भगवान शिव को जल कैसे चढ़ाएं /How to offer water to Lord Shiva


भगवान शिव को जल कैसे चढ़ाएं  ;-

भगवान शिव को जल चढ़ाने का रितुअल भारतीय संस्कृति में एक प्रसिद्ध प्रक्रिया है। शिव जी को जल चढ़ाने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसरण किए जा सकते हैं: सावन का महीना आरंभ हो गया है. आज सावन का पहला सोमवार है. भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनका अभिषेक करते हैं. भक्त उन्हें पंचामृत, दूध या जल का अभिषेक करते हैं. लेकिन भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के कुछ नियम हैं.अगर इस नियम के अनुसार शिवजी का अभिषेक किया जाता है, तो वह भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं.आइए जानते हैं शिवजी को जलाभिषेक करने के नियम ;-
1. जलाभिषेक (Jal Abhishek): शिवलिंग पर जल की स्नान या जलाभिषेक करना शिव की पूजा का एक प्रमुख तरीका है। इसके लिए, एक पात्र लें और उसमें गंगाजल या जल भरें। फिर अपने दाहिने हाथ को शिवलिंग के ऊपर रखें और धीरे से जल को शिवलिंग पर धारित करें। आप भगवान शिव के नामों का जप भी कर सकते हैं जैसे "ॐ नमः शिवाय" या फिर आपकी भावनाओं के साथ उनकी पूजा करें।
2. गंगाजल से स्नान (Gangajal Snan): यदि आपके पास गंगाजल उपलब्ध है, तो आप इसे शिवलिंग पर धारित कर सकते हैं। गंगाजल शिव जी को बहुत प्रिय होता है और उनके स्नान के लिए इसे उपयुक्त माना जाता है।
3. दूध और धनिया पत्तियों के साथ जल चढ़ाएं: एक और रितुअल है जिसमें शिवलिंग पर दूध और धनिया की पत्तियां चढ़ाई जाती हैं। इसके लिए, शिवलिंग के आसपास बैठें और शिव जी के नाम से भगवान की आराधना करें। फिर एक थाली पर दूध और धनिया की पत्तियां रखें और उन्हें शिवलिंग पर धारित करें।
4. बिल्व पत्र चढ़ाएं: बिल्व पत्र भी भगवान शिव की पूजा में प्रयोग किया जाता है। यह पत्र शिव जी की प्रिय पूजा सामग्री माना जाता है। आप बिल्व पत्र को शिवलिंग पर स्थापित कर सकते हैं या उसे शिवलिंग के आसपास घुमा सकते हैं।
5.शिवजी के जलाभिषेक करने के लिए यह पात्र ;-
जिस प्रकार पूजा के लिए जल की पवित्रता आवश्यक है, उसी प्रकार पूजा की पवित्रता भी आवश्यक है. यानी शिवजी को जल चढ़ाते समय यह ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है कि किस कलश से उन्हें जल चढ़ाया जाता है. शिवाभिषेक के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है. कांसे या चांदी के पात्र से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है.लेकिन  गलती से भी शिवजी का किसी स्टील के बर्तन से अभिषेक नहीं करना चाहिए.ठीक वैसे ही तांबे के बर्तन से दूध का अभिषेक करना भी अशुभ माना जाता है.  
6.सही दिशा का महत्व ;-
महादेव को जल चढ़ाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जल न चढ़ाएं. पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिशा में मुख करने से शिवजी के द्वार में बाधा उत्पन्न होती है और वह रुष्ट भी हो सकते हैं. इसलिए हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करें. ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से शिव और पार्वती दोनों को आशीर्वाद मिलता है. 
7.जल की धार की गति ;-
देवधिदेव को जलाभिषेक करते समय शांत मन से धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि जब हम धीमी धार से महादेव का अभिषेक करते हैं तो महादेव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं.  भोलेनाथ को कभी भी बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए
8.शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्‍यान रखें कि जल्‍दी से जल ना चढ़ाएं बल्कि एक छोटी धारा बनाकर जल चढ़ाएं. इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें.
ध्यान दें कि शिव जी की पूजा में भक्ति, आस्था और शुद्ध मन सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। जल चढ़ाने की प्रक्रिया के दौरान ध्यान रखें कि आप यह रितुअल पूरे समर्पण और श्रद्धा के साथ करें।  

 भगवान शिव को जल चढ़ाने के 15 विभिन्न तरीके

1. जलाभिषेक (Jal Abhishek): शिवलिंग पर जल की स्नान या जलाभिषेक करें।
2. गंगाजल से स्नान (Gangajal Snan): शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं।
3. दूध चढ़ाएं: शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
4. घी चढ़ाएं: शिवलिंग पर घी की बत्ती लगाएं और घी चढ़ाएं।
5. हल्दी-कुमकुम चढ़ाएं: शिवलिंग पर हल्दी और कुमकुम चढ़ाएं।
6. फूल चढ़ाएं: शिवलिंग पर फूल चढ़ाएं, जैसे बेल पत्र, जाई, चमेली आदि।
7. धूप चढ़ाएं: शिवलिंग के सामने धूप जलाएं।
8. दीपक चढ़ाएं: शिवलिंग के पास दीपक जलाएं।
9. अक्षत चढ़ाएं: शिवलिंग पर अक्षत रखें।
10. तुलसी पत्र चढ़ाएं: शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते रखें।
11. बिल्व पत्र चढ़ाएं: शिवलिंग पर बिल्व पत्र रखें।
12. नीलकंठी माला चढ़ाएं: शिवलिंग पर नीलकंठी माला रखें।
13. शंख चढ़ाएं: शिवलिंग पर शंख रखें।
14. पंचामृत चढ़ाएं: शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल का मिश्रण) चढ़ाएं।
15. मेवे चढ़ाएं: शिवलिंग पर मेवे, जैसे कि काजू, बादाम, किशमिश, खजूर आदि, चढ़ाएं।

ये सभी तरीके भगवान शिव की पूजा के लिए प्रयोग किए जाते हैं। आप इनमें से एक या अधिक तरीकों का उपयोग करके अपनी भक्ति और श्रद्धा के साथ शिव जी को जल चढ़ा सकते हैं।

भगवान शिव को जल चढ़ाने के दौरान आप निम्नलिखित मंत्रों का जाप कर सकते हैं:

1. "ॐ नमः शिवाय" (Om Namah Shivaya)
2. "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥" (Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushti-Vardhanam
Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat)
यह मंत्र भगवान शिव की प्रशंसा और आराधना के लिए प्रयोग में लिए जाते हैं। आप जल को शिवलिंग पर चढ़ाते समय इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं ताकि आपकी पूजा और संबंध शिव जी के साथ और गहरी हो सके।

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