रामलला की भव्य प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने 51 इंच की है रामलला की मूर्ति' अखंड ज्योति 50 फीट ऊंची

रामलला की भव्य प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने

51 इंच की है रामलला की मूर्ति' अखंड ज्योति 50 फीट ऊंची

पहली प्रतिमा
कर्नाटक के मूर्तिकार योगीराज ने श्याम-वर्ण पत्थर से तैयार की।- 150-200Kg वजन है। चरण से ललाट तक करीब 51 इंच ऊंची है।

रामलला की भव्य प्रतिमा 

रामलला की भव्य प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसमें आप उनके पूर्ण स्वरूप के दर्शन कर सकते हैं। गुरुवार को ही रामलला गृभगृह में विराजे हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े आयोजन चल रहे हैं। सोमवार को दोपहर 12 बजे के करीब उनकी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के तौर पर मौजूद रहेंगे। इस भव्य प्रतिमा को अरुण योगीराज ने तैयार किया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को एक बार फिर से अयोध्या पहुंचे और 22 जनवरी के आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया। अयोध्या राम मंदिर में शुक्रवार को चौथे दिन का अनुष्ठान चल रहा है। सीएम योगी आज अयोध्या दौरे पर है। सीएम योगी प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे। राम मंदिर सीएम योगी पहुंचे है। एक शेयर की गई है जिसमें सीएम योगी के बैग्राउंड में भव्य मंदिर का दृश्य दिख रहा।

51 इंच की है रामलला की मूर्ति

पहली बार जब रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सामने आई थीं, तो वह सफेद कपड़े से ढकी हुई थी. मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज 
द्वारा तैयार की गई 51 इंच की रामलला की मूर्ति को गुरुवार को तड़के मंदिर में लाया गया था. अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं.मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तकारों की पांच पीढ़ियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकार हैं. अरुण वह मूर्तिकार हैं, जिनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सराहना कर चुके हैं. अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था

50 फीट ऊंची मचान पर राम नाम की अखंड ज्योति 50 फीट ऊंची

प्रयागराज में गंगा के किनारे 50 फीट की ऊंचाई पर मचान है। इस पर अखंड ज्योति जल रही है, जिसको देख कर श्रद्धालु नीचे से हाथ जोड़ लेते हैं। दरअसल, यह कोई साधारण अखंड ज्योति नहीं, बल्कि श्रीराम नाम की अखंड ज्योति है जो पिछले 10 साल से इस मचान पर जल रही है। गंगा में बाढ़ आए या फिर तूफान, इस ज्योति की लौ कम नहीं हुई। शास्त्री ब्रिज से यह ज्योति साफ दिखाई देती है।

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