ऐरावतेश्वर मंदिर जयपुर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है भगवान शिव को समर्पित है /Airavatesvara Temple is a famous Hindu temple dedicated to Lord Shiva located in the city of Jaipur.

ऐरावतेश्वर मंदिर जयपुर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है भगवान शिव को समर्पित है 

ऐरावतेश्वर मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और विशेष रूप से ऐरावत, भगवान शिव के वाहन गजराज को समर्पित है।
ऐरावतेश्वर मंदिर का निर्माण शहर के सम्राट महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय (Sawai Jai Singh II) ने 18वीं सदी में करवाया था। मंदिर का निर्माण पंचकूणी पत्थर से किया गया है और इसका स्थान जलमहल के पास सरासिया हिल्स पर है। मंदिर का आकार विशाल है
और उच्चतम स्तर से ऐरावत की मूर्ति देखी जा सकती है।ऐरावतेश्वर मंदिर को जयपुर की मान्यता प्राप्त धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है और यहां हर साल महाशिवरात्रि  के दौरान विशेष पूजा आयोजित की जाती है। मंदिर की सुंदर मूर्ति, वास्तुकला, और ऐरावत की मूर्ति के लिए यह मंदिर पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
ऐरावतेश्वर मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां आने वाले लोग शिवजी की आराधना करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं।

ऐरावतेश्वर मंदिर कथा में,

एक बार पहले की बात है, एक राजा था जिसका नाम इन्द्रध्वज था। वह बड़ी शक्तिशाली सेना के साथ युद्ध करने के लिए प्रसिद्ध था। एक दिन युद्ध के दौरान उसकी सेना को एक महान गजराज ने पराजित कर दिया। राजा इन्द्रध्वज बहुत निराश हो गया और वह बहुत ही विचलित हो गया।उस रात, राजा को स्वप्न में भगवान शिव ने प्रकट हुए और उन्होंने उसे बताया कि उसे ऐरावत, गजराज के राजा, को आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ऐरावतेश्वर मंदिर में जाना चाहिए। शिवजी ने कहा कि ऐरावत उसे अपनी विजय की शक्ति देगा।इसके बाद, राजा इन्द्रध्वज ने अपनी सेना के साथ ऐरावतेश्वर मंदिर की यात्रा की। जब उन्होंने मंदिर में पहुंचा, तो उन्होंने ऐरावत की मूर्ति के सामने दीप प्रज्ज्वलित किये और भगवान शिव की पूजा की।अचानक, एक तेज ज्योति से प्रकट हुई और ऐरावत उस मूर्ति के रूप में दिखाई दिया जो राजा की प्रार्थना सुन रही थी। भगवान शिव ने राजा को वरदान दिया कि उसकी सेना जीत की ओर आगे बढ़ेगी और उसे अद्वितीय सामरिक योग्यता प्राप्त होगी।
इस प्रकार, राजा इन्द्रध्वज अपनी अद्वितीय शक्तिशाली सेना के साथ युद्ध करने के लिए वापस गया और वह ऐरावतेश्वर की कृपा से असंख्य विजयों को हासिल किया। उसका यह प्रयास ऐरावत, भगवान शिव के वाहन के प्रतीक के रूप में ऐरावतेश्वर मंदिर में आज भी स्मरण किया जाता है।

रोचक तथ्य ऐरावतेश्वर मंदिर के बारे में हैं:

1. ऐरावतेश्वर मंदिर को महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 18वीं सदी में जयपुर में बनवाया था। यह राजपूताना शैली में निर्मित है और पंचकूणी पत्थर से बना है.
2. मंदिर का नाम "ऐरावतेश्वर" भगवान शिव के वाहन गजराज ऐरावत के नाम पर रखा गया है. मंदिर में ऐरावत की विशाल मूर्ति भी स्थापित है.
3. ऐरावतेश्वर मंदिर जलमहल के पास सरासिया हिल्स पर स्थित है, जिससे यहां से आप जयपुर शहर के बारे में अद्वितीय नजारे देख सकते हैं.
4. इस मंदिर में भगवान शिव की ऐरावतेश्वर और अर्धनारीश्वर रूप में मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो मंदिर के पूजारी द्वारा संभाली जाती हैं.
5. ऐरावतेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा आयोजित की जाती है और इसे शिवरात्रि के महान पर्व के रूप में मनाने के लिए लोग यहां आते हैं.
6. मंदिर की वास्तुकला और संगठन उद्यान के साथ सुंदरता को सम्मिलित करती है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
7. ऐरावतेश्वर मंदिर जयपुर की प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है और वर्षभर में बहुत सारे श्रद्धालु यहां आते हैं, विशेष रूप से शिवभक्तों के लिए।
ये थे कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जो ऐरावतेश्वर मंदिर भगवान शिव के बारे में हैं। यह मंदिर धार्मिक महत्व और भगवान शिव की आराधना के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

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