झुला देवी मंदिर के बारे में जो माँ दुर्गा को समर्पित /About Jhula Devi Temple dedicated to Maa Durga

झुला देवी मंदिर के बारे में जो माँ दुर्गा को समर्पित 

झुला देवी मंदिर के बारे में बताया। यह मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है और रानीखेत शहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है, जिसे लोग पवित्र और धार्मिक स्थल के रूप में पूजते हैं।झुला देवी मंदिर अपने सुंदर स्थानीय परिवेश के लिए भी प्रसिद्ध है, जिससे यह पर्यटकों के लिए भी एक पसंदीदा स्थल है। इसका नाम "झुला देवी" उस झूले के उपासकों से प्राप्त हुआ है, जो इस मंदिर में झूले जैसे आयुधों को उपासना करते हैं।यहां पर आने वाले लोग धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-अर्चना का आनंद लेते हैं, और भगवानी दुर्गा को विशेष भक्ति भाव से प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। यहां वर्ष भर में कई धार्मिक त्योहार भी मनाए जाते हैं, जिससे यहां की धार्मिक एवं सांस्कृतिक माहौल और भी सजीव हो जाता है।रानीखेत शहर अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है और झुला देवी मंदिर उसके निकट होने से इसे एक आकर्षक पर्यटक स्थल बनाता है। इस प्रकार, यहां के धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए लोग आते हैं।

झुला देवी मंदिर की कथा निम्नलिखित रूप से 

कई साल पहले एक गांव में एक बहुत ही साधू और धार्मिक राजा रहता था। राजा ने अपने राजमहल के पास एक सुंदर बगीचा बनवाया था, जिसमें विभिन्न प्रकार के फूलों और पेड़-पौधों की काईं खिल रही थीं। बगीचे में एक विशाल वटवृक्ष भी था, जिसके नीचे एक पवित्र स्थान बना था, जो माँ दुर्गा को समर्पित था।
एक दिन, एक साधू बाबा वहां आये और उन्होंने राजा को बताया कि उस स्थान पर माँ दुर्गा का विशेष स्थान है और वह इसे मंदिर बनवा दें। राजा धर्मिक होने के कारण उसे यह बहुत अच्छा लगा और वह उसी दिन से मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया। मंदिर का निर्माण काफी शीघ्र हो गया और वहां रोज़ाना पूजा-अर्चना की जाने लगी।
एक दिन, भगवानी दुर्गा ने सपने में राजा को दर्शन किया और उन्हें बताया कि उन्हें एक स्पेशल झूला (स्विंग) की प्रतिष्ठा करनी है ताकि उनके भक्त उसे प्रसन्न होकर उसमें झूल सकें। राजा ने भगवानी के इस आदेश का पालन करते हुए मंदिर में एक खूबसूरत झूला स्थापित किया।
जब से झूला लगा, मंदिर में भक्त रोज़ाना आकर भगवानी को स्विंग करने का आनंद लेते हैं और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। झुला देवी मंदिर धार्मिक और सांस्कृतिक एवं पर्वतीय सौंदर्य के लिए जाना जाता है और यहां के भक्त भगवानी की कृपा के साथ इस मंदिर का दर्शन करते हैं।

झुला देवी मंदिर की पूजा विधि निम्नलिखित रूप से 

1. शुभारंभ: पूजा का शुभारंभ करने के लिए पहले आपको ध्यान और शांति के साथ बैठना है। फिर आप अपने दिल से भगवानी दुर्गा को स्मरण करें और उनसे अपने मन की कामनाएं कहें।
2. स्नान: पूजा के आदि में भगवानी की मूर्ति और झूला को पानी और दूध से स्नान कराएं। इसके लिए गंगाजल या जल का उपयोग कर सकते हैं।
3. वस्त्र चढ़ाना: स्नान के बाद, मूर्ति को साफ सूथरे वस्त्र से सजाएं। झूले को भी सुंदर वस्त्र से सजाकर उसे मूर्ति के पास रखें।
4. धूप और दीप: भगवानी की मूर्ति और झूले के समीप दीपक जलाएं और सुगन्धित धूप लगाएं।
5. पुष्प अर्पण: फूलों के हार, गुलाब, कमल, चमेली आदि से भगवानी को अर्पित करें।
6. आरती: पूजा के अंत में भगवानी की आरती करें। आरती के दौरान मध्यमांद और श्रद्धा भाव से गायें और दीपक की आरती उतारें।
7. प्रसाद: पूजा के बाद, भगवानी को मिठे प्रसाद का भोग अर्पित करें।
इस प्रकार, झुला देवी मंदिर में पूजा विधि का पालन करके आप भगवानी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति कर सकते हैं। यह आपके आंतरिक भावनाओं और ईमानदारी के साथ किया जाने वाला अद्भुत अनुभव होगा।

झुला देवी मंदिर से जुड़े 15 रोचक तथ्य

1. झुला देवी मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य के रानीखेत शहर से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
2. यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है और विशेष धार्मिक आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है।
3. मंदिर का नाम "झुला देवी" उस झूले के उपासकों से प्राप्त हुआ है, जो मंदिर में झूले जैसे आयुधों को उपासना करते हैं।
4. झुला देवी मंदिर रानीखेत के लिए एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जिसे सालभर भक्त और पर्वतीय सौंदर्य का आनंद लेने के लिए आते हैं।
5. मंदिर के नजदीकी एक प्राकृतिक झील है, जिसे माँ दुर्गा की कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
6. झुला देवी मंदिर में वार्षिक धार्मिक त्योहारों का आयोजन होता है, जिससे यहां का धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल और भी सजीव होता है।
7. मंदिर के आस-पास कुछ आकर्षक स्थल भी हैं, जैसे कि माजखलीबाबा, बिंबा वृक्ष, रानीखेत मार्केट आदि।
8. झुला देवी मंदिर का स्थान पहाड़ियों में विराजमान है, जिससे यहां से आप प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
9. यहां के मंदिर की वास्तुकला और संस्कृति बहुत रमणीय है और विशेष रूप से देखने योग्य है।
10. मंदिर के निकट स्थित झील में शिशु शरण अश्रम है, जो गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए सेवाएं प्रदान करता है।
11. मंदिर के प्रवेशद्वार पर देवी माँ की मूर्ति का आलोकन होता है और भगवानी के रूप में वहां का स्वर्गीय अनुभव किया जाता है।
12. झुला देवी मंदिर में विभिन्न समय से चलने वाले भक्तों की भीड़ होती है, जो अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने आते हैं।
13. मंदिर में विशेष धार्मिक उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को भजन-कीर्तन और संस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेने का अवसर मिलता है।
14. झुला देवी मंदिर के पास एक बड़ी पुलिया है, जिसे सुंदर सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध किया जाता है।
15. झुला देवी मंदिर में विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और इस अवसर पर धार्मिक उत्सव का आयोजन होता है।

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