हनुमान जन्मोत्सव, जिसे हनुमान जयंती भी कहा जाता है/ Hanuman Janmotsav, also known as Hanuman Jayanti

 हनुमान जन्मोत्सव, जिसे हनुमान जयंती भी कहा जाता है

हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय मासिक चंद्रमा के मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो नवंबर या दिसंबर महीने के आस-पास होती है।हनुमान जयंती का आयोजन भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में किया जाता है, जो वानर सेनापति और प्रभु श्रीराम के भक्त हनुमान के रूप में जाने जाते हैं। भगवान हनुमान को बल, ताकत, वीरता, विवेक, शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।इस दिन भक्तगण भजन, कीर्तन और मंत्रोच्चारण करते हैं और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से उनका भजन करते हैं। मंदिरों में भजन समारोह आयोजित किए जाते हैं और लोग भगवान हनुमान के मंत्रों का जाप करते हैं जिससे उन्हें आशीर्वाद मिले।
हनुमान जन्मोत्सव को विशेष रूप से हनुमान मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तगण बड़े उत्साह से इसे मनाते हैं और भजन कीर्तन के साथ उनका जन्मदिन मनाते हैं। इस अवसर पर विभिन्न सोशल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।हनुमान जन्मोत्सव के दिन भक्तगण दूसरे भक्तों को भोजन कराते हैं और सामाजिक भाईचारे का माहौल बनाते हैं। इस त्योहार के माध्यम से भगवान हनुमान के उदाहरणीय गुणों का सम्मान किया जाता है और लोग उनसे साहस, समर्थन और भक्ति का संदेश प्राप्त करते हैं।

हनुमान जन्मोत्सव कथा हिंदू पौराणिक कथा

जो भगवान हनुमान के जन्म के पीछे की गई है। यह कथा भगवान हनुमान के माता अंजना और वायुपुत्र भगवान हनुमान के बारे में वर्णन करती है। निम्नलिखित है हनुमान जन्मोत्सव कथा का संक्षेपित सार:
कुलदेवी अंजना अपने पति केसरी के साथ वन में तपस्या कर रही थीं। उन्हें शिवजी की कृपा से पुत्र की प्राप्ति का वरदान मिला था। एक दिन वायुदेव अंजना के पास आए और उन्हें एक समर्थ और शक्तिशाली पुत्र की जन्म होने वाली हैं बताया। वायुदेव ने उन्हें एक समर्थ लोहे के लिए ज्ञान का वरदान दिया, जिससे अंजना को सुपर्ण पक्षी समेत अपने पति के साथ वन में चलने की शक्ति मिली।एक दिन, सूर्योदय के समय अंजना वन में फलों की खोज करने निकल पड़ीं। वह देखती हैं, कुछ शिवजी के पुजारियों द्वारा चिन्हित फल पूजा के लिए रखे गए हैं। उन्होंने सोचा कि शिवजी ने उन्हें इन फलों की पूजा करने को कहा है, और बिना सोचे-समझे उन्हें एक बड़ा सा फल खा लिया। जैसे ही अंजना फल खाने के लिए तैयार होती हैं, उन्हें महसूस होता हैं कि वे गर्भवती हो गई हैं।
अंजना ने वन में विश्राम करते हुए पुत्र के प्रति लालन-पालन किया और उसे हनुमान नाम दिया। हनुमान बचपन में बड़े ही नाटकी, माँ के पीछे घूमता रहता था और बाल-लीला करता रहता था। एक दिन वायुदेव ने हनुमान के प्रति उनके अद्भुत बल और शक्ति का परिचय किया। इसके बाद, हनुमान भगवान श्रीराम के एक भक्त बन गए और उनकी सेवा में लग गए।इस प्रकार, भगवान हनुमान का जन्म हुआ और उनके अद्भुत बल, शक्ति और भक्ति का जगना हर वर्ष हनुमान जन्मोत्सव में मनाया जाता है। लोग इस दिन भजन, कीर्तन और पूजा आदि करके भगवान हनुमान के गुणों की प्रशंसा करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद का आभार प्रकट करते हैं।

हनुमान जन्मोत्सव के बारे में 15 रोचक तथ्य हिंदी में:

1. हनुमान जन्मोत्सव भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला त्योहार है। यह त्योहार भारतीय मासिक चंद्रमा के मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
2. हनुमान जन्मोत्सव का आयोजन पूरे भारत में धूमधाम से किया जाता है, खासकर हनुमान मंदिरों में।
3. यह त्योहार भगवान हनुमान के बल, ताकत, वीरता, विवेक, शक्ति और भक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
4. भगवान हनुमान का जन्म केसरी और अंजना के योग से हुआ था।
5. हनुमान जी को वायुपुत्र भी कहा जाता है, क्योंकि उनका जन्म वायुदेव की कृपा से हुआ था।
6. हनुमान जी के रंगभूमि में संपर्क की सामर्थ्य थी, जिससे उन्हें दृढ़ भावना और उन्नत भक्ति की प्राप्ति हुई।
7. भगवान हनुमान का जन्म मासिक चंद्रमा के मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था।
8. इस दिन भक्तगण भजन, कीर्तन, और मंत्रोच्चारण करते हैं और हनुमान चालीसा और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से उनका भजन करते हैं।
9. हनुमान जन्मोत्सव पर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
10. इस त्योहार के दिन भक्तगण दूसरे भक्तों को भोजन कराते हैं और सामाजिक भाईचारे का माहौल बनाते हैं।
11. हनुमान जन्मोत्सव के दिन भक्तगण भगवान हनुमान के गुणों की प्रशंसा करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद का आभार प्रकट करते हैं।
12. इस दिन भक्तगण अकांड रामायण पाठ करते हैं और भजन संध्या आयोजित की जाती है।
13. भगवान हनुमान के भक्त उनके मंत्र जाप करते हैं और उनसे साहस, समर्थन और भक्ति का संदेश प्राप्त करते हैं।
14. हनुमान जन्मोत्सव के दौरान नगर के सभी हनुमान मंदिर धूमधाम से सजते हैं और उत्सवी दृश्य प्रस्तुत करते हैं।
15. इस उत्सव के माध्यम से भगवान हनुमान के जीवन और कार्यों का स्मरण किया जाता
 है और लोग उनकी पूजा-अर्चना करके उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।

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