श्री कृष्ण और कालिया नाग की कथा हिंदू धर्म में प्रसिद्ध है /The story of Shri Krishna and Kaliya Nag is famous in Hinduism.
श्री कृष्ण और कालिया नाग की कथा हिंदू धर्म में प्रसिद्ध है
यह कथा भगवान श्री कृष्ण के बचपन के दिनों से संबंधित है, जब उन्होंने वृंदावन नगरी में नाग कालिया से युद्ध किया।कालिया नाग एक विशाल जल के सर्प थे और वह वृंदावन के यमुना नदी में रहते थे। इससे पहले यमुना नदी में खेलने वाले गोपियों और गोपों को यमुना में नहाने के लिए चिंता नहीं होती थी। लेकिन कालिया नाग ने अपनी बड़ी संख्या के कारण नदी के पानी को विषैला बना दिया था और वहां का जीवन ध्वजाल बन गया था।
एक दिन, जब श्री कृष्ण और उनके साथी नदी में खेल रहे थे, श्री कृष्ण ने जल के मध्य में एक बड़ा साँप देखा। देखते ही कृष्ण के खेल साथियों ने उन्हें रोका और कहा कि वे उस साँप के पास जाने की कोशिश न करें क्योंकि वह विषैला और खतरनाक है। लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें विश्वास दिलाया और कहा कि वे सभी को बचा लेंगे।
श्री कृष्ण ने खुद को नदी में ढकेल दिया और उस साँप के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने कालिया नाग को बड़ी शक्ति से पकड़ लिया और उसे उल्टी कर दिया। कालिया नाग ने पूरी विस्तार से माफी मांगी और भगवान श्री कृष्ण से वचन दिया कि वह और अब नदी में विनाश का कारण नहीं बनेगा।इस प्रकार, श्री कृष्ण ने कालिया नाग को नदी से निकाला और वृंदावन नगरी में शांति स्थापित कर दी। यह कथा भक्तों के बीच में भगवान श्री कृष्ण के महान बलिदान, साहस और प्रेम का प्रतीक है।
एक दिन, जब श्री कृष्ण और उनके साथी नदी में खेल रहे थे, श्री कृष्ण ने जल के मध्य में एक बड़ा साँप देखा। देखते ही कृष्ण के खेल साथियों ने उन्हें रोका और कहा कि वे उस साँप के पास जाने की कोशिश न करें क्योंकि वह विषैला और खतरनाक है। लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें विश्वास दिलाया और कहा कि वे सभी को बचा लेंगे।
श्री कृष्ण ने खुद को नदी में ढकेल दिया और उस साँप के ऊपर चढ़ गए। उन्होंने कालिया नाग को बड़ी शक्ति से पकड़ लिया और उसे उल्टी कर दिया। कालिया नाग ने पूरी विस्तार से माफी मांगी और भगवान श्री कृष्ण से वचन दिया कि वह और अब नदी में विनाश का कारण नहीं बनेगा।इस प्रकार, श्री कृष्ण ने कालिया नाग को नदी से निकाला और वृंदावन नगरी में शांति स्थापित कर दी। यह कथा भक्तों के बीच में भगवान श्री कृष्ण के महान बलिदान, साहस और प्रेम का प्रतीक है।
श्री कृष्ण और कालिया नाग की कथा
हिंदू पुराणों में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह कथा भगवान श्री कृष्ण के वृंदावन नगरी में नाग कालिया से मिलने और उससे युद्ध करने के बारे में है।कालिया नाग विशाल आकार के जल के सर्प थे, और वे वृंदावन के यमुना नदी में निवास करते थे। उनके विषय में प्राचीन ग्रंथों में कहा जाता है कि वे एक अत्यंत दुर्बल नाग थे और अपनी भयानकता के कारण नदी के तीर पर भी लोग उनसे दूर रहते थे। उनके विषय में बहुत सी भयावह गाथाएं प्रचलित हैं।एक दिन, श्री कृष्ण अपने गोपियों और गोपों के साथ यमुना नदी में खेल रहे थे। यमुना के जल में खेलते समय, कृष्ण ने एक आकर्षक मूर्ति के रूप में नटन करना शुरू किया और अपने भक्तों को मोह लिया। तभी कालिया नाग उभरकर उनके पास आये और उनके द्वारा खेलने को दिलचस्प नहीं माना। उन्होंने श्री कृष्ण के पैरों को पकड़ लिया और उनसे युद्ध करने की कोशिश की।श्री कृष्ण के भक्तों और गोपियों को यह देखकर बड़ी चिंता हुई और उन्होंने कृष्ण से अनुमति लेने के लिए विनती की। कृपया भगवान, इस भयानक नाग से बचाएं हमें इसके विषय में कुछ बुरा नहीं कहेंगे।भगवान श्री कृष्ण ने भक्तों की पुकार सुनी और नाग कालिया से युद्ध करने के लिए तैयार हुए। कृष्ण ने यमुना के मध्य में चढ़ाई और वहां पर नाग कालिया के साथ एक भयानक लड़ाई चली। भगवान श्री कृष्ण ने अपने शक्तिशाली बांहों से नाग कालिया को पकड़ लिया और उसे उलटा दिया।उसके बाद नाग कालिया ने भगवान श्री कृष्ण से माफी मांगी और भगवान कृष्ण ने उन्हें शरण देने का वचन दिया। उसके बाद से नाग कालिया यमुना नदी में शांति से निवास करने लगे और उसे वहां से निकास नहीं होने दिया गया।इस कथा से हमें यह सन्देश मिलता है कि भगवान कृष्ण भक्तों की सुरक्षा करते हैं और अधर्मी और दुर्बलता के प्रति कठोर स्थानलेते हैं इस कथा को सुनकर भक्त अपने जीवन में धर्मपरायण होने और सभी के प्रति दयालु और सहानुभूति पूर्वक व्यवहार करने का संदेश लेते हैं।
2. कालिया नाग का आकार: कालिया नाग विशाल आकार के जलीय सर्प थे, जिनकी लंबाई कई गज तक होती थी। उनकी भयानक रूपरेखा और भयावह दृष्टि के कारण लोग उनसे बचकर रहते थे।
3. श्री कृष्ण का प्रवेश: एक दिन, श्री कृष्ण और उनके साथी यमुना नदी में खेल रहे थे। वहां पर भगवान कृष्ण ने मधुर रास नृत्य किया और अपने भक्तों को मोह लिया।
4. कालिया नाग की रोकथाम: कृष्ण के खेल साथियों ने कालिया नाग को रोकने के लिए कहा, लेकिन कृष्ण ने उन्हें नाग से नहीं डरने की सलाह दी।
5. युद्ध का संघर्ष: श्री कृष्ण ने कालिया नाग से युद्ध किया और उन्होंने उन्हें अपने बांहों से पकड़ लिया।
6. नाग कालिया की विनती: कृष्ण ने नाग कालिया को विनती की और उनसे वचन लिया कि वे अब नदी में विनाश का कारण नहीं बनेंगे।
7. कृष्ण की महिमा: इस कथा में दिखाया गया है कि भगवान श्री कृष्ण की महिमा अपार है और वे अपने भक्तों की सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं।
8. नाग कालिया का बचाव: कृष्ण ने नाग कालिया को अपने प्रभावशाली योग शक्ति से बचा लिया।
9. धर्मपरायणता: इस कथा से हमें धर्मपरायण होने का संदेश मिलता है और यह दिखाता है कि भगवान धर्म की रक्षा करते हैं।
10. भक्ति और करुणा: श्री कृष्ण का यह काम देखकर देवी-देवताओं और दैत्यों की भी आँखों में आंसू आए और वे उनके प्रति भक्ति और करुणा का संदेश लेने लगे।
यह कथा भगवान श्री कृष्ण के महान बलिदान, साहस और प्रेम का प्रतीक है, और भक्तों को धर्म के मार्ग पर चलने और भगवान की भक्ति करने के लिए प्रेरित करता है।
श्री कृष्ण और कालिया नाग की 10 महत्वपूर्ण तथ्य
1. कालिया नाग का वासभूमि: कालिया नाग वृंदावन के यमुना नदी में निवास करते थे। उनके विषय में प्राचीन ग्रंथों में बताया गया है कि वे यमुना के तीर पर रहते थे और वहां के जल को विषैला बना दिया था।2. कालिया नाग का आकार: कालिया नाग विशाल आकार के जलीय सर्प थे, जिनकी लंबाई कई गज तक होती थी। उनकी भयानक रूपरेखा और भयावह दृष्टि के कारण लोग उनसे बचकर रहते थे।
3. श्री कृष्ण का प्रवेश: एक दिन, श्री कृष्ण और उनके साथी यमुना नदी में खेल रहे थे। वहां पर भगवान कृष्ण ने मधुर रास नृत्य किया और अपने भक्तों को मोह लिया।
4. कालिया नाग की रोकथाम: कृष्ण के खेल साथियों ने कालिया नाग को रोकने के लिए कहा, लेकिन कृष्ण ने उन्हें नाग से नहीं डरने की सलाह दी।
5. युद्ध का संघर्ष: श्री कृष्ण ने कालिया नाग से युद्ध किया और उन्होंने उन्हें अपने बांहों से पकड़ लिया।
6. नाग कालिया की विनती: कृष्ण ने नाग कालिया को विनती की और उनसे वचन लिया कि वे अब नदी में विनाश का कारण नहीं बनेंगे।
7. कृष्ण की महिमा: इस कथा में दिखाया गया है कि भगवान श्री कृष्ण की महिमा अपार है और वे अपने भक्तों की सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं।
8. नाग कालिया का बचाव: कृष्ण ने नाग कालिया को अपने प्रभावशाली योग शक्ति से बचा लिया।
9. धर्मपरायणता: इस कथा से हमें धर्मपरायण होने का संदेश मिलता है और यह दिखाता है कि भगवान धर्म की रक्षा करते हैं।
10. भक्ति और करुणा: श्री कृष्ण का यह काम देखकर देवी-देवताओं और दैत्यों की भी आँखों में आंसू आए और वे उनके प्रति भक्ति और करुणा का संदेश लेने लगे।
यह कथा भगवान श्री कृष्ण के महान बलिदान, साहस और प्रेम का प्रतीक है, और भक्तों को धर्म के मार्ग पर चलने और भगवान की भक्ति करने के लिए प्रेरित करता है।
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