सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त पूजा से फायदा प्राप्त

सफला एकादशी का शुभ मुहूर्त  पूजा से फायदा प्राप्त  Benefit from worshiping at the auspicious time of Saphala Ekadashi.

सफला एकादशी

सफला एकादशी हिन्दू पंचांग में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह एकादशी तिथि के दिन मनाई जाती है और इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आयोजित किया जाता है। सफला एकादशी का व्रत रखने से सुख, समृद्धि, शांति और मोक्ष की प्राप्ति होने की आशा की जाती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। लोग इस दिन निराहार रहते हैं और पूजा, ध्यान, जाप, भजन-कीर्तन करते हैं। इस एकादशी को मनाने से भक्त अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और अच्छे कर्मों का फल भी प्राप्त करते हैं।

हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखती है। इसकी कथा विभिन्न पुराणों में प्रमुखता से उल्लेखित है। यह कथा भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के महत्व को समझाने के लिए सुनाई जाती है।
संकल्प: व्रत की शुरुआत में संकल्प लें, जिसमें आप यह स्पष्ट करें कि आप सफला एकादशी का व्रत क्यों रख रहे हैं 

शुभ मुहूर्त

सफला एकादशी के शुभ मुहूर्त के बारे में अक्सर पंडितों और ज्योतिषियों के अनुसार विभिन्न मान्यताओं और पंचांगों के अनुसार अलग-अलग समय दिया जाता है। मुहूर्त की विशेषता व्यक्ति के स्थान, गोत्र, और समय के अनुसार भिन्न हो सकती है।
आमतौर पर, एकादशी व्रत का प्रारंभ संध्या के समय में किया जाता है, जो एकादशी तिथि के पूर्व दिन शुरू होता है। और व्रत का अंत सुबह के समय में होता है, जब एकादशी तिथि समाप्त होती है।
7 जनवरी 2024 को सफला एकादशी का व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष में है, और इसका शुभ मुहूर्त उपर्युक्त तिथियों के अनुसार है। व्रत शुरू करने का समय 7 जनवरी, रात्रि 12 बजकर 41 मिनट से होगा, और व्रत का समापन 8 जनवरी, सुबह 12 बजकर 46 मिनट पर होगा।
कुछ लोग अपनी स्थानीय पंडितों या धार्मिक गुरुओं से भी शुभ मुहूर्त की जानकारी लेते हैं, इसलिए उनसे अवश्य जांच करें।
सफला एकादशी हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस एकादशी का महत्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, और ध्यान करने से प्राप्त फलों का बहुत महत्व

पूजा से फायदा प्राप्त

सफला एकादशी के पूजन से कई लाभ माने जाते हैं। इस व्रत को रखने से व्यक्ति मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक रूप से फायदा प्राप्त कर सकता है।
  1. पापों से मुक्ति: सफला एकादशी का व्रत रखने से प्रत्येक व्यक्ति को उनके पापों से मुक्ति मिलती है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपनी दुर्भावनाओं और बुरी क्रियाओं से मुक्त होता है।
  2. आर्थिक समृद्धि: इस व्रत का पालन करने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है, और धन की संचय बढ़ती है।
  3. मानसिक शांति: सफला एकादशी के व्रत से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति का मन पवित्र होता है। यह व्रत मानसिक स्थिरता और शांति देने में मदद कर सकता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: इस व्रत से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है, और उसकी धार्मिक भावनाएं मजबूत होती हैं।
  5. सम्पूर्णता की प्राप्ति: सफला एकादशी के व्रत से व्यक्ति को सम्पूर्णता की भावना मिलती है और वह अपने जीवन में समृद्धि और सफलता की ओर बढ़ता है।
ये लाभ सिर्फ व्यक्ति की श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत के पालन से प्राप्त होते हैं।

भगवान विष्णु को अर्पित  सफला एकादशी पूजा महत्व सफला एकादशी कथा 
सफला एकादशी पूजा में भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है। इस पूजा को विशेष ध्यान और श्रद्धा के साथ की जाती है।

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