तिरुपति बालाजी मंदिर,के बारे में / About Tirupati Balaji Temple

 तिरुपति बालाजी मंदिर,के बारे में 

तिरुपति बालाजी मंदिर, भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल है। यह दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्ध और पूज्य मंदिरों में से एक है और भारत में सबसे ज्यादा भ्रमणीय स्थलों में से एक है। मंदिर तिरुमला के पहाड़ पर स्थित है, जो तिरुपति नगर परिषद सीमा में है। यह मंदिर हिंदू भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) को समर्पित है।तिरुपति बालाजी मंदिर भारत में लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक मुख्य पवित्र तीर्थ स्थल है। यह मंदिर चंद्रगिरी पहाड़ी पर स्थित है, जिसे तिरुमला या वेंकटेश्वर नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान विष्णु के अवतार बालाजी की प्रतिमा की पूजा की जाती है, और यह माना जाता है कि यह मंदिर द्वापर युग से पूर्व से ही मौजूद है।
मंदिर के स्थान पर एक बड़ी भक्ति संबंधी प्रक्रिया होती है, जिसमें श्रद्धालु पांच मार्गों (प्रकारों) से ऊपर आते हैं और इसे "वेंकटेश्वरा गद्दी" के नाम से जानते हैं। यात्रा के दौरान, श्रद्धालुओं को अनुमति होती है कि वे विशेष प्रासाद के रूप में तिरुपति लड्डू प्राप्त करें, जो मंदिर के प्रसाद के रूप में प्रसिद्ध हैं।तिरुपति बालाजी मंदिर धार्मिक भक्ति और पवित्रता का प्रतीक है, और यहां लाए गए दान-दक्षिणा को सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। मंदिर की विशालता, सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण, यह भारतीय परंपरा के अनुसार सभी उम्र के लोगों के लिए एक प्रमुख प्रयासरूप खड़ा है।

तिरुपति बालाजी मंदिर एक प्रसिद्ध कथा के बारे में 

तिरुपति बालाजी मंदिर के पीछे कई कथाएं हैं, जो इस मंदिर को धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के साथ जोड़ती हैं। यहां एक प्रसिद्ध कथा के बारे में बताया जाएगा जो तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ी हुई है:
कथा: वेंकटेश्वरा वा बालाजी की कथाकल्युग के प्रारंभ में, भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर मानव रूप में अवतार लिया था जिसे वेंकटेश्वरा या बालाजी के नाम से जाना जाता है। वेंकटेश्वरा एक बहुत ही सादगीपूर्ण और धार्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने भक्तों के मन को छू लिया था। उनके चरणों को धोते, उन्हें पुष्प चढ़ाते और उनकी भक्ति भावना से भरे भजन गाते हुए लाखों लोग तिरुपति मंदिर की यात्रा करते हैं।एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने धरती पर आकर उनके भक्त भक्ताप्रिया नामक राजकुमारी से विवाह करने का वचन दिया था। भक्ताप्रिया भगवान विष्णु की अत्यंत प्रेमी और भक्त थीं।
शादी के समय, दिव्य भगवती माहिषमर्दिनी ने अपने चमत्कारी चक्र द्वारा विवाह समारंभ करने के लिए सूर्य को थाम दिया था। इससे अशुभ मुहूर्त का संकेत हुआ और विवाह रुक गया। भगवान विष्णु ने देखा कि यह सब वेंकटेश्वरा जूनकों में आने के लिए किया गया था।भगवान विष्णु ने अपने चरणों में उत्तम श्रद्धा और भक्ति वाली भक्ताप्रिया को अपने अवशेष पर अर्पित करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया और वादा किया कि वे अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करेंगे और उन्हें सदैव आशीर्वाद प्रदान करेंगे।इस प्रकार, भगवान विष्णु के वेंकटेश्वरा रूप भक्ताप्रिया के साथ विवाहित हुए और तिरुपति मंदिर की स्थापना हुई। तब से यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वरा या बालाजी के नाम से प्रसिद्ध हुआ और धार्मिक और भक्तिपूर्वक संबंधों का स्थान बन गया।

 तिरुपति बालाजी मंदिर के 15 रोचक तथ्य के बारे में 

1. तिरुपति बालाजी मंदिर को भारतीय धरोहर (Indian Heritage) के रूप में गिना जाता है, और यह भारत में सबसे ज्यादा भ्रमणीय स्थलों में से एक है।
2. मंदिर का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना माना जाता है और द्वापर युग से पूर्व से ही मौजूद है।
3. तिरुपति बालाजी मंदिर देश के सबसे धनी मंदिरों में से एक है, और इसका धार्मिक दान सभी आयुवर्गियों के लिए उपलब्ध है।
4. मंदिर में एक महत्वपूर्ण प्रतीक "वेंकटेश्वरा गद्दी" (Venkateswara Gadde) है, जिसे श्रद्धालुओं को प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के प्रसाद प्रदान किए जाते हैं।
5. मंदिर के राजगोपुरम (Rajagopuram) की ऊँचाई लगभग 50 मीटर है और यह भारत में सबसे ऊँचा गोपुरम में से एक है।
6. इस मंदिर में हर दिन लगभग 50,000 से 100,000 प्रसाद लड्डू बनाए जाते हैं, जिन्हें श्रद्धालुओं को वितरित किया जाता है।
7. मंदिर में एक विशाल सोने का अंकल (gold pot) है, जिसमें भक्तों द्वारा दिए गए सोने के आभूषण और दान एकत्रित किए जाते हैं।
8. तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रतिमा में एक विशेष स्वर्ण कमरबंद (golden belt) है, जिसे प्रतिदिन बदला जाता है।
9. मंदिर में वर्ष में कई बार विशेष उत्सव आयोजित होते हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालुएं शामिल होती हैं।
10. तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रधान स्थान को "गड्डी" कहा जाता है, और यहां भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
11. मंदिर के पास की पहाड़ी पर कुल चार प्रमुख मंदिर हैं, जो तिरुमला, तिरुपति, नारायणवनम्, और तिरुवेङ्कटमनि के नाम से जाने जाते हैं।
12. मंदिर के श्रद्धालुओं को अंतरिक्ष स्थल से आने वाली चाँद और खगोलीय ग्रहणियों की तिथियों के अनुसार धार्मिक आयोजन (religious event) किया जाता है।
13. मंदिर में एक बड़ा संग्रहालय है जो भक्तों को भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों के प्रतिमाओं और अन्य धार्मिक आइटमों का दर्शन करने का अवसर प्रदान करता है।
14. मंदिर के प्रांगण में स्थित श्री वेंकटेश्वरा प्रणिधानालय में श्रद्धालुओं की भक्ति भावना से अर्चना और पूजा की जाती है।
15. तिरुपति बालाजी मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या वर्ष भर में लाखों में होती है और इसके चलते मंदिर के समारोह और पूजा की व्यवस्था का व्यवसायिक मोड़ बन गया है।

टिप्पणियाँ