भगवान राम के बारे में हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता

भगवान राम के बारे में हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता About Lord Rama, a major deity of Hindu religion

भगवान राम हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं। उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" और "मर्यादा पुरुष" के रूप में जाना जाता है, जो कीवर्तमान समय में भी लोगों के लिए एक आदर्श हैं। 
रामायण, भगवान राम की कहानी को बताती है। उनका जन्म अयोध्या में हुआ था। उनके पिता का नाम राजा दशरथ था। भगवान राम का जीवन उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ उनके वनवास, अयोध्या के विदाई, लंका के युद्ध आदि के किस्सों से भरा हुआ है।
उन्होंने धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलते हुए अपनी मर्यादाओं को पूरा किया और लोगों के मानवीय गुणों का प्रचार किया। उन्हें एक महान शक्ति, धैर्य, संयम, धर्म और सम्मान के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।
रामायण महाकाव्य में, राम की विशेषताओं, उनके जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्गदर्शन के माध्यम से, विभिन्न मूल्यों और सिद्धांतों का महत्त्व प्रकट होता है।

राम अवतार - विष्णु भगवन

विष्णु भगवान के दस प्रमुख अवतार हैं, जिन्हें दशावतार कहा जाता है। राम भगवान भी उनमें से एक हैं। विष्णु भगवान के दसवें अवतार के रूप में, भगवान राम धर्म के प्रचार-प्रसार और सत्य की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। रामायण महाकाव्य में उनका जीवन काफी विस्तृत रूप से वर्णित है और उनके धर्मीय तत्वों, नैतिकता और समर्थन के लिए वे प्रसिद्ध हैं।

कुछ मुख्य कारण भगवान राम के अवतार लेने के

  1. अधर्म का नाश:** राम अधर्म के नाश के लिए आए थे और सत्य, न्याय, और धर्म की स्थापना करने का कार्य किया।
  2. रावण का वध:** रावण जैसे राक्षसों का नाश करने के लिए उन्होंने अवतार लिया था। रावण ने अत्याचार और अधर्म की स्थापना की थी, जिसे राम ने समाप्त किया।
  3. लोक कल्याण:** राम अपने जीवन के माध्यम से मानवता को धर्मपरायण जीवन जीने की प्रेरणा देने के लिए आए थे। उनकी जीवनी और कथाएं मानवीय मूल्यों को सिखाती हैं।
  4. धर्म की स्थापना:** भगवान राम ने धर्म और नैतिकता की महत्ता को साबित किया और धर्मराज्य का आदान-प्रदान किया।
इन सभी कारणों से भगवान राम के अवतार लेने का मुख्य उद्देश्य था मानवीयता के उत्थान के लिए और समस्त ब्रह्मांड की रक्षा के लिए।

पौराणिक कथा भगवान राम का  जन्म

भगवान राम का जन्म भारतीय साहित्य और पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। भगवान राम, जिन्हें रामचंद्र भी कहा जाता है, विष्णु भगवान के सातवें अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म त्रेतायुग में अयोध्या नामक स्थान पर हुआ था। 
सार्थक रूप से, भगवान राम का जन्म 9 वीं द्वापर युग के आदि, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को हुआ था। यह दिन हिंदू पंचांग में "राम नवमी" के रूप में मनाया जाता है और भगवान राम के जन्मदिन के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
रामायण में मान्यता है कि उनके माता-पिता का नाम राजा दशरथ और कौशल्या था। राम का जन्म अपने पितामह राजा दशरथ के आयोध्या नगरी में हुआ था। भगवान राम के जन्म का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है और भक्तों द्वारा ध्यान, पूजा, और भजनों के साथ मनाया जाता है।
पुराणों के अनुसार, राम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। दशरथ ने अपनी तीन पत्नियों से यज्ञ करके चार पुत्रों को प्राप्त किया था। वह यज्ञ भगवान विश्वामित्र की आग्रह से हुआ था ताकि राम और उनके भाई लक्ष्मण को दानवों और राक्षसों से रक्षा करने की शक्ति मिले। दशरथ के यज्ञ में प्रस्तुत किए गए एक विशेष आहुति से भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के रूप में चारों पुत्र पैदा हुए।
यहां तक कि राम के जन्म के समय, आकाश से अन्न, फल और मिठाईयों की वर्षा हुई थी और देवताओं ने भी आकाश से आरती उतारी थी। इसी तरह की अनेक कथाएं रामायण में उपलब्ध हैं जो उनके जन्म की महिमा को दर्शाती हैं।

कुछ मंत्रों का संक्षेप में उल्लेख भगवान राम के 

भगवान राम के मंत्रों में बहुत समय के लिए मान्यताएं और प्रार्थनाएं शामिल हैं, जो उनकी पूजा और ध्यान में उपयोगी होती हैं। यहां कुछ मंत्रों का संक्षेप में उल्लेख किया गया है:
1. "ॐ श्री रामाय नमः" - भगवान राम को नमस्कार करने वाला मंत्र।
2. "श्री राम जय राम जय जय राम" - राम की महिमा को गान करने वाला मंत्र।
3. "ॐ राम रामाय नमः" - भगवान राम की अर्चना के लिए प्रयोग किया जाने वाला मंत्र।
4. "राम नाम जपो, जीवन सफल बनाओ" - राम के नाम का जाप करके जीवन को सफल बनाने के लिए।
5. "रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे। रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः।" - भगवान राम को समर्पित मंत्र।
ये मंत्र भगवान राम की उपासना और स्मरण में प्रयोग किए जाते हैं और उनकी पूजा और ध्यान में मदद करते हैं। इन मंत्रों का जाप और समर्पण उनकी भक्ति में सहायक होता है।

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