ था।
2. राम के माता-पिता का नाम कौसल्या और दशरथ था।
3. राम के चार भाई थे - भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न।
4. राम को 'राघव' और 'रामचंद्र' भी कहा जाता है।
5. राम के गुरु वशिष्ठ रषि थे, जिन्होंने उन्हें धर्म के ज्ञान की शिक्षा दी।
6. राम ने सीता से सवित्री की अपेक्षा सात पत्नियों से विवाह किया था।
7. भगवान राम की पुराणी और प्रसिद्ध संगठन 'रामराज्य' थी, जिसे धर्म, न्याय, समृद्धि, और विकास के पराग के रूप में जाना जाता है।
8. राम के लक्ष्मण और हनुमान के साथ भ्रातृभाव बहुत मजबूत था।
9. रामायण का रचयिता महर्षि वाल्मीकि माना जाता है।
10. भगवान राम के बचपन का नाम 'बालराम' था।
11. भगवान राम ने धनुष बेन्द व भस्मासुर को मारने के लिए अखंड शिवधनुष का उपयोग किया था।
12. भगवान राम और सीता की दरबार में सुग्रीव को अपना मित्र बनाया था और उन्हें किसी कारणवश अयोध्या का राजा बना दिया था।
13. भगवान राम और लक्ष्मण ने जनकपुरी के स्वयंवर में धनुर्विद्या में प्रवीण थे और सीता की साध्वी प्रकृति ने उन्हें दीप्तिमान बनाया था।
14. रामायण में भगवान राम द्वारा राक्षस रावण के संहार के लिए रावण दहन की घटना विशेष महत्त्वपूर्ण है।
15. राम ने विभीषण को राक्षसों के राजा बनाया, जिससे भक्ति की उच्चता का प्रतीक मिलता है।
16. राम ने अपनी पत्नी सीता के पवित्रता की परीक्षा के लिए उसे अग्नि परीक्षा में भेजा था।
17. भगवान राम ने लंका को जीतकर अयोध्या लौटने पर भयंकर युद्ध नहीं किया, बल्कि सीता को विपदा से बचाने के लिए उनकी भक्ति के प्रतीक प्रेम का परिचय किया।
18. रामायण में 'भगवान राम' शब्द का प्रयोग 2,500 से अधिक बार हुआ है।
19. भगवान राम ने अपने पिता राजा दशरथ के आदेश के विरुद्ध वनवास जाने का निर्धारण किया।
20. राम और सीता का विवाह जनकपुरी में मिथिला राजकुमारी सीता से सम्पन्न हुआ था।
21. राम के लक्ष्मण के बिना रावण वध नहीं होता, इसलिए राम ने लक्ष्मण को अक्षय पात्र से अमर बना दिया था।
22. भगवान राम और माता सीता का विवाह कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) के शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि को हुआ था।
23. राम के द्वारा उचित धर्म मार्ग पर चलने के लिए उन्होंने अपने लिए और अपने भक्तों के लिए प्रेरणा दी।
24. भगवान राम ने राक्षसी शूर्पणखा को नाक, कान और कांपूर में वानर सेना द्वारा अपमानित करवाया था।
25. रामायण में भगवान राम और सीता के प्रेम को आदर्श माना जाता है और इसे 'राम-सीता' का प्रेम कहा जाता है।
26. भगवान राम ने बनवास के समय ऋषि विश्वामित्र के साथ त्रिशुल व अन्य आयुधों का अद्भुत उपयोग करते हुए तारका और मारीच का वध किया था।
27. रामायण में राम और सीता के बारे में भगवान ब्रह्मा ने उनके उत्पत्ति और जीवन का वर्णन किया है।
28. भगवान राम की धनुर्विद्या में विशेषज्ञता थी, जिसे उन्होंने लंका यात्रा के दौरान दिखाई थी।
29. भगवान राम और सीता की वनवास के दौरान उन्होंने विभीषण से मिलकर एकाकी भजन किया था।
30. रामायण में राम की शक्तियों का वर्णन करते हुए उन्हें आदित्यनंदन, जाम्बवान श्रेष्ठ, वानरेश्वर, रणजित और महाबाहु कहा गया है।
31. भगवान राम की प्रिय भक्त हनुमान थे और उन्होंने उन्हें अपने गुरु और आदर्श के रूप में माना था।
32. भगवान राम की उच्च कीर्ति के कारण उन्होंने कई भक्तों को अपने अवतार में लीलावतार में मिलाया था।
33. राम और रावण के बीच युद्ध में राम ने ब्रह्मास्त्र का उपयोग नहीं किया, जिससे उन्होंने दर्शन दिव्य अस्त्रों का विकास किया।
34. राम ने रावण के वध
 के लिए ब्रह्मास्त्र का उपयोग नहीं किया और बल्कि सीता के प्रति उनके प्रेम के चलते उन्होंने एक लंगूर बाण से उसका वध किया।
35. राम ने रावण के वध के लिए सच्चे मर्यादा पुरुषोत्तम और श्रेष्ठ धर्मी रूप में प्रसिद्ध हो गए थे।
36. राम ने विभीषण के वध के लिए ब्रह्मास्त्र का उपयोग नहीं किया, जिससे उन्होंने अपनी दृढ़ता और शक्ति का प्रदर्शन किया।
37. भगवान राम का वनवास 14 वर्षों तक चला।
38. राम का परिवार उनके वनवास में सदैव उनके साथ रहता था।
39. राम के वनवास के दौरान उन्होंने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया था।
40. राम ने वनवास के दौरान कई ऋषियों और वनवासियों को अपने आश्रम में स्वयं पूजन की सुविधा प्रदान की।
41. राम के पास हनुमान और वानर सेना का साथ था, जो उन्हें लंका जाने में मदद करने आए थे।
42. भगवान राम के लगभग 1.5 लाख प्रेमी भक्त हुए थे, जो उनकी सेवा करते थे।
43. राम और लक्ष्मण का विरोधी राक्षसी शूर्पणखा ने लक्ष्मण के परिवार में विभीषण को अनुसरण करने की सलाह दी थी।
44. रामायण में राम ने राक्षसी ताड़का, मारीच, शुर्पणखा, शुक, खर और दूषण का वध किया था।
45. राम ने बारह वर्ष के वनवास के दौरान महान ऋषियों के आदेश पर शरभंग ऋषि को नरकासुर वध में मदद की थी।
46. राम का विवाह विश्वमित्र ऋषि के आदेश पर हुआ था, जो उन्हें श्रीरामचंद्र के सभी लीलाएं दिखाने के लिए ले गए थे।
47. राम ने वनवास के दौरान शबरी नामक भक्त के गहने चुषने से विशेष संतुष्टि प्राप्त की थी।
48. भगवान राम का प्रत्यारोपण सियावरामपुर में हुआ था, जो विश्वामित्र ऋषि के आदेश पर उन्हें द्वारका भेज दिया था।
49. भगवान राम ने अपने परिवार के साथ वनवास में अपनी वजीर अहिरावण के साथ ब्रह्मा राक्षस वध में मदद की थी।
50. राम ने वनवास के दौरान सूर्प्णका, खर, दूषण, ताड़का, शुक और मारीच के साथ अधिकांश राक्षसों का वध किया था।

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