शनि देव के 65 नाम और उनके महत्वपूर्ण गुण: / 65 names of Shani Dev and their important qualities:

 शनि देव के 65 नाम और उनके महत्वपूर्ण गुण:

1. शनैश्चराय नमः (Shanishcharaya Namah) - शनि के शनैश्चर ग्रह का नामकरण करते हुए, यह नाम शनि के विभिन्न गुणों को समर्थित करता है।
2. रवि पुत्राय नमः (Ravi Putraya Namah) - शनि देव को सूर्य के पुत्र के रूप में संबोधित किया जाता है। यह नाम शनि के पारिवारिक रिश्तों की महत्वता को प्रतिपादित करता है।
3. यमाग्रजाय नमः (Yamagrajaya Namah) - यमराज के भाई के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से शनि के संबंध मृत्यु और अन्तिम संस्कार के साथ जुड़े हुए हैं।
4. छाया पुत्राय नमः (Chhaya Putraya Namah) - छाया के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। छाया देवी शनि की माँ थी और इस नाम से उनके वंशावली और गौरव की महत्वता दिखती है।
5. राजाय नमः (Rajaya Namah) - शनि देव को राजा के रूप में संबोधित किया जाता है। यह नाम उनके शासन और प्रशासन के गुणों को दर्शाता है।



6. राजपुत्राय नमः (Rajaputraya Namah) - राजपुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके उत्पन्न होने और राजसत्ता में योगदान के संबंध में है।
7. यमजन्मने नमः (Yamajanmane Namah) - यमराज के जन्म से संबंधित शनि का नाम। इस नाम से शनि के मृत्यु और जन्म के चक्र को दर्शाया जाता है।
8. चायामर्तण्डाय नमः (Chayamartandaya Namah) - छाया के सूर्य पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके पालक और निर्माता होने को प्रकट करता है।
9. कृत्तिकासूनवे नमः (Krittikasunave Namah) - कृत्तिका नक्षत्र के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम शनि के उत्पत्ति से सम्बंधित है।
10. विशाखायुताय नमः (Vishakhaayutaya Namah) - विशाखा नक्षत्र के युत योग के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके दैविक आयुष्य और योग्यता का बोध होता है।
11. विश्वकर्मणे नमः (Vishwakarmane Namah) - विश्वकर्मा देवता के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके कारिगरी और निर्माता रूप को दर्शाता है।
12. मनोजवाय नमः (Manojavaya Namah) - मनोजव गति के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वेगशाली और सुस्तीपूर्ण गतिविधियों का प्रशंसा किया जाता है।
13. तीर्थकराय नमः (Teerthakaraya Namah) - तीर्थ यात्रा के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके स्नान, दान, और धर्मिक कर्म को दर्शाता है।
14. शौरये नमः (Shauraye Namah) - शौर्य के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वीरता, साहस और सामर्थ्य को प्रकट किया जाता है।
15. शौरिपुत्राय नमः (Shauriputraya Namah) - शौर्यपुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके माता-पिता श्रीकृष्ण और देवकी के पुत्र के रूप में श्रीकृष्ण के साहसी बचपन की महत्वता प्रकट होती है।
16. वारिधीनवासाय नमः (Vaaridheenavasaaya Namah) - समुद्रों के निवासी के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके किनारों और निकटस्थल यात्रा को प्रशंसा करता है।
17. योगाधिपतये नमः (Yogadhipataye Namah) - योग शास्त्र के अधिपति के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके ध्यान और ध्यानाभ्यास की महत्वता प्रकट होती है।
18. व्यवसायाय नमः (Vyavasaayaaya Namah) - व्यवसाय या व्यापार के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके व्यापारिक कौशल की प्रशंसा होती है।
19. वायुपुत्राय नमः (Vaayuputraya Namah) - वायुपुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके वायु यात्रा और आकाश यात्रा को दर्शाता है।
20. पिङ्गाक्षाय नमः (Pingaakshaaya Namah)- पिङ्गाक्ष ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके ग्रह संबंधी गुणों की महत्वता प्रकट होती है।
21. सौराय नमः (Sauraya Namah) - सूर्य के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके दिव्यत्व और उज्ज्वलता का बोध होता है।
22. यमाय नमः (Yamaaya Namah) - यमराज के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके न्यायपालन की महत्वता प्रकट होती है।
23. महातपसे नमः (Mahaatapase Namah) - महत्तपस्वी के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके तपस्या और अध्यात्मिक गुणों को दर्शाता है।
24. वृषारूढाय नमः (Vrisharoodhaaya Namah) - वृषरूपी ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वाहन के रूप में वृषभ का महत्व दिखता है।
25. वराय नमः (Varaya Namah) - वरदानकर के रूप में शनि का सम्बोधन। यह नाम उनके वचन और वचन निभाने की महत्वता को दर्शाता है।
26. सौरिश्वराय नमः (Saurishwaraaya Namah) - सूर्य और शिव के देवता के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके द्वैतीय स्वरूप और उनके द्वैतीय स्वरूप की महत्वता प्रकट होती है।
27. वैश्रवणाय नमः (Vaishravanaaya Namah) - कुबेर देवता के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके धन और सम्पदा से संबंधित गुणों की महत्वता प्रकट होती है।
28. वैश्रवणवते नमः (Vaishravanavate Namah) - वैश्रवण ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके धन और वित्तीय गुणों की महत्वता प्रकट होती है।
29. रवितेजसे नमः (Ravithejase Namah) - रवि के तेज से युत ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके तेजस्वी स्वरूप का बोध होता है।
30. रविषण्डाय नमः (Ravishandaya Namah) - रवि के तेज से प्रदीप्त ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके तेजस्वी रूप की महत्वता प्रकट होती है।
31. अर्धवाहनाय नमः (Ardhavaahanaaya Namah) - अर्धवाहन ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके आध वाहन के संबंध में ज्ञान का बोध होता है।
32. रविकीर्तये नमः (Ravikeertaye Namah) - रवि की स्तुति करने वाले ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके स्तुति और सम्मान का महत्व प्रकट होता है।
33. धनुर्धराय नमः (Dhanurdharaaya Namah) - धनुषधारी ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके धनुर्धारण के संबंध में गुणों का बोध होता है।
34. धनुर्वेधाय नमः (Dhanurvedhaaya Namah) - धनुर्वेद के विद्वान ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके युद्ध विद्या और युद्ध कर्म के संबंध में गुणों का बोध होता है।
35. धवलाय नमः (Dhavalaaya Namah) - धवला नक्षत्र के स्वामी के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके विध्या और विद्या के संबंध में गुणों का बोध होता है।
36. कालाय नमः (Kaalaaya Namah) - काल के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके काली रूप और काल के प्रकट होने की महत्वता प्रकट होती है।
37.छायापुत्राय नमः (Chayaaputraya Namah) - छाया के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वंशज और परिवार के संबंध में गुणों का बोध होता है।
38. इन्दुरुचये नमः (Induruchaye Namah) - चन्द्रमा के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके इंदु स्वरूप और चंद्रमा से संबंधित गुणों का प्रकट होता है।
39. शक्राय नमः (Shakraaya Namah) - इंद्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके देवराज और सृष्टि संभालने की महत्वता प्रकट होती है।
40. विजयायनमः (Vijayaaya Namah) - विजयी ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके विजयी स्वरूप और सफलता के संबंध में गुणों का बोध होता है।
41. कोटीष्वराय नमः (Koteeshwaraaya Namah) - कोटि ग्रहों के स्वामी के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके कोटि ग्रहों के प्रकट होने की महत्वता प्रकट होती है।
42. सिद्धाय नमः (Siddhaaya Namah) - सिद्ध ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके सिद्ध ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
43. भूताधिपाय नमः (Bhootaadhipaaya Namah) - भूतों के भगवान के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके भूत भगवान के संबंध में गुणों का बोध होता है।
44. सोमाय नमः (Somaaya Namah) - चन्द्रमा के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके सोम स्वरूप और चंद्रमा से संबंधित गुणों का प्रकट होता है।
45. चित्राय नमः (Chitraaya Namah) - चित्र ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके चित्र ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
46. कुष्माण्डाय नमः (Kushmaandaaya Namah) - कुष्माण्ड ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके कुष्माण्ड ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
47. महायशाय नमः (Mahaayashaaya Namah) - महायश ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके महायश ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
48. क्रूरदृष्टये नमः (Krooradrishtaye Namah) - क्रूरदृष्टि ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके क्रूरदृष्टि ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
49. रविपुत्राय नमः (Raviputraya Namah) - रवि के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके रवि के पुत्र होने की महत्वता प्रकट होती है।
50. महाग्रसाय नमः (Mahaagrasaaya Namah) - महाग्रस ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके महाग्रस ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
51. वराय नमः (Varaaya Namah) - वरदानकर ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वरदान देने वाले स्वरूप का बोध होता है।
52. वर्धनाय नमः (Vardhnaaya Namah) - वर्धन ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वर्धन ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
53.वृषभाक्षाय नमः (Vrishabhaakshaaya Namah) - वृषभ ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके वृषभ ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
54.भूतिकृते नमः (Bhootikrite Namah) - भूतिकर्ता ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके भूतिकर्ता ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
55.विश्वाधिपाय नमः (Vishwaadhipaaya Namah) - विश्व के भगवान के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके विश्व के भगवान होने की महत्वता प्रकट होती है।
56.रविकीर्तये नमः (Ravikeertaye Namah) - रवि की स्तुति करने वाले ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके रवि के भक्त और स्तुति करने वाले होने का बोध होता है।
57.माधवाय नमः (Maadhavaaya Namah) - भगवान विष्णु के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके भगवान विष्णु के स्वरूप का बोध होता है।
58.सोमपुत्राय नमः (Somaputraya Namah) - चन्द्रमा के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके चन्द्रमा के पुत्र होने की महत्वता प्रकट होती है।
59.सोमसुताय नमः (Somasutaaya Namah) - चन्द्रमा के सुत के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके चन्द्रमा के सुत होने की महत्वता प्रकट होती है।
60.गुरुसुताय नमः (Gurusutaaya Namah) - गुरु के सुत के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके गुरु के सुत होने की महत्वता प्रकट होती है।
61.गुरुपुत्राय नमः (Guruputraya Namah) - गुरु के पुत्र के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके गुरु के पुत्र होने की महत्वता प्रकट होती है।
62.महाकर्मणे नमः (Mahaakarmaṇe Namah) - महाकर्मा ग्रह के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके महाकर्मा ग्रह से संबंधित गुणों का बोध होता है।
63.बृहस्पतिवते नमः (Brihaspativate Namah) - बृहस्पति ग्रह के वत्स योग के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके बृहस्पति ग्रह के संबंध में गुणों का बोध होता है।
64.मन्त्रिणे नमः (Mantriṇe Namah) - मन्त्रियों के स्वामी के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके मन्त्रियों के संबंध में गुणों का बोध होता है।
65.धनाधिपाय नमः (Dhanaadhipaaya Namah) - धन के स्वामी के रूप में शनि का सम्बोधन। इस नाम से उनके धन के संबंध में गुणों का बोध होता है।

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