भगवान शिव की एकादशी का महत्व

भगवान शिव की एकादशी का महत्व

भगवान शिव की एकादशी का महत्व हिन्दू धर्म में बहुत उच्च मान्यता रखता है। एकादशी एक हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण तिथि होती है जिसे हर माह की ग्यारहवीं तिथि के रूप में जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के एकादशी रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है।
एकादशी के दिन शिव भक्तों को अन्न, जल, और व्रत का पालन करने की सलाह दी जाती है। यह एक पवित्र दिन माना जाता है और इस दिन विशेष ध्यान और पूजा करने से शिव की कृपा मिलती है। इस दिन कई लोग निराहार व्रत भी रखते हैं, जिसमें वे पूरे दिन भोजन से त्यागपूर्वक रहते हैं।एकादशी व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा के साथ ही मन्त्र जप और शिवलिंग का अभिषेक भी किया जाता है। इस दिन भक्त शिवलिंग को जल, धूप, दीप, फूल, बिल्व पत्र, जलियाँ, गंध और नैवेद्य द्वारा पूजते हैं।एकादशी व्रत के दिन भगवान शिव की विशेष प्रार्थना की जाती है और उन्हें विशेष मान्यता होती है। इस व्रत को रखने से मान्यता के अनुसार भक्त के पाप दूर होते हैं और वह शिव की कृपा प्राप्त करता है।भगवान शिव की एकादशी के अलावा, हिन्दू पंचांग में कई अन्य एकादशी तिथियां भी होती हैं, जो भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। प्रत्येक एकादशी की अपनी विशेषता और महत्व होता है, लेकिन भगवान शिव की एकादशी अत्यंत पवित्र मानी जाती है।

 भगवान शिव की एकादशी के बारे में:


वैष्णव साहित्य में, एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार और उनके लीलाओं की पूजा की जाती है, जबकि भगवान शिव की पूजा महाशिवरात्रि और पूर्णिमा के दिनों पर ज्यादातर की जाती है। इसलिए, एकादशी पर भगवान शिव की पूजा करना अपनी विशेषता रखता है।
एकादशी के दिन रखे गए व्रत को 'शिवा एकादशी' भी कहा जाता है और यह पूरे भारत में मनाया जाता है। भगवान शिव के भक्त इस दिन निराहार व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।एकादशी के दिन शिव भक्तों के बीच शिवलिंग के चारों ओर प्रदक्षिणा करने की एक प्रथा होती है। इसे 'उद्धव बिन्द्र' भी कहा जाता है। यह प्रदक्षिणा मान्यता के अनुसार शिवलिंग के चारों ओर जीवन-मृत्यु के चक्र को दर्शाती है।एकादशी के दिन शिव के नामों का जाप भी विशेष महत्व रखता है। शिवानुस्मृति में उल्लिखित है कि एकादशी के दिन शिव भक्तों को शिव के १०८ नामों का जाप करना चाहिए, जो उनकी कृपा को प्राप्त करने में सहायता करता है।एकादशी के दिन भगवान शिव की आराधना करने से शिव की कृपा प्राप्त होती है और उनकी कृपा से भक्तों के पापों का नाश होता है। इसके अलावा, यह व्रत मनोवांछित फल, सुख, शांति, और समृद्धि को प्राप्त करने में मदद करता है।

भगवान शिव की एकादशी के बारे में 15 रोचक तथ्य

  1. भगवान शिव की एकादशी को 'ज्योतिर्लिंग एकादशी' भी कहा जाता है
  2. इस एकादशी को शिवरात्रि के चार दिन पहले मनाया जाता है
  3. एकादशी के दिन शिवलिंग का विशेष पूजन किया जाता है और शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है
  4. इस दिन भक्त शिवलिंग को बिल्वपत्र, धूप, दीप, फूल, गंध, जल, फल, और मिठाई से पूजते हैं
  5. भगवान शिव की एकादशी के दिन उनके भक्त शिव की भजन, कीर्तन और आरती करते हैं
  6. इस दिन कई लोग निराहार व्रत भी रखते हैं, जिसमें वे पूरे दिन भोजन से त्यागपूर्वक रहते हैं
  7. भगवान शिव की एकादशी को भक्तों द्वारा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसे विशेष श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है
  8. इस दिन भक्तों को भगवान शिव के ध्यान और मन्त्र जप करने की सलाह दी जाती है
  9. एकादशी के दिन शिव की पूजा करने से मान्यता के अनुसार भक्त के पाप दूर होते हैं और वह शिव की कृपा प्राप्त करता है
  10. इस दिन भक्तों को शिव के गुणों की स्मृति करने का अवसर मिलता है और उन्हें अनंत आनंद का अनुभव होता है
  11. एकादशी के दिन शिवलिंग का विशेष स्नान करने का अभ्यास होता है, जिससे शुद्धता और पवित्रता का अनुभव होता है
  12. इस दिन कई शिव मंदिरों में भगवान शिव के अलावा उनकी पत्नी देवी पार्वती की भी पूजा की जाती है.
  13. एकादशी के दिन वैष्णवों के लिए भी विशेष महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उनके लिए यह भगवान विष्णु के व्रत का दिन होता है
  14. भगवान शिव की एकादशी के दिन शिव पुराण की कथाएं सुनाई जाती हैं, जो उनके महत्व और लीलाओं को बताती हैं
  15. इस दिन भक्तों को भगवान शिव की कृपा मिलती है और उन्हें मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है

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