रामायण दोहा: पहला श्लोक

रामायण दोहा: पहला श्लोक Ramayan couplet: first verse

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥

ब्रह्माण्ड पुराणों में रामायण का अत्यंत महत्त्व है, जिसमें भगवान राम की महाकाव्य गाथा को सुनाया गया है।
यह दोहा भक्ति और आदर्श के बारे में है।
 इसका अर्थ है:
"श्रीगुरु के चरणों का रज, अपने मन की पोशाक को शुद्ध करने में समर्थ बनाता है। ऐसा करने से मैं श्रीरामचंद्र जी की प्रशंसा करता हूँ, जो चारों फलों का दाता हैं।"
यह दोहा गुरु की महिमा और उसके पावन चरणों की महत्ता को बताता है और उसे मानने की प्रेरणा देता है। गुरु के आदर्शन, उनके शिक्षाओं का अनुसरण करने से ही व्यक्ति की आत्मा को शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रामायण पढ़ने से पहले रामायण मंत्र उच्चारण.

ॐ आदौ रामायणं तत्र जातं रावणदुष्टकं।  
भारतं विहितं नाम्ना मार्गेण रघुनन्दन।।

यह मंत्र रामायण की शुरुआत में रावण के दुष्ट चरित्र का उल्लेख करता है और राम के नाम से भारत महाकाव्य की प्रशंसा करता है।
यह मंत्र रामायण की शुरुआत में उच्चारित किया जाता है और इसका अर्थ निम्नलिखित है:
"ॐ (ओम) आदौ (शुरुआत में) रामायणं (रामायण) तत्र (वहाँ) जातं (हुआ) रावणदुष्टकं (रावण का दुष्ट चरित्र)। भारतं (भारत) विहितं (नियत) नाम्ना (नाम से) मार्गेण (मार्ग से) रघुनन्दन (रघुकुल के सुत)।।"
इस मंत्र का अर्थ है कि शुरुआत में रामायण वहाँ होता है, जहाँ रावण जैसे दुष्ट व्यक्ति की चरित्र कथा है। यह भारतीय संस्कृति द्वारा नियत नाम से रघुकुल के सुत राम के मार्ग से विहित है।

रामायण एक प्राचीन भारतीय साहित्यिक ग्रंथ

रामायण एक प्राचीन भारतीय साहित्यिक ग्रंथ है जो महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया था। यह ग्रंथ भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में महत्त्वपूर्ण माना जाता है। रामायण की कहानी मानवता, नैतिकता, और धार्मिकता को समझाने वाली है।
रामायण की कथा में प्रभु राम, सीता, हनुमान, लक्ष्मण, रावण आदि कई प्रमुख चरित्र हैं जो मानवीय मूल्यों, नैतिकता और धर्म के प्रतीक हैं। हालांकि, रामायण की सच्चाई या इतिहासिकता को लेकर विभिन्न मत हो सकते हैं।
कुछ लोग रामायण को मानवीय भावनाओं और नैतिकता के प्रतीक के रूप में मानते हैं, जबकि दूसरे इसे केवल एक पौराणिक कथा या माइथोलॉजी मानते हैं। इसमें विभिन्न संस्कृति, धार्मिक और साहित्यिक परंपराओं का महत्त्व है।
आपका व्यक्तिगत धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण इस प्रश्न को समझने में मदद कर सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि इतिहास और पौराणिक कथाएं अक्सर विभिन्न परंपराओं और धार्मिक समुदायों में उनकी अपनी विशेषता और महत्त्व के साथ मानी जाती हैं।

रामायण का मूल मंत्र

"ॐ राम ॐ राम ॐ राम ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम - क्लीं राम क्लीं राम। फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः" मंत्र का अर्थ निम्नलिखित हो सकता है:
"ॐ राम ॐ राम ॐ राम" - यह मंत्र भगवान राम को स्मरण करने और उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए है।
"ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम" - यह भी भगवान राम की पूजा और उनसे सम्बंधित धार्मिक और आध्यात्मिक सौभाग्य के लिए है
"क्लीं राम क्लीं राम" - यह मंत्र रामायण की विशेष शक्ति को स्थापित करने के लिए है और व्यक्ति को संस्कृति और धर्म के ज्ञान में सुधार करने में सहायता कर सकता है।
"फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः" - इस पाठ के द्वारा भगवान राम को प्रणाम किया जाता है। "फ़ट्" एक शब्द है जो प्रणाम या सम्मान के रूप में प्रयोग होता है।
यह मंत्र भगवान राम की पूजा, स्मरण, आशीर्वाद और धार्मिक सौभाग्य की प्राप्ति के लिए जाना जाता है।

रामायण के संदेश

रामायण में कई महत्वपूर्ण संदेश हैं जो हमें जीवन के लिए प्रेरित करते हैं। यह उन्हीं संदेशों का संग्रह है जो हमें अच्छे और सजीव जीवन के लिए मार्गदर्शन करते हैं। 
  1. धर्म और नैतिकता:** रामायण में धर्म, नैतिकता, ईमानदारी, वफादारी और कर्तव्य के महत्त्वपूर्ण संदेश हैं। राम के प्रामाणिकता, सत्यनिष्ठा और उसके कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता से हमें अच्छे और नैतिक जीवन की ओर प्रेरित करता है। 
  2. संघर्ष और साहस:** रामायण में राम, सीता और हनुमान जैसे पात्रों की संघर्ष, साहस और समर्पण दिखाया गया है। यह हमें जीवन में आने वाली मुश्किलों का सामना कैसे करना चाहिए, इसकी प्रेरणा देता है।
  3. सम्मान और प्रेम:** रामायण में संयम, सम्मान, प्रेम और सच्ची भक्ति के महत्त्व को जीवंत किया गया है। राम और सीता के बीच के प्रेम और समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण हमें प्रेम और सम्बन्धों में समर्पण का संदेश देता है।
  4. उदारता और क्षमाशीलता:** हनुमान जैसे पात्र की क्षमाशीलता, उदारता और समर्पण ने हमें यह सिखाता है कि हमें दूसरों के प्रति उदार और क्षमाशील होना चाहिए।
रामायण हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं में सद्गुणों और मूल्यों की महत्ता को समझाता है, जो हमें एक सफल और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।

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