गणेश भगवान के बारे में /About Lord Ganesha

गणेश भगवान के बारे में

गणेश भगवान (Ganesha Bhagwan) हिंदू धर्म में विशेष रूप से पूजे जाने वाले देवता हैं। उन्हें विघ्नहर्ता (Vighnaharta) और सिद्धिविनायक (Siddhivinayak) भी कहा जाता है। गणेश भगवान को बुद्धिविद्या, सार्थकता, समृद्धि, शक्ति, और विजय के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।वे मूषक वाहन धारण करने वाले होते हैं और अपने भक्तों के मनोकामनाएं पूर्ण करने में मदद करते हैं। गणेश भगवान की पूजा विशेष रूप से शुरू किसी भी शुभ कार्य में बाधा नष्ट करने के लिए की जाती है। उन्हें विद्या, कला, व्यापार, और सफलता के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।गणेश भगवान के चिह्न एक मुद्गल (फल) से ढका हुआ होता है जो उनके हाथों में होता है। उनके एक चारों हाथों में आधारित होने की वजह से वे चतुर्भुज (four-armed) गणेश भी कहलाते हैं। वे लाल और पीले रंग के वस्त्र पहनते हैं।गणेश चतुर्थी भारत में एक प्रमुख त्योहार है, जिसे बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तमिलनाडु में मनाया जाता है।गणेश भगवान को सभी शुभ कार्यों की शुरुआत में प्रार्थना करने और बाधाओं को दूर करने के लिए भक्त उनकी आराधना करते हैं। उन्हें बुद्धि, बल, साहस, और सफलता के देवता के रूप में सम्मानित किया जाता है।
गणेश भगवान की कथा (Katha) विभिन्न पुराणों में विभागित है और उन्हें अलग-अलग प्रकार की कथाएं मिलती हैं। निम्नलिखित एक प्रसिद्ध कथा गणेश भगवान की जन्म के बारे में है:

कथा: गणेश जन्म कथा

देवी पार्वती का मन भगवान शिव को पुत्र प्राप्ति के लिए उत्सुक था। एक दिन, जब उन्होंने स्नान के बाद संगमरमर के गंदे मिट्टी से एक मूर्ति बनाई, तो उन्हें एक नवजात बालक के रूप में जीवन प्राण दिए गए। वह बालक था गणेश भगवान।एक दिन, पार्वती माता ने अपने घर के आगे उत्सव के लिए गणेश को बुलाया और उन्हें सारी इंद्रियों से परिपूर्ण बनाने के लिए नाना वस्त्र, गहने और बहुत सी मिठाईयों से सजाया। इस दौरान, गणेश भगवान अपनी मां के वचन के अनुसार भोजन के लिए निकल पड़े।
वह चलते समय एक गहरे जंगल में आए जहां एक अशुभ नागरिक नामक राक्षस रहता था। राक्षस ने गणेश को रोककर उनके पास से गुजरने को कहा, लेकिन गणेश ने इनकार कर दिया। राक्षस ने फिर से कहा, जिस पर गणेश ने इनकार किया। राक्षस ने अपनी बड़ी शक्ति का उपयोग करके गणेश को रोक लिया और उनके सिर को काट दिया।जब देवी पार्वती ने देखा कि उनके पुत्र को मार दिया गया है, तो उन्होंने बहुत दुखी होकर भगवान शिव को आवाहन किया। उन्होंने राक्षस को ध्वंस करने के लिए अपने वीरभद्र को भेजा। वीरभद्र ने राक्षस को मार डाला और गणेश के शीश को ले कर आए।भगवान शिव ने गणेश के शीश को देखकर अत्यंत दुखी होते हुए उन्हें जीवन देने के लिए उन्हें एक त्रुण धरती से उतारा। उस समय शिव ने वचन दिया कि गणेश भगवान हमेशा से प्रत्येक प्रकार के शुभ कार्यों के पहले पूजे जाएंगे और उन्हें सर्वविधि से पूजा जाएगा। इसलिए, गणेश भगवान को विघ्नहर्ता और सिद्धिविनायक के नाम से जाना जाता है।यह गणेश जन्म कथा एक प्रसिद्ध कथा है और भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती है। गणेश

कुछ रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य (facts) गणेश भगवान के बारे में 

1. गणेश भगवान को भगवान शिव और देवी पार्वती का पुत्र माना जाता है।
2. गणेश के नाम के पीछे "गण" शब्द आता है, जिसका अर्थ है "भक्तों के सेना" या "विश्व के रक्षक"।
3. गणेश के चार हाथ होते हैं, जिनमें वस्त्र और एक मूषक (मूषकराज) वाहन धारण करते हुए दिखाई देता है।
4. गणेश भगवान की विशिष्ट शक्ति के कारण, वे विजय, समृद्धि, विद्या, और विघ्नों के नाश के देवता के रूप में पूजे जाते हैं।
5. गणेश जन्म की कथा के अनुसार, उनके माथे पर एक ट्रिशूल चिह्नित होता है, जो उनके जन्म समय की कठिनाइयों को दर्शाता है।
6. गणेश चतुर्थी भारत में एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।
7. गणेश भगवान को बुद्धिविद्या, लेखनी-लिपि, और संगीत का पट्टी धारण करते हुए दिखाया जाता है।
8. गणेश भगवान की पूजा शुभ कार्यों की शुरुआत में होती है और उन्हें विभिन्न प्रकार की मिठाई, मोदक, पुरी, फल आदि से आनंदित किया जाता है।
9. गणेश चतुर्थी के दिन, विशेष रूप से भारत में भगवान गणेश के मंदिर और पंडाल स्थापित किए जाते हैं, जिन्हें भक्त श्रद्धाभक्ति से दर्शन करते हैं।
10. गणेश भगवान को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे विघ्नहर्ता, सिद्धिविनायक, लंबकर्ण, वक्रतुण्ड, मोदकप्रिय, एकदन्त, गजानन, लम्बोदर, गणपति, विनायक आदि।
ये कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य हैं जो गणेश भगवान के विषय में ज्ञात होने वाले हैं। उनके भक्त उन्हें विशेष श्रद्धा भाव से पूजते हैं और उनसे सभी कार्यों की सफलता की कामना करते हैं।

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