विष्णु भगवान की शादी कई पुराणों और कथाओं में वर्णित है

विष्णु भगवान की शादी कई पुराणों और कथाओं में वर्णित है 

विष्णु भगवान के विवाह की कथा

विष्णु भगवान की शादी कई पुराणों और कथाओं में वर्णित है। विष्णु भगवान के विवाह की कथा में प्रमुखता से विष्णु भगवान का विवाह देवी लक्ष्मी के साथ बताया जाता है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी के बीच एक चरण का विवाद हुआ। लक्ष्मी जी को विष्णु भगवान की पूजा के लिए महालक्ष्मी व्रत करना था, जिसमें वह श्रीहरि का व्रत रखती थी। विवाद के कारण दोनों में तनाव बढ़ गया और लक्ष्मी जी चली गईं। विष्णु भगवान ने देखा कि संसार की भक्ति के बिना वह अकेला हैं,
और उन्हें उसकी आवश्यकता है। उन्होंने तपस्या की और ब्रह्मा जी के समक्ष प्रकट होकर अपनी विवाह की अनुमति मांगी।विष्णु भगवान की विनती के बाद, ब्रह्मा जी ने देवी लक्ष्मी को उनसे विवाह करने की अनुमति दी, लेकिन एक शर्त पर। शर्त थी कि विष्णु भगवान देवताओं के साथ उनके लिए मिलकर मेहमान बनेंगे। लक्ष्मी जी ने अपनी सहमति दी और उनकी शादी का आयोजन किया गया। शादी के दिन, देवताओं ने भव्य आयोजन किया और सभी देवताएं विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की शादी में उपस्थित हुईं। प्रकट होने पर देवी लक्ष्मी ने विष्णु भगवान के चरणों को चूमा और उनके पास रहने की अपेक्षा जताई। विष्णु भगवान ने लक्ष्मी जी की आपेक्षा पूरी की और उन्हें अपनी अवधि के दौरान साथ रखने की प्रतिज्ञा की। इस प्रकार, विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की शादी हुई और वे देवताओं के साथ बादरायणी विष्णुलोक में रहने लगे।यह एक मात्र कथा है और इसके अलावा भी कई विविध कथाएं हैं जो विष्णु भगवान की शादी का वर्णन करती हैं। ये कथाएं हिंदू धर्म में विभिन्न पुराणों और ग्रंथों में उपलब्ध हैं।

विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की शादी की कथा

पुराणों में "श्रीमद्भागवत पुराण" और "विष्णु पुराण" में विस्तार से वर्णित है। निम्नलिखित है, विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की विवाह कथा की संक्षेप में: काफी समय पहले की बात है, देवताओं के समुदाय में देवी लक्ष्मी उत्कर्ष करती थीं। एक दिन, विष्णु भगवान ने देवी लक्ष्मी को देख लिया और उनकी अद्भुत सुंदरता में मोहित हो गए। विष्णु भगवान उनके पास गए और उन्हें अपनी विशेष प्रेम और सम्मान प्रदान करने के लिए प्रतिष्ठित बनाने का वचन दिया। देवी लक्ष्मी ने भी उनकी प्रतिष्ठा, सामर्थ्य और आत्मीयता को महसूस किया और उनके प्रेम का प्रतिष्ठान किया। इसके बाद, विष्णु भगवान ने अपनी माता प्रदान की और देवी लक्ष्मी ने उसे अपनी माता के रूप में स्वीकार किया। विष्णु भगवान की माता, देवी लक्ष्मी द्वारा स्वीकृति पाने के बाद, विवाह के लिए अनुमति देने के लिए ब्रह्मा जी के पास जाएं और अनुरोध करें। विष्णु भगवान ब्रह्मा जी के समक्ष प्रकट हुए और उन्हें विवाह की अनुमति मांगी। ब्रह्मा जी ने विष्णु भगवान की प्रतिष्ठा और उनके प्रेम को देखकर खुश होकर अनुमति दी, लेकिन एक शर्त पर। वह शर्त थी कि विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी देवताओं के साथ उनके घर आकर मेहमान बनेंगे और उनकी सेवा करेंगे। विवाह दिवस पर, विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की शादी आयोजित की गई। सभी देवताएं और दिव्य महानुभाव इस अवसर पर मौजूद थे। विष्णु भगवान ने देवी लक्ष्मी की महिमा का गान किया और उनके चरणों को छूकर उन्हें वरदान दिया। देवी लक्ष्मी ने अपने पति के साथ रहने की इच्छा व्यक्त की और विष्णु भगवान ने उनकी इच्छा को पूरा करने का वचन दिया।इस प्रकार, विष्णु भगवान और देवी लक्ष्मी की शादी हुई और उन्होंने अपने पवित्र विष्णुलोक पर रहना शुरू किया, जहां उन्हें सभी देवताएं सेवा करती हैं और धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

विष्णु भगवान की शादी के बारे में 20 महत्वपूर्ण तथ्य

  1. विष्णु भगवान की प्रमुख शादी देवी लक्ष्मी के साथ हुई है।
  2. देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी और धन-समृद्धि की देवी मानी जाती हैं।
  3. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी की शादी देवताओं के साक्षात्कार में हुई।
  4. विष्णु भगवान ने ब्रह्मा जी से विवाह की अनुमति मांगी थी।
  5. शादी के दिन, सभी देवताएं विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी के विवाह में उपस्थित थीं।
  6. शादी के समय विष्णु भगवान ने देवी लक्ष्मी के चरणों को छूकर शुभकामनाएं दीं।
  7. लक्ष्मी देवी ने विष्णु भगवान को अपने साथ रहने की अपेक्षा जताई।
  8. विष्णु भगवान ने लक्ष्मी देवी की इच्छा को पूरा करने का वचन दिया।
  9. विवाह के बाद से, विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी बादरायणी विष्णुलोक में रहने लगे।
  10. लक्ष्मी देवी को विष्णुपत्नी, श्री, पद्मा, पद्मिनी, विष्णुमाया, विष्णुप्रिया, विष्णुजा, विष्णुवल्लभा, विष्णुकान्ता और कमला नामों से भी जाना जाता है।
  11. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी की विवाह के बाद, वे संसार के सम्पूर्ण धन और ऐश्वर्य की देवता बन गए।
  12. विष्णु भगवान की शादी को वैकुण्ठ विवाह के नाम से भी जाना जाता है।
  13. विवाह के बाद, विष्णु भगवान की दिव्य सुंदरता और लक्ष्मी देवी की सौंदर्य और आकर्षण व्याप्त हो गए।
  14. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी की शादी धर्मिक पाठशालाओं और कला-संस्कृति के अनुसार ध्यान और भक्ति का प्रतीक है।
  15. विष्णु भगवान की शादी भारतीय संस्कृति में परिवार के महत्व को दर्शाती है।
  16. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी की शादी का महत्वपूर्ण पर्व दीपावली भी मनाई जाती है।
  17. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी की शादी के अवसर पर हिन्दू लोग उत्सव, पूजा, और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  18. विष्णु भगवान की शादी की कथा अनेक पुराणों और ग्रंथों में विस्तार से वर्णित है।
  19. विष्णु भगवान और लक्ष्मी देवी के विवाह की कथा में विशेष रूप से वैकुण्ठ लोक का वर्णन किया गया है।
  20. विवाह के समय, विष्णु भगवान की सारी देवताएं आभूषण, वस्त्र, गहने और अन्य समरूपों में सजी हुई थीं।

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