||माँ स्कंदमाता आरती || /||Maa Skandamata Aarti ||

||माँ स्कंदमाता आरती ||

 

जय तेरी हो स्कंदमाता। पांचवा नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी। जगजननी सब की महतारी॥
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं। हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं॥
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा॥
कही पहाड़ों पर हैं डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भगत प्यारे॥
भगति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इंद्र आदि देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं। तुम ही खण्ड हाथ उठाएं॥
दासो को सदा बचाने आई। भक्त की आस पुजाने आई॥

!! जय माता दी!!
शत शत वंदन मातु को, कोटिश कोटि प्रणाम।
आकर मात बिराजिए,मन के पावन धाम।
!! जय माता दी!!

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