कंकाली देवी का विवरण /Description of Kankali Devi

कंकाली देवी का विवरण

कंकाली देवी हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवी है जिन्हें तांत्रिक और शाक्त संप्रदायों में पूजा जाता है। वह देवी दुर्गा के एक स्वरूप के रूप में प्रतिष्ठित हैं और उन्हें महाकाली, भद्रकाली, रुद्राणी, चामुण्डा आदि के नामों से भी जाना जाता है।कंकाली देवी का रूप आमतौर पर भयानक और उग्र होता है, जिसमें वे दस्त्रों, मुण्डमाला, और शिरोरट पहनती हैं। उनकी मूर्ति में उनके पास दो सिर और बहुत अधिक हाथ होते हैं, जिनमें वे विभिन्न आयुधों को धारण करती हैं। उन्हें अकेले ही स्थान के परिणामस्वरूप, आत्मा की शक्ति और मृत्यु का प्रतीक माना जाता है।
कंकाली देवी की पूजा तांत्रिक प्रथाओं में महत्वपूर्ण है और उनके परिपालन में शक्ति की उपासना की जाती है। उन्हें आमतौर पर रात्रि को पूजा जाता है, और उनकी पूजा के दौरान विशेष मंत्रों का उपयोग किया जाता है जिनका मान्यता से उपयोग किया जाता है कि वे शक्तियों को प्रसन्न करने में मदद करते हैं।यह ध्यान रखें कि हिंदू धर्म में विभिन्न परंपराओं, सम्प्रदायों और क्षेत्रों में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, और यह विशेष रूप सिर्फ़ एक आसानी से समझने के लिए उपलब्ध किए गए हैं।

**कंकाली देवी की कथा:**

कंकाली देवी की कई कथाएँ हैं, जिनमें उनकी शक्ति, विजय और कदाचित् उनके भक्तों के परिपालन की कहानियाँ शामिल हैं। एक प्रसिद्ध कथा निम्नलिखित है:
किसी गाँव में एक ब्राह्मण वंश में प्राचीन धर्मिक आदर्शों का पालन करने वाला युवक था। उसका नाम विश्वास था। विश्वास बड़े भक्त और तपस्वी थे, जो समाज में नेक कार्यों में व्यस्त रहते थे। वे देवी के प्रति विशेष श्रद्धा रखते थे और उनकी पूजा के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते थे।एक दिन, गाँव में अत्यंत गंदगी और दुर्बलता के कारण भूखमरी आने लगी। लोगों को खाने का सामग्री ही नहीं था और वे स्त्रियाँ, पुरुष और बच्चे सभी मरने की स्थिति में थे। विश्वास ने अपनी परिपत्रता को देखकर वे अत्यंत दुःखित हुए और वह देवी के समक्ष प्रार्थना करने गए।विश्वास ने अपनी प्रार्थना में कहा, "देवी, मैं जानता हूँ कि आपकी शक्ति अत्यधिक है। कृपया गाँव के लोगों की रक्षा करें और उन्हें इस भयंकर भूखमरी से मुक्ति दिलाएं।"
विश्वास की प्रार्थना से प्रेरित होकर कंकाली देवी उनके सामने प्रकट हुईं। उन्होंने विश्वास से आवश्यकता पड़ने पर अपने शक्तिशाली रूप को प्रकट किया और गाँव में भूखमरी को खत्म करने का आश्वासन दिया।
कंकाली देवी ने अपनी खगोलशास्त्रीय शक्तियों से भूखमरी को खत्म किया और गाँव के लोगों को भोजन की आपूर्ति प्रदान की। विश्वास और उसके साथी लोग अपने ध्यान और भक्ति के बल पर देवी की कृपा से गाँव को पुनर्निर्माण करने में सफल रहे।इस कथा से स्पष्ट होता है कि कंकाली देवी की शक्तिशाली प्रकृति और उनकी विशेष कृपा से वे अपने भक्तों की मदद करती हैं और उन्हें संकटों से बचाती हैं। वे उनकी पूजा के लिए सदैव तत्पर रहती हैं और उनकी प्रार्थनाओं का आशीर्वाद देती हैं।


कंकाली देवी के बारे में 25 रोचक तथ्य:

1. कंकाली देवी हिंदू धर्म में दुर्गा देवी के एक उपास्य रूप के रूप में पूजी जाती है।
2. उन्हें भयानक रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है, जिनमें वे दस्त्रों, मुण्डमाला और शिरोरट पहनती हैं।
3. कंकाली देवी का नाम "कंकाल" शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है "कण्ठस्थ" या "कंठ में बैठी हुई"।
4. उन्हें मुख में दो सिर, बहुत सारे हाथ और खगोलशास्त्रीय चिन्हों से चित्रित किया जाता है।
5. कंकाली देवी का मूल मंत्र "ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कंकाली हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा" है।
6. वे महाकाली, भद्रकाली, रुद्राणी, चामुण्डा, वैष्णवी आदि नामों से भी जानी जाती हैं।
7. कंकाली देवी का संबंध महाकाल और शिव के साथ होता है, जिन्हें उनकी शक्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
8. उन्हें आमतौर पर तांत्रिक पूजा में श्रद्धांजलि देने के लिए चिन्हित किया जाता है, जिनमें मृत्यु और शक्ति की उपासना होती है।
9. कंकाली देवी के दर्शन करने के लिए कई मंदिर और शक्ति पीठ भारत में हैं, जैसे कि कोलकाता कलीघाट मंदिर और कामाख्या मंदिर।
10. उन्हें नीलकंठ देवी और दशहरी देवी के रूप में भी जाना जाता है।
11. कंकाली देवी की पूजा महानवमी और दशहरा जैसे पर्वों पर विशेष रूप से की जाती है।
12. उन्हें उपासकों के द्वारा शक्ति, साहस और रक्षा की देवी के रूप में पूजा जाता है।
13. कंकाली देवी का संबंध तांत्रिक कला और मातृका के साथ है, जो महिला देवताओं की एक विशेष परंपरा है।
14. वे महिला देवी के रूप में शक्ति की प्रतीक होती हैं जो समाज में उत्तरदायित्व और संरक्षण की भूमिका निभाती हैं।
15. कंकाली देवी को अकेले ही खड़ी होती हुई और महाकाल के साथ दर्शाया जाता है, जिससे उनका मृत्यु का संबंध होता है।
16. उनकी पूजा में अंधविश्वास और भय का महत्व नहीं होता है, बल्कि शक्ति, विजय और समर्प
ण की महत्वपूर्णता होती है।
17. कंकाली देवी के पूजन में कई प्रकार के भोजन, मिठाई और फूलों की चढ़ावनी की जाती है।
18. उन्हें मान्यता है कि वे अपने भक्तों की प्रार्थनाओं को सुनती हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करती हैं।
19. कंकाली देवी को अपने भक्तों की सुरक्षा और रक्षा की देवी के रूप में भी पूजा जाता है।
20. वे उनके भक्तों को शक्ति और साहस प्रदान करने की मान्यता से प्रसिद्ध हैं।
21. कंकाली देवी की पूजा में तांत्रिक मंत्रों और तंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिनसे उनकी आनंदित और शक्तिपूर्ण दृष्टि प्राप्त होती है।
22. उन्हें समुद्र माता के साथ भी जोड़ा जाता है, जिन्हें वे अपनी सखी के रूप में मानती हैं।
23. कंकाली देवी की पूजा के लिए कई विशेष सामग्री आवश्यक होती है, जैसे कि काजल, नीलम, तिल, अस्थि, लोहा आदि।
24. उनकी पूजा से उनके भक्तों को आत्मा शुद्धि, उत्तरदायित्व और स्थिरता की भावना होती है।
25. कंकाली देवी की पूजा से उनके भक्तों को मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार मिलता है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।

कंकाली देवी की पूजा के कई लाभ 

कंकाली देवी की पूजा के कई लाभ होते हैं, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकते हैं। ये लाभ आपकी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक दृष्टि से हो सकते हैं:
1. **शक्ति और साहस की वर्धना:** कंकाली देवी की पूजा से आपको शक्ति और साहस में वृद्धि होती है, जो आपको सभी प्रकार के संघर्षों से निपटने में मदद कर सकती है।
2. **रक्षा और सुरक्षा:** कंकाली देवी की पूजा से आपके जीवन में रक्षा और सुरक्षा की भावना मजबूत होती है। आपको असुरक्षित महसूस नहीं होने देती है।
3. **आत्म-संयम और ध्यान:** कंकाली देवी की पूजा करने से आपका मानसिक संयम और ध्यान मजबूत होता है, जो आपके आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है।
4. **भय का अधिकार:** कंकाली देवी की पूजा से आपके मन में भय की भावना कम होती है और आप आत्म-विश्वासपूर्ण बनते हैं।
5. **संकटों से मुक्ति:** कंकाली देवी की पूजा से आपको संकटों से मुक्ति मिल सकती है, और आपका जीवन सुखमय बन सकता है।
6. **कामना की पूर्ति:** कंकाली देवी की पूजा से आपकी मानसिकता पॉजिटिव बनती है और आपकी कामनाओं की पूर्ति होती है।
7. **शत्रु नाश:** कंकाली देवी की पूजा से आपके शत्रुओं का नाश हो सकता है और आपका सुरक्षित रहने में मदद मिल सकती है।
8. **स्वास्थ्य और शक्ति:** कंकाली देवी की पूजा से आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है, और आप मजबूत बन सकते हैं।
9. **अन्याय से लड़ाई:** कंकाली देवी की पूजा से आपको अन्याय से लड़ने की शक्ति मिलती है और आप सच्चाई की रक्षा करते हैं।
10. **सफलता और विजय:** कंकाली देवी की पूजा से आपको सफलता और विजय की प्राप्ति हो सकती है, और आपका काम पूरा हो सकता है।
यह केवल कुछ लाभ हैं जो कंकाली देवी की पूजा से प्राप्त हो सकते हैं। पूजा का योग्य तरीके से करना और आदर्श भावना के साथ करना महत्वपूर्ण है ताकि आप इन लाभों को प्राप्त कर सकें।

कंकाली देवी की पूजा की विधि निम्नलिखित है।

ध्यान दें कि यह एक सामान्य विधि है और पूजा के विविध पारंपरिक प्रथाओं और क्षेत्रीय विचारों के आधार पर बदल सकती है।
**सामग्री:**
- कंकाली देवी की मूर्ति, चित्र या प्रतिमा
- चौक, आसन
- पंचामृत (दूध, घी, दही, मधु, शर्करा मिश्रण)
- फूल, दिये, धूप, अगरबत्ती
- पूजा के सामग्री जैसे कि कुमकुम, हल्दी, चावल, गंगाजल
- रक्त चण्डालिनी मंत्र (कन्या के अवयवों से)
- कंकाली देवी के मंत्र
**पूजा की विधि:**
1. स्वच्छ और शुद्ध रूप से स्नान करें और पूजा के लिए साफ़ वस्त्र पहनें।
2. पूजा स्थल को सजाकर चौक या आसन पर कंकाली देवी की मूर्ति या प्रतिमा को रखें।
3. मूर्ति की पूजा के लिए पंचामृत और फूलों की माला से उनके चरणों को धोएं।
4. अपने हाथों में पंचामृत लेकर कंकाली देवी की प्रतिमा की पूजा करें, मंत्रों के साथ।
5. फूल, दिये, धूप और अगरबत्ती से पूजा करें।
6. शक्ति पीठ परिपूजन के लिए आवाहन करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
7. पंचामृत से अभिषेक करें और कुमकुम, हल्दी और गंगाजल से उनके चरणों को स्नान करें।
8. पूजा के बाद प्रसाद को पर्याप्त भागों में विभाजित करें और उसे स्वीकार करें।
9. पूजा के बाद आप कंकाली देवी के ब्रह्ममुहूर्त में ध्यान और जाप कर सकते हैं, जिससे आपके आत्म-साक्षात्कार में मदद हो सकती है।
ध्यान दें कि पूजा करते समय आपकी भावनाओं में सादगी, श्रद्धा और समर्पण होना चाहिए। पूजा को ध्यानपूर्वक और समर्पित रूप से करने से आपको आत्मिक और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलेगी।

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