भगवान राम का राजतिलक (राज्याभिषेक) उनके विवाह के बाद हुआ / The Rajtilak (coronation) of Lord Rama took place after his marriage

भगवान राम का राजतिलक (राज्याभिषेक) उनके विवाह के बाद हुआ

भगवान राम का राजतिलक (राज्याभिषेक) उनके विवाह के बाद हुआ था। भगवान राम का विवाह माता सीता से विवाह रचाने के लिए उन्होंने जनकपुरी (मिथिला) की राजकुमारी सीता से किया था। राम और सीता का विवाह त्रेता युग में हुआ था।
राम और सीता के विवाह का समय संस्कृत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विश्लेषण के आधार पर मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माना जाता है। इसे मार्गशीर्ष शुक्लनवमी या रमा नवमी भी कहते हैं।
भगवान राम और माता सीता का राजतिलक उनके विवाह के बाद उनके पिता राजा दशरथ द्वारा अयोध्या में किया गया था। इस राजतिलक समारोह में राजा दशरथ ने अपने पुत्र राम को अधिकारिक रूप से अयोध्या के राजा के रूप में स्थानांतरित किया था। इस अवसर पर बड़ी धूमधाम से राजतिलक समारोह का आयोजन किया गया था और यह भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण इतिहासिक घटना मानी जाती है।
यह विवाह और राजतिलक का वर्णन भगवत पुराण और रामायण जैसी महाकाव्यिकाओं में प्रस्तुत है, जिन्हें भगवान वाल्मीकि और भगवान व्यास ने लिखा था।

भगवान राम का राजतिलक कथा 

भगवत पुराण और रामायण में प्रस्तुत है। इन दोनों महाकाव्यों में, भगवान राम का राजतिलक उनके विवाह के बाद हुआ था।कथा के अनुसार, भगवान राम का विवाह माता सीता से विवाह रचाने के लिए उन्होंने जनकपुरी (मिथिला) की राजकुमारी सीता से किया था। राम और सीता का विवाह त्रेता युग में हुआ था। राम और सीता के विवाह का समय संस्कृत ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विश्लेषण के आधार पर मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माना जाता है। इसे मार्गशीर्ष शुक्लनवमी या रमा नवमी भी कहते हैं।
भगवान राम और माता सीता के विवाह के बाद, उनके पिता राजा दशरथ ने अयोध्या में राजतिलक समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर बड़ी धूमधाम से राजतिलक समारोह का आयोजन किया गया था और यह भारतीय संस्कृति के एक महत्वपूर्ण इतिहासिक घटना मानी जाती है।
यह विवाह और राजतिलक का वर्णन भगवत पुराण और रामायण जैसी महाकाव्यिकाओं में प्रस्तुत है, जिन्हें भगवान वाल्मीकि और भगवान व्यास ने लिखा था। यह कथा भारतीय धरोहर में बहुत महत्वपूर्ण है और इसे लोग धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व के साथ मानते हैं।

कुछ रोचक तथ्य (facts) भगवान राम के राजतिलक से संबंधित हैं

रामायण के अनुसार, भगवान राम ने माता सीता से जनकपुरी (मिथिला) की राजकुमारी सीता से विवाह किया था। इसके बाद राजतिलक समारोह आयोजित किया गया।
  1. राजतिलक समारोह में, राजा दशरथ ने अयोध्या के राजा के रूप में भगवान राम को स्थानांतरित किया।
  2. भगवान राम का राजतिलक मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। यह तिथि मार्गशीर्ष शुक्लनवमी या रमा नवमी के रूप में भी जानी जाती है।
  3. रामायण में विवाह के समय की विवरणी के अनुसार, सीता के पिता राजा जनक ने भगवान राम को धनुर्विद्या (धनुर्वेद) में मात्रीधारी धनुष (बाण) का लक्ष्य लगाने का प्रतियोगिता आयोजित किया था। राम ने धनुष तोड़ दिया और उससे सीता को प्राप्त किया।
  4. राजतिलक समारोह में अनेक विशिष्ट पुरोहित और ब्राह्मणों ने समारंभ का नेतृत्व किया था।
  5. राजतिलक समारोह में अयोध्या नगरी धूमधाम से सज गई थी, और लोग भगवान राम के राजतिलक के अवसर पर बड़ी उल्लास से आए थे।
  6. भगवान राम के राजतिलक के अवसर पर, उनके प्रधानमंत्री हनुमान और देवी सीता के भक्त जटायु भी मौजूद थे।
  7. राजतिलक समारोह में संगीत, नृत्य, कविता और विविध कला समारोहों का आयोजन किया गया था।
  8. राजतिलक के अवसर पर धर्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान भी किए गए थे, जिनमें यज्ञ, पूजा, भजन, आरती आदि शामिल थे।
  9. राजतिलक के अवसर पर अयोध्या के नागरिकों ने भगवान राम के प्रदर्शन के लिए भव्य प्रकाश यात्रा निकाली थी, जिसमें अनेक उत्सवी वाहन और गजराजों का भव्य प्रदर्शन किया गया था।
ये थे कुछ रोचक तथ्य भगवान राम के राजतिलक समारोह से संबंधित। यह कथा भारतीय संस्कृति में एक प्रसिद्ध और पावन घटना है, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक म हत्व के साथ माना जाता है।

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