देवरहा बाबा की लीला देवराह बाबा के मूल मंत्र राम मंदिर निर्माण की 33 साल साल पहले कर दी थी भविष्यवाणी

देवरहा बाबा की लीला देवराह बाबा के मूल मंत्र राम मंदिर निर्माण की 33 साल साल पहले कर दी थी भविष्यवाणी

देवरहा बाबा (devaraaha baaba)

भारत को ऋषि-मुनियों का देश कहा जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे दिव्य संत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी कहानी सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। इनका नाम देवरहा बाबा है। देवरहा बाबा जाने माने सिद्ध पुरुष और एक कर्मठ योगी थे। देवरहा बाबा की उम्र के बारे में लोगों के बीच ऐसी मान्यता थी कि बाबा करीब 500 सालों तक जिंदा थे। हालांकि यह स्पष्ट रूप से यह कोई भी नहीं जानता था कि बाबा का जन्म कब हुआ। 19 जून 1990 के दिन अपना शरीर छोड़ने वाले देवरहा बाबा की चमत्कारी शक्ति को लेकर तरह-तरह की बातें कही-सुनी जाती हैं।

देवरहा बाबा की लीला (Devraha Baba's Leela)

श्रद्धालुओं के कथनानुसार बाबा अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से बड़े प्रेम से मिलते थे और सबको कुछ न कुछ प्रसाद अवश्य देते थे। प्रसाद देने के लिए बाबा अपना हाथ ऐसे ही मचान के खाली भाग में रखते थे और उनके हाथ में फल, मेवे या कुछ अन्य खाद्य पदार्थ आ जाते थे जबकि मचान पर ऐसी कोई भी वस्तु नहीं रहती थी। श्रद्धालुओं को कौतुहल होता था कि आखिर यह प्रसाद बाबा के हाथ में कहाँ से और कैसे आता है। जनश्रूति के मुताबिक, वह खेचरी मुद्रा की वजह से आवागमन से कहीं भी कभी भी चले जाते थे। उनके आस-पास उगने वाले बबूल के पेड़ों में कांटे नहीं होते थे। चारों तरफ सुंगध ही सुंगध होता था।
लोगों में विश्वास है कि बाबा जल पर चलते भी थे और अपने किसी भी गंतव्य स्थान पर जाने के लिए उन्होंने कभी भी सवारी नहीं की और ना ही उन्हें कभी किसी सवारी से कहीं जाते हुए देखा गया। बाबा हर साल कुंभ के समय प्रयाग आते थे। मार्कण्डेय सिंह के मुताबिक, वह किसी महिला के गर्भ से नहीं बल्कि पानी से अवतरित हुए थे। यमुना के किनारे वृन्दावन में वह 30 मिनट तक पानी में बिना सांस लिए रह सकते थे। उनको जानवरों की भाषा समझ में आती थी। खतरनाक जंगली जानवारों को वह पल भर में काबू कर लेते थे।लोगों का मानना है कि बाबा को सब पता रहता था कि कब, कौन, कहाँ उनके बारे में चर्चा हुई। वह अवतारी व्यक्ति थे। उनका जीवन बहुत सरल और सौम्य था। वह फोटो कैमरे और टीवी जैसी चीजों को देख अचंभित रह जाते थे। वह उनसे अपनी फोटो लेने के लिए कहते थे, लेकिन आश्चर्य की बात यह थी कि उनका फोटो नहीं बनता था। वह नहीं चाहते तो रिवाल्वर से गोली नहीं चलती थी। उनका निर्जीव वस्तुओं पर नियंत्रण था।

देवराह बाबा के मूल मंत्र( Devrah Baba's basic mantras)

देवरहा बाबा परंम् रामभक्त थे, देवरहा बाबा के मुख में सदा राम नाम का वास था, वो भक्तो को राम मंत्र की दीक्षा दिया करते थे। वो सदा सरयू के किनारे रहा करते थे। उनका कहना था
"एक लकड़ी ह्रदय को मानो दूसर राम नाम पहिचानो
राम नाम नित उर पे मारो ब्रह्म दिखे संशय न जानो "।
देवरहा बाबा जनसेवा तथा गोसेवा को सर्वोपरि-धर्म मानते थे तथा प्रत्येक दर्शनार्थी को लोगों की सेवा, गोमाता की रक्षा करने तथा भगवान की भक्ति में रत रहने की प्रेरणा देते थे। देवरहा बाबा श्री राम और श्री कृष्ण को एक मानते थे और भक्तो को कष्ट से मुक्ति के लिए कृष्ण मंत्र भी देते थे।
"ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने
प्रणत: क्लेश नाशाय, गोविन्दाय नमो-नम:"।
बाबा कहते थे-"जीवन को पवित्र बनाए बिना, ईमानदारी, सात्विकता-सरसता के बिना भगवान की कृपा प्राप्त नहीं होती। अत: सबसे पहले अपने जीवन को शुद्ध-पवित्र बनाने का संकल्प लो। वे प्राय: गंगा या यमुना तट पर बनी घास-फूस की मचान पर रहकर साधना किया करते थे। दर्शनार्थ आने वाले भक्तजनों को वे सद्मार्ग पर चलते हुए अपना मानव जीवन सफल करने का आशीर्वाद देते थे। वे कहते, "इस भारतभूमि की दिव्यता का यह प्रमाण है कि इसमें भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने अवतार लिया है। यह देवभूमि है, इसकी सेवा, रक्षा तथा संवर्धन करना प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है।"

राम मंदिर निर्माण की 33 साल पहले कर दी थी भविष्यवाणी (Prediction)

देवराह बाबा से एक बार पत्रकार ने साक्षात्कार में करीब 33 साल पहले पूछा था कि बाबा क्या राम मंदिर बन जाएगा। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे। तो देवराह बाबा ने इस पर कहा था कि "सुनो, वो रोका नहीं है, कायदे से बन जाएगा, सुना मंदिर बन जाएगा, इसमे कोई संदेह नहीं है"। मंदिर प्रेम से बनेगा यह बात देवराह बाबा ने आज से 33 साल पहले एक पत्रकार को कही थी। जिसका वीडियो भी आज कल सामने देखने को खूब मिल रहा है। देवराह बाबा की यह भविष्यवाणी राम मंदिर को लेकर बिल्कुल सटीक बैठी और अब 22 जनवरी 2024 दिन सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।

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