कालाराम मंदिर, नासिक, महाराष्ट्र जानिए

कालाराम मंदिर, नासिक, महाराष्ट्र जानिए Know Kalaram Temple, Nashik, Maharashtra

कालाराम मंदिर महाराष्ट्र के नासिक शहर में स्थित है। यह मंदिर श्री राम को समर्पित है और यहां पर एक प्राचीन मूर्ति है जो काल भैरव के रूप में जानी जाती है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1790 में हुआ था। यहां पर विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं और यहां के पास एक प्राकृतिक तालाब भी है जो यहां के दर्शनीय स्थलों में से एक है।

कालाराम मंदिर के सम्बंध में  सत्याग्रह

कालाराम मंदिर के सम्बंध में 2 मार्च 1930 को भीमराव अम्बेडकर जी का सत्याग्रह कोर्ट के बाहर किया गया था। वे दलितों के लिए कालाराम मंदिर में प्रवेश के अधिकार की मांग कर रहे थे, जिसे उन्होंने अपने सत्याग्रह से दिखाया। 
उन्होंने इस सत्याग्रह के माध्यम से दलित समुदाय के अधिकारों की रक्षा की और उन्होंने कालाराम मंदिर में अपने धर्मिक अधिकारों की मांग की थी। यह सत्याग्रह दलितों के समाज में उनके अधिकारों के लिए महत्त्वपूर्ण हुआ था।
इस सत्याग्रह के परिणामस्वरूप, भीमराव अम्बेडकर जी की आवाज ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया और उन्होंने दलितों के धार्मिक स्थलों में प्रवेश के अधिकारों की लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कालाराम मंदिर आंदोलन 

कालाराम मंदिर आंदोलन नासिक, महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलन था जो १९९८ में चर्चा में आया था। यह आंदोलन भगवान कालभैरव के मंदिर के उद्घाटन के विरोध में हुआ था।
कालभैरव के मंदिर के निर्माण के लिए मंदिर प्रबंधन ने एक स्थान पर भूमि का चयन किया था, जो कि स्थानीय लोगों के निवास क्षेत्र के पास था। लोगों ने इसका विरोध किया और यहां पर मंदिर का निर्माण नहीं होने दिया। 
इस आंदोलन में स्थानीय लोगों का विरोध था क्योंकि वे मानते थे कि इस स्थान पर एक मंदिर निर्मित करने से स्थानीय लोगों के लिए कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे कि ट्रैफिक व्यवस्था, शोर और भविष्य में क्षेत्र की बढ़ती हुई भूमि की कीमतों में वृद्धि।
इस आंदोलन में स्थानीय लोगों ने संगठित रूप से प्रदर्शन किया और सरकार से अपनी मांगें रखी। अंत में, इस आंदोलन ने सरकार को विचार करने पर मजबूर किया और मंदिर की निर्माण की योजना को रद्द कर दिया गया।
यह आंदोलन उस समय चर्चा में आया था और इसने स्थानीय लोगों की मांगों को सुनाया और सरकार को जागरूक किया कि वह स्थानीय लोगों की आवाज को सुने।

जानिए कालाराम मंदिर का निर्माण कैसे हुआ

इस मंदिर का निर्माण 1790 ई. में सरदार रंगाराव ओढेकर ने करवाया था। कहा जाता है कि ओढेकर को स्वप्न आया था कि काले रंग की राम की मूर्ति गोदावरी नदी में है। ओढेकर ने नदी से मूर्ति निकाली और मंदिर का निर्माण किया । मंदिर ने भारत में दलित आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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