संगम हनुमान मंदिर के बारे में (पूर्वनाम: इलाहाबाद) / About Sangam Hanuman Mandir (Formerly: Allahabad)

संगम हनुमान मंदिर के बारे में (पूर्वनाम: इलाहाबाद)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्वनाम: इलाहाबाद) में हनुमान जी का एक मंदिर है, जिसका नाम "संगम हनुमान मंदिर" (Sangam Hanuman Mandir) है। यह मंदिर काशी और गंगा के संगम पर स्थित है, जिसे संगम नामक घाट पर बनाया गया है।
संगम हनुमान मंदिर को सभी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है, और यहां भक्त विशेष भक्ति भाव से आते हैं। यह मंदिर भगवान हनुमान के भक्तों के लिए खासे प्रसिद्ध है, जो संगम घाट पर स्नान करते समय मंदिर का दर्शन करते हैं। मान्यता है कि संगम स्नान को पूर्ण मानने के लिए हनुमान जी के दर्शन अनिवार्य हैं। भक्त धार्मिक उत्सवों और मंदिर के ध्वज फहराने के लिए यहां जाते हैं और अपनी पूजा-अर्चना करते हैं।
प्रयागराज संगम हनुमान मंदिर अपनी सुंदर स्थानीय वास्तु शैली और सामुदायिक धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसके आस-पास कई धार्मिक स्थल और मंदिर भी हैं, जिन्हें भक्त देखने के लिए यहां जाते हैं। विशेष अवसर पर यहां धार्मिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तों की भारी संख्या शामिल होती है।
इस मंदिर की मान्यता के अनुसार, हनुमान जी के दर्शन के बिना संगम स्नान को अधूरा माना जाता है, जिसे लोग विशेष पूर्वार्जित करते हैं। भक्तों को संगम स्नान के बाद मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा करने का विशेष महत्व दिया जाता है।यहां के संगम हनुमान मंदिर का स्थानीय भव्यता, पवित्रता, और मान्यता से लोगों के बीच खासे प्रसिद्ध है, और यह एक आध्यात्मिक और धार्मिक यात्रा का महत्वपूर्ण स्थल है।


संगम हनुमान मंदिर"कि कथा:

 प्रयागराज में हनुमान जी का एक मंदिर है जिसका नाम "संगम हनुमान मंदिर" (Sangam Hanuman Mandir) है, जो संगम घाट के पास स्थित है। इस मंदिर के पास संगम नदी के संगम स्थल है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है। यह स्थान धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
कथा:
प्राचीन काल में, इलाहाबाद शहर में एक भक्तिपूर्वक राजा था जिसका नाम राजा विखंडन था। राजा विखंडन को भगवान हनुमान के भक्त होने के कारण उन्होंने विशाल और प्रतिष्ठित मंदिर बनवाने का संकल्प किया। मंदिर का निर्माण बहुत भक्ति भाव से हुआ और राजा विखंडन ने विशेष ध्यान रखा कि वह भक्तिपूर्वक और आध्यात्मिक भाव से बने।कथा के अनुसार, राजा विखंडन के भक्तिभाव से प्रसन्न होकर भगवान हनुमान ने खुद मंदिर में प्रतिष्ठा स्थापित कर दी। वे अपने भक्तों की सेवा करने के लिए मंदिर में निवास करने लगे। संगम हनुमान मंदिर को संगम नदी के संगम स्थल के पास स्थानीय लोग विशेष भक्ति भाव से आज भी यात्रा करते हैं।
यहां के मंदिर में स्थानीय धार्मिक उत्सव और धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भक्तों की भागीदारी रहती है। मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा और विशेष भक्ति के कारण यहां के मंदिर का अपना विशेष स्थान है और विश्वभर में लोकप्रिय है।

प्रयागराज में स्थित हनुमान जी के मंदिर के बारे में 15 रोचक तथ्य

1. मंदिर का नाम: संगम हनुमान मंदिर (Sangam Hanuman Mandir).
2. स्थान: प्रयागराज (इलाहाबाद), उत्तर प्रदेश, भारत.
3. संगम स्थल: मंदिर संगम नदी के संगम स्थल के पास स्थित है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है।
4. मंदिर का संरचना: मंदिर विशाल और प्रतिष्ठित है और धार्मिक शैली में निर्मित है।
5. संगम स्नान और दर्शन: मान्यता है कि संगम स्नान को पूर्ण मानने के लिए हनुमान जी के दर्शन अनिवार्य हैं।
6. राजा विखंडन: मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में राजा विखंडन द्वारा किया गया था, जो भगवान हनुमान के भक्त थे।
7. सेवा: भक्तों को यहां पूजा-अर्चना करने का अवसर मिलता है और हनुमान जी के समर्थन से उन्हें संकटों से मुक्ति मिलती है।
8. धार्मिक उत्सव: यहां धार्मिक उत्सव और पर्वाह के दिनों पर भक्तों के बीच खास आयोजन होते हैं।
9. मंदिर के निकट स्थान: मंदिर के आस-पास कई अन्य धार्मिक स्थल और मंदिर भी हैं, जिन्हें भक्त देखने के लिए यहां जाते हैं।
10. मंदिर की प्रतिमा: मंदिर में हनुमान जी की विशाल मूर्ति स्थापित है।
11. प्रसिद्धि: संगम हनुमान मंदिर उत्तर प्रदेश और भारत भर में विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
12. भक्तों का आगमन: मंदिर में वर्षभर भक्तों का आगमन होता है, विशेषकर संगम स्नान के दिन।
13. आरती और भजन: प्रतिदिन मंदिर में भजन और आरती का आयोजन होता है।
14. धार्मिक अनुष्ठान: मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान और साधु-संतों के सत्संग भी होते हैं।
15. स्थानीय समर्थन: मंदिर के निर्माण और संचालन में स्थानीय लोगों का विशेष समर्थन होता है।
संगम हनुमान मंदिर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहां के भक्त भगवान हनुमान की भक्ति और शक्ति के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

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