भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था।/Lord Shri Krishna killed his maternal uncle Kansa.

भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया था।

वास्तविकता में, कंस का वध उनके पौत्र कृष्ण के द्वारा किया गया था।कंस, मथुरा का राजा और भगवान कृष्ण की मामा थे। उन्होंने अपनी बहन देवकी के साथ उसकी विवाह के समय स्वयंवर में वधू को अपहरण कर लिया था, क्योंकि एक भविष्यवक्ता ने उसे भविष्य में दिव्य शक्तियों से जन्मने वाले दसवें बालक के हाथों में मारा जाने की भविष्यवाणी की थी। उस समय भगवान श्रीकृष्ण की माता देवकी और पिता वसुदेव को जेल में बंद कर दिया गया था।भगवान कृष्ण की जन्म वृंदावन में हुई, और वह यशोदा माई और नंद बाबा के यहां पाली गई। उन्होंने वृंदावन में अपने बचपन में अनेक लीलाएं कीं और गोपियों, गोपों, और अन्य वृंदावन वासियों के साथ खेलते रहे। उन्होंने वृंदावन में नागर वासुकी का वध किया और वहां रासलीला का आयोजन भी किया।
बाद में, कृष्ण ने महाभारत युद्ध में पांडवों के पक्ष में रथयात्रा के अर्जुन को अपने सारथि बनकर मदद की। उनके सारथि बनने पर वे "पार्थसारथि" के रूप में भी प्रसिद्ध हुए।अख़िर में, महाभारत युद्ध के बाद, भगवान श्रीकृष्ण की मामा कंस ने भगवान कृष्ण के प्रति विश्वास खो दिया और उनके हाथों से मृत्यु की सजा भुगतने का प्रयास किया। भगवान श्रीकृष्ण ने अंततः अपने पौत्र भविष्यवाणी को पूरा करते हुए, कंस को वध कर दिया और अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव को उनकी जेल से रिहा कर दिया।इस प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पौत्र कृष्ण के माध्यम से कंस का वध किया था।संस्कृति और पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पौत्र कृष्ण के माध्यम से अपने मामा कंस का वध किया था। निम्नलिखित है, भगवान कृष्ण और कंस के बीच घटित हुई कथा:

कंस वध कथा (The Story of Kansa Vadh):

प्राचीन काल में, मथुरा नामक नगरी में राजा उग्रसेन शासन करते थे। राजा उग्रसेन की बहन देवकी की विवाह संसार के महानायक वसुदेव से हो गई। उनके विवाह के अवसर पर, दिव्यदृष्टि वाले वृष्णिवंश के गुरुकुल के शिक्षक गर्गाचार्य ने भविष्यवाणी की थी कि देवकी और वसुदेव के द्वारा पैदा होने वाला आत्मसम्मोहक दसवां बालक उन्हें ही मार देगा।यह सुनकर राजा कंस, अपनी बहन देवकी को राजमहल के कैदखाने में बंद कर दिया और उसके सभी बच्चों को मारने का निर्णय किया, जिससे कि उस आत्मसम्मोहक बच्चे को कोई भी नुकसान न हो सके। देवकी और वसुदेव के सातवें बच्चे के जन्म के समय दिव्य शक्तियों ने आकाश में आवाज दी और बताया कि देवकी का आत्मसम्मोहक बच्चा उसके साथ हैं जो उसे बचाएगा।
वृंदावन में नंद बाबा और यशोदा माई के घर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण को बचपन से ही उन्होंने वृंदावन में पाला, जहां उन्होंने अपनी लीलाएं और खिलवड़ किए। उनके बाल्यकाल की मधुर लीलाएं और गोपियों के साथ रासलीला वृंदावन को अपने प्रिय लोगों के बीच प्रसिद्ध कर दी।काल बढ़ते ही भगवान श्रीकृष्ण ने वासुदेव को अपने पौत्र कृष्ण रूप में पहचान लिया और उन्होंने राजा कंस का वध करने का संकल्प बनाया। युद्ध के समय, कृष्ण ने कंस को अपने हाथों से मार दिया और अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव को उनकी जेल से रिहा कर दिया। इस प्रकार, भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध कर दिया और अपने पौत्र कृष्ण के माध्यम से अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया।यह कथा पौराणिक ग्रंथों में उपलब्ध है और श्रीमद्भगवतम्, महाभारत आदि में विस्तृत रूप से वर्णित है।

 चर्चित तथ्य (facts) कंस का वध से संबंधित:

1. कंस, मथुरा का राजा था और भगवान कृष्ण की मामा थे।
2. गर्गाचार्य ने देवकी और वसुदेव के द्वारा पैदा होने वाले दसवें बालक के हाथों में मृत्यु की भविष्यवाणी की थी।
3. कंस ने अपनी बहन देवकी को राजमहल के कैदखाने में बंद कर दिया और उनके सभी बच्चों को मारने का निर्णय किया था।
4. भगवान कृष्ण को बचपन से ही वृंदावन में नंद बाबा और यशोदा माई के घर में पाला गया था।
5. कृष्ण ने वृंदावन में अपनी लीलाएं और खिलवड़ किए जो उन्हें बचपन के साथ प्रसिद्ध कर दिया।
6. भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा जेल में हुआ था, जहां उनके माता-पिता देवकी-वसुदेव बंद थे।
7. श्रीकृष्ण का जन्म जन्माष्टमी त्योहार पर मनाया जाता है।
8. भगवान कृष्ण के जन्म के समय भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप में उन्हें प्रकट किया गया था।
9. भगवान कृष्ण का बाल लीला काल में वृंदावन में अपने साथी गोपियों के साथ गोपी वस्त्र चोरी और रासलीला के रूप में विख्यात है।
10. महाभारत युद्ध के समय, भगवान कृष्ण ने पांडवों के पक्ष में अर्जुन को अपने सारथि बनकर मदद की।
11. भगवान कृष्ण के रूप में वे "पार्थसारथि" के रूप में भी प्रसिद्ध हुए।
12. युद्ध के बाद, भगवान श्रीकृष्ण ने कंस को अपने हाथों से वध किया।
13. भगवान कृष्ण ने वध के समय उन्हें गदा (मष्टक) से मारा।
14. इस प्रकरण को "कंस वध" के नाम से भी जाना जाता है।
15. कंस वध की कथा श्रीमद्भगवतम् में विस्तृत रूप से वर्णित है।
16. कृष्ण जयंती भारतवर्ष में धूमधाम से मनाई जाती है।
17. कृष्ण भगवान को अलंकारिक रूप में माखन चुराने की ख़ुबसूरत कहानियाँ मिलती हैं।
18. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवाँ अवतार माना जाता है।
19. कृष्ण भगवान को अनेक नामों से भी पुकारा जाता है, जैसे माखनचोर, नन्दलाल, गोपाल, यशोदानंदन, राधेश्याम आदि।
20. उनके ज्ञान और उपदेश गीता शास्त्र में दर्शाए गए हैं।
21. भगवान कृष्ण की कई मंदिर और धाम भारत भर में हैं, जो उनके भक्तों के लिए तीर्थ स्थल के रूप में महत्वपूर्ण हैं।ये थे कुछ रोचक तथ्य कृष्ण के माध्यम से कंस का वध से संबंधित। यह कथा पौराणिक ग्रंथों और भक्तिग्रंथों में प्रमुख रूप से प्रसिद्ध है।

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