हनुमान जी की पूजा कैसे करें /follow the steps

हनुमान जी की पूजा कैसे करें

हनुमान जी की पूजा विधि अनुसार निम्नलिखित रूप से की जा सकती है। पूजा करने से पहले, साफ़ सफ़ाई करें और पूजा स्थल को शुद्ध बनाएं। ध्यान दें कि पूजा के दौरान आपके मन में श्रद्धा भाव होना चाहिए।
सामग्री:
1. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र (प्रतिमा, तस्वीर)
2. पूजा की थाली
3. दीपक और घी
4. अगरबत्ती या धूप
5. कपूर, सुपारी, इलायची, लौंग
6. सिन्दूर, गंध, रोली, अक्षता (चावल के दाने)
7. फूल, पुष्पमाला
8. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गुड़)
पूजा की विधि:
1. पूजा स्थल पर चौकी या आसन पर बैठें।
2. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को पूजा की थाली पर रखें।
3. पूजा शुरू करने से पहले, अपने हाथों को धोकर शुद्ध करें।
4. पूजा थाली में दीपक, अगरबत्ती, कपूर, सुपारी, इलायची, लौंग, गंध, सिन्दूर, रोली, अक्षता, फूल, और पुष्पमाला रखें।
5. पूजा का आरंभ करने के लिए, प्रार्थना करें और मन में हनुमान जी को आवाहन करें। आवाहन मंत्र के लिए, "श्री हनुमते नमः" बोल सकते हैं।
6. अब पंचामृत से मूर्ति का स्नान करें - पहले दूध, फिर दही, तब घी, और अंत में शहद और गुड़।
7. फिर गंध और सिन्दूर से हनुमान जी की मूर्ति को सजाएं।
8. अक्षता और फूलों से पूजा करें, फिर पुष्पमाला बांधें।
9. अब दीपक और अगरबत्ती को जलाएं।
10. पूजा के बाद, हनुमान चालीसा का पाठ करें या हनुमान जी के गुणों की महिमा गाएं।
11. पूजा को समाप्त करने के लिए, आरती उतारें और प्रसाद वितरित करें।
यदि आपने पूजा सामग्री खरीदी है और इसमें कोई विशेष विधि दी गई है, तो वह विधि का पालन करें। हनुमान जी की पूजा को नियमित रूप से करने से आपको शक्ति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है।

चरणों का पालन करें:

भगवान हनुमान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हनुमान जी की पूजा करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. स्थान का चयन: हनुमान जी की पूजा के लिए एक शुद्ध और साफ़ स्थान चुनें जो ध्यान करने और ध्यान लगाने के लिए उपयुक्त हो।
2. समग्र सामग्री: पूजा के लिए आपको चारों धातुओं (सोना, चांदी, पीतल, लोहा) की मूर्ति और हनुमान चालीसा, रामायण, तुलसी पत्र, रोली, अक्षत, धूप, दीप, गुड़, बनाने का पत्र, फूल, पुष्पांजलि और प्रसाद की वस्तुएं तैयार करनी होती हैं।
3. संकल्प: पूजा की शुरुआत में संकल्प करें जिसमें आप अपनी भक्ति भावना से भगवान हनुमान को अर्चन कर रहे हैं और उनसे आपकी मनोकामनाएं पूरी करने की विनती करें।
4. पूजा विधि: हनुमान जी की मूर्ति को स्नान कराएं और पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, रोली, गुड़, और बनाने का पत्र चढ़ाएं। इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें प्रसाद के रूप में बांटें।
5. भजन और कीर्तन: हनुमान जी के भजन और कीर्तन का पाठ करना भी उनकी पूजा का एक अहम् अंग है। आप उनके भजन गाने या सुनने के माध्यम से उन्हें भक्ति भाव से आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं।
6. व्रत और उपवास: हनुमान जयंती, मंगलवार, शनिवार या पवित्र महीनों में हनुमान जी का व्रत रखने से उन्हें खुशी मिलती है। इसके लिए आप उनकी पूजा और भजन के साथ उपवास कर सकते हैं।
7. सेवा भाव: पूजा के समय भगवान हनुमान के सामने हमें सेवा भाव रखना चाहिए। उन्हें मिठे पान, फल, फूल आदि से प्रसादित करना भी उनके प्रति भक्ति भाव का प्रतीक होता है।
ध्यान दें कि हनुमान जी की पूजा करने से पहले आपको विधि-विधान को अच्छी तरह से जानने और संस्कारित व्यक्ति की मार्गदर्शन में पूजा करने से फायदा होता है। हनुमान जी की पूजा नियमित रूप से करने से आपको मानसिक शांति, सफलता, और दृढ़ भक्ति प्राप्त हो सकती है।

 हनुमान जी की पूजा करने के आम निर्देश:

हनुमान जी की पूजा करने से पहले, यह ध्यान रखें कि आपके मन में श्रद्धा और प्रेम के साथ पूजा की भावना होनी चाहिए। हनुमान जी वीरता, शक्ति और दया के प्रतीक हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए साधारण से विशेष रूप से कुछ चीजों की आवश्यकता होती है। निम्नलिखित है हनुमान जी की पूजा करने के आम निर्देश:
1. पूजा का समय: हनुमान जी की पूजा सुबह और सायंकाल को करनी चाहिए, लेकिन यदि आप इसे किसी अन्य समय करना चाहते हैं तो भी कर सकते हैं।
2. पूजा स्थल: हनुमान जी की पूजा के लिए एक शुद्ध और साफ जगह का चयन करें, जहां कोई भी विघ्न न हो।
3. पूजा सामग्री: हनुमान जी की पूजा के लिए आपको जिन चीजों की आवश्यकता होगी, वे हैं - अगरबत्ती, दीपक, कपूर, घी, फूल, सिंदूर, गुड़, पंचामृत (दूध, घी, दही, शहद, गुड़ का मिश्रण), बनाने के लिए प्रसाद (फल, पंचामृत, बालूशाही इत्यादि)।
4. पूजा विधि:
   अ) शुद्धि: पूजा की शुरुआत में अपने हाथों को साबुन और पानी से धोकर शुद्ध करें।
   ब) स्थापना: हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
   स) आरम्भ पूजा: अगरबत्ती और दीपक जलाएं।
   द) पुष्पांजलि: फूलों की माला बनाएं और हनुमान जी को अर्पित करें।
   ए) प्रसाद भोग: बनाए गए प्रसाद को भगवान हनुमान को अर्पित करें।
   ग) आरती: हनुमान जी की आरती गाएं और उन्हें धूप और दीप से दर्शाएं।
   ह) प्रार्थना: पूजा के अंत में, हनुमान जी से अपनी मनोकामनाएं मांगें और उनसे क्षमा याचना करें।
5. मंत्र जाप: "ॐ हनुमते नमः" या "श्री हनुमते नमः" जैसे मंत्रों का जाप करें। आप अपनी शक्ति और समय के अनुसार मंत्र जाप की संख्या निर्धारित कर सकते हैं, जैसे ११, २१, १०८, या ज्यादा भी।
याद रखें कि ये विधि आमतौर पर हैं, और विभिन्न स्थानों और संस्कारों में भिन्नता हो सकती है। यदि आपको किसी विशेष पूजा विधि या अनुष्ठान का पालन करना हो, तो आप अपने परिवारिक पुजारी या पंडित से संपर्क करके उनसे सलाह लें।ध्यान दें कि पूजा के बाद आप पूजा स्थल को साफ़ करें और अगरबत्ती और दीपक को बुझा दें। हनुमान जी की पूजा करने से हमें उनके गुणों का अनुभव होता है और वे हमें सफलता, साहस, और समस्याओं से निपटने की क्षमता प्रदान करते हैं।

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