भगवान गणेश के परिवार का वर्णन,भगवान गणेश की एक प्रसिद्ध कथा / Description of Lord Ganesha's Family, A Famous Story of Lord Ganesha

भगवान गणेश के परिवार का वर्णन,भगवान गणेश की एक प्रसिद्ध कथा

भगवान गणेश के परिवार का वर्णन हिंदू पौराणिक ग्रंथों और कथाओं में मिलता है। गणेश भगवान हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं और उनके परिवार के अन्य सदस्य निम्नलिखित हैं:
1. पिता: भगवान गणेश के पिता भगवान शिव हैं। विभिन्न पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि माता पार्वती ने गणेश को उत्पन्न किया था और उनके शरीर को मिट्टी से बनाया था।
2. माता: माता पार्वती ही भगवान गणेश की मां हैं। उन्हें देवी गौरी भी कहा जाता है।
3. भ्राता: भगवान गणेश के एक छोटे भाई हैं भगवान कार्तिकेय (स्कंद)। भगवान कार्तिकेय सवारि पक्षी मोर (पीकॉक) पर बैठे रहते हैं और उनके हाथ में तीर और तालवार होती है।
भगवान गणेश को चतुर्भुजी रूप में विभूषित किया जाता है, जिनमें उनके हाथ में एक शक्ति चक्र, एक खेल का बदला, एक पुष्प, और एक मोदक (उनकी पसंदीदा मिठाई) होते हैं। उनकी वाहन एक मुशक या सम्राट गज भी होती है, जिसे मूषिक रत्न (गजरत्न) कहा जाता है। गणेश भगवान विद्या, विज्ञान, कला, और संवृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं और उन्हें शुभारंभ के देवता माना जाता है।


भगवान गणेश की एक प्रसिद्ध कथा

 जिसमें उनके शरीर को मिट्टी से बनाया गया था वह "गजमुख कथा" है। यह कथा पुराणों में विवरणित है और इसके अनुसार भगवान गणेश के विचित्र स्वरूप का कारण एक रोचक कथा है।
कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने शरीर से मिट्टी का एक मूर्ति बनाई और उसे जीवन प्राणों से प्राणप्रतिष्ठित किया। इस तरीके से बनाई गई मूर्ति को वह अपने पुत्र के रूप में स्वीकार करने लगी। भगवान शिव विद्यमान न होने के कारण उन्होंने अपने साध्य व यक्ष गणों को आदेश दिया कि वे पार्वती के बिना किसी भी विचित्र स्वरूप को इस मंदिर में प्रवेश नहीं करने देंगे।
एक दिन, पार्वती ने भगवान शिव के साथ बातचीत करते हुए अपने मिट्टी के नवरंगी मूर्ति को मंदिर के बाहर छोड़ दिया। भगवान गणेश के नवरंगी मूर्ति को देखकर मोहित होकर गणों ने मूर्ति को मंदिर में प्रवेश कर दिया। जैसे ही मूर्ति ने मंदिर में प्रवेश किया, भगवान शिव और माता पार्वती उसे देखकर आश्चर्यचकित हो गए।
भगवान शिव ने गणों के सामने यह विचार रखते हुए कहा कि जैसे कि माता पार्वती ने इस मूर्ति को बनाया है और उसे जीवन प्राणों से प्राणप्रतिष्ठित किया है, इसलिए इसे "गजमुख" या "गजानन" कहा जाए। इसी कथा के चलते भगवान गणेश को गजमुख या गजानन के नाम से भी जाना जाता है।
यह कथा भगवान गणेश के विचित्र स्वरूप और उनके बनावटी चरित्र को समझाने में महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, गजमुख कथा भक्तों के बीच प्रसिद्ध है और भगवान गणेश की महिमा का प्रचार-प्रसार करती है।

भगवान गणेश का परिवार हिंदू पौराणिक कथाओं और शास्त्रों में विवरणित है।

 निम्नलिखित रूप में उनके परिवार के सदस्यों का विवरण है:
1. पिता - भगवान गणेश के पिता भगवान शिव हैं। शिव त्रिमूर्ति का एक हिस्सा हैं और उन्हें देवों के राजा, महादेव और नीलकंठ भी कहा जाता है।
2. माता - माता पार्वती भगवान गणेश की मां हैं। उन्हें देवी गौरी भी कहा जाता है।
3. भ्राता - भगवान गणेश के एक छोटे भाई हैं भगवान कार्तिकेय (स्कंद)। भगवान कार्तिकेय को सवारि पक्षी मोर (पीकॉक) पर बैठे रहते हुए एक तीर और तालवार में प्रदर्शित किया जाता है।
4. दादा - भगवान गणेश के एक दादा या पितामह हैं भगवान ब्रह्मा। भगवान ब्रह्मा सृष्टि के सृष्टा और पुरुषार्थ के देवता हैं।
5. दादी - भगवान गणेश की एक दादी या पितामहनी हैं भगवानी सरस्वती। भगवानी सरस्वती विद्या, कला, संगीत, और विज्ञान की देवी हैं।
6. पत्नी - भगवान गणेश की पत्नी माता सिद्धि या रिद्धि हैं। उन्हें बारह गणेशी या बारह ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है।
7. संबंधित देवताएँ - भगवान गणेश के संबंधित अन्य देवताओं में सुंदर काण्ड (हनुमान), गणेशी, विश्वकर्मा, विनायक शक्तिपीठ इत्यादि शामिल होते हैं।
भगवान गणेश के चतुर्भुजी रूप में विभूषित किया जाता है, जिनमें उनके हाथ में एक शक्ति चक्र, एक खेल का बदला, एक पुष्प, और एक मोदक (उनकी पसंदीदा मिठाई) होते हैं। उनकी वाहन एक मुशक या सम्राट गज (विचित्र भयंकर विचार वाले देवता) होती है, जिसे मूषिक रत्न (गजरत्न) कहा जाता है। गणेश भगवान विद्या, विज्ञान, कला, और संवृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं और उन्हें शुभारंभ के देवता माना जाता है।

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