गणेश जी की कहानी बहुत रोचक

गणेश जी की कहानी बहुत रोचक

गणेश भगवान हिन्दू धर्म में विशेष रूप से पूजे जाने वाले देवता हैं। वे विघ्नहर्ता और विद्यादायक हैं, जिनका ध्यान मानसिक शक्तियों को विकसित करने और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। गणेश जी की कहानी बहुत रोचक और शिक्षाप्रद है। यहां उनकी कुछ महत्वपूर्ण कथाएं हैं:-
1. पार्वती और गणेश: एक बार, माता पार्वती ने अपने शरीर के गर्भ से गणेश को उत्पन्न किया था। वह उनके सभी संपत्तियों की रक्षा करने के लिए एक सुरक्षा कवच की मांग करते हैं। गणेश ने माता पार्वती के इच्छा को पूरा करते हुए उन्हें एक बहुत ही बड़े मुशकाने की अर्धचन्द्राकार रखवा दिया जिससे उन्हें सुरक्षा की पूरी रक्षा मिल सके। इसलिए गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि वे सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करने में सक्षम होते हैं।
2. लंबोदर: एक दिन, गणेश भगवान ने अपने मुशकाने से कुछ मोदक खाने की इच्छा की। लेकिन मोदक ज्यादा बड़े थे और उन्हें छूटे नहीं। तब उन्होंने एक बड़ा गज कर अपने शरीर को चारों ओर घुमाया जिससे उन्हें छूट मिली। इसलिए उन्हें लंबोदर कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है "लंबा व विशाल वडापाट"।
3. विनायक चतुर्थी: भगवान गणेश के जन्मदिन को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भारत और दुनिया के कई हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, लोग गणेश भगवान की पूजा करते हैं, उनके चरणों में मोदक चढ़ाते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।
यह कुछ मुख्य गणेश भगवान की कथाएं थीं। उनकी कई और कहानियां हैं जो उनके भक्तों को धार्मिक शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करती हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता और विद्यादायक के रूप में पूजा जाता है और उन्हें हर संकट से बचाने की कामना की जाती है।

गणेश भगवान की कुछ महत्वपूर्ण कथाएं दी गई हैं

  1. महिषासुर वध: एक बार देवी पार्वती ने अपने देवी स्वरूप के रूप में एक सुंदर स्त्री के रूप में धरती पर अवतार लिया। महिषासुर नामक राक्षस ने उस स्त्री को अपनी पत्नी बनाने का इरादा किया। देवी पार्वती ने उससे कहा कि वह उसकी पत्नी बन सकती है, परन्तु उसे उससे पहले उसे एक लड़ाई जीतनी होगी। फिर देवी पार्वती ने अपने से अर्थात् गणेश भगवान को उत्पन्न किया और महिषासुर से लड़वाया। गणेश भगवान की बुद्धिमानी और बल के बल पर उन्होंने महिषासुर को वध कर दिया। इस लिए गणेश भगवान को विद्यादायक और विनायक भी कहा जाता है।
  2. सुरपाणका वध: रावण की बहन सुरपाणका ने राम और लक्ष्मण को पसंद कर लिया और उन्हें पति बनाने का इरादा किया। उसने लक्ष्मण को अपनी देवी बनाने की कोशिश की, परन्तु लक्ष्मण उसे अस्वीकार कर दिया। तब सुरपाणका ने राम को प्रस्तावित किया। राम ने भी उसकी प्रस्तावना को अस्वीकार किया, जिससे सुरपाणका को बहुत क्रोध आया और उसने लक्ष्मण को मारने की कोशिश की। लक्ष्मण ने सुरपाणका के नाक, कान और उँगलियों को काट दिया। फिर उसने राम को इस घटना के बारे में बताया और रावण की सहायता के लिए उनके द्वारा शूर्पणखा की बला की।
  3. शिव कथा: एक बार गणेश भगवान ने चांद से इनकार किया कि वह इतना तेज भाग नहीं सकते हैं। तभी वाहन बनाने के लिए उन्हें मुशकाने की जगह आदि अनेक वाहन मिले, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं छोड़ा। इस पर देवी पार्वती ने गणेश को संबोधित किया और उन्हें शिव की कथा सुनाई। गणेश भगवान ने अपने वचन का पालन करते हुए अपने मुशकाने की जगह पर रखवाया और चंद्रमा की यात्रा आरम्भ की।

गणेश भगवान के रोचक कहानियां

  1. गणेश का विवाह: एक बार गणेश भगवान की माता पार्वती ने उन्हें विवाह के लिए अपने विश्वासी गणा के साथ मिलाया। लेकिन गणेश की शरीर भारतीय विवाह परंपरा के अनुसार थोड़ी अजीब थी, जिससे अन्य देवताओं और गणेश के साथी उन्हें हंसते थे। इससे गणेश को दुख हुआ और उन्होंने अपने माता-पिता के बारे में पूछने का निर्णय किया।इसके बाद माता पार्वती ने उन्हें वाराणसी भेजा, जहां गणेश ने विद्या, धर्म, संस्कृति और कला की शिक्षा ली। वापस आने पर उन्हें राजमहल के विवाह समारोह में सम्मानित किया गया और उन्हें शीघ्र विवाह का वचन दिया गया। इससे गणेश का विवाह सिद्धि और बुद्धि की स्तुति के साथ हुआ।
  2.  गणेश और अग्नि: एक बार गणेश ने विवाह के विचार से नहीं ठहरा और उन्होंने वर्षा का व्रत रखा। इस व्रत में उन्हें पूर्व श्राद्ध समारोह भी नहीं करना पड़ता था। इससे प्रकट हुआ कि गणेश भगवान की बुद्धि और विवेक अत्यंत अच्छे थे।एक दिन, गणेश ने संयुक्त अग्नि के साथ ब्रह्मा की उपासना करते हुए उसे ध्यान दिया और अपने सिर पर सूर्य की प्रतिमा रखी ताकि वह अपने माता-पिता के दर्शन कर सकें। जब अग्नि ने इसे देखा, तो वह उसे ध्यान तो दे रहा था, लेकिन इसके बावजूद गणेश के सिर पर सूर्य की प्रतिमा रखी थी। इससे गणेश के विवेक की स्तुति हुई और उसे देवताओं के राजभवन में बुलाया गया और उसे बड़े रूप से सम्मानित किया गया।
कथाएं गणेश भगवान के जीवन में घटी रोचक घटनाओं को दर्शाती हैं और उनके गुणों की स्तुति करती हैं। इन कथाओं से आप उनके भक्ति और श्रद्धा के अनुसरण के महत्व को समझ सकते हैं।

गणेश भगवान की प्रमुख कथाएं हैं जो धार्मिक लोगों के अनुसार तथ्य रूप में मानी जाती हैं

  • गणेश जन्म: माता पार्वती ने अपने शरीर के मिट्टी से एक सुंदर बालक की मूर्ति बनाई थी और उसको जीवन प्राण प्रदान किया था। इससे गणेश भगवान का जन्म हुआ।
  • गणेश और कार्तिक्य: एक बार माता पार्वती ने स्वर्ग में देवी गणा के साथ अपने दो पुत्रों के मध्य विवाद शुरू हो गया कि किसे भारत का रक्षक बनाया जाए। तब भगवान शिव ने इस विवाद को समाधान करने के लिए एक दरबार बुलाया, जिसमें उन्हें देवों को अपने आग्रह से निर्णय लेने को कहा गया। अंततः भगवान शिव ने गणेश को भारत का रक्षक बनाने का निर्णय लिया।
  • गणेश और चंद्रमा: एक बार गणेश भगवान को बड़े मोदक खाने की इच्छा हुई। उन्होंने चंद्रमा से मोदक मांगे, लेकिन चंद्रमा इसे नजर अंदाज कर दिया। इससे गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया कि वह अपने चक्रवात समय में ज्यादा दिखाई न दे। इसके बाद से चंद्रमा के साइकिलिंड्रिकल आकार में दिखने की वजह से उसे काला कर दिया गया।
  • गणेश और रिद्धि-सिद्धि: एक बार गणेश भगवान को लोग उनकी गणा रिद्धि-सिद्धि के साथ शिव की पूजा करते हुए देखते हैं। तब उन्होंने रिद्धि-सिद्धि को शिव की पूजा करने से रोक दिया और कहा कि शिव की पूजा करने के लिए साधारण मनुष्य भी समर्थ होते हैं। इससे रिद्धि-सिद्धि ने उन्हें अपमानित समझकर वहां से चली गईं। बाद में जब गणेश को अपनी गलती का आभास हुआ, तो उन्होंने रिद्धि-सिद्धि को माफ करके उन्हें वापस बुलाया और उन्हें विशेष आदर दिया।ये कुछ मुख्य गणेश भगवान की कथाएं हैं

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