वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी - भजन(Veena Vaadinee, Gyaan Kee Devee - Bhajan)

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी - भजन 

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी

यह भजन "वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी" माता सरस्वती की महिमा और उनके आशीर्वाद की स्तुति करता है। इस भजन में कवित्री ने माता सरस्वती को वीणा वादन के साथ ज्ञान की देवी के रूप में पुकारा है। भक्ति भाव से भरा हुआ यह भजन उनकी कृपा और आशीर्वाद का इंतजार करता है। भजन में माता सरस्वती को वीणा बजाने वाली, ज्ञान की देवी, और भक्तों के सर पर हाथ फेरने वाली माँ के रूप में चित्रित किया गया है। यह भजन संगीत, कला, और साहित्य की महत्ता को मान्यता प्रदान करता है और माता सरस्वती से उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है। 


भजन के शेरों में उक्त हुआ है कि माता सरस्वती की कृपा से सभी कलाओं में सफलता हो, और भक्त को ज्ञान की ज्योति का प्रकाश हो। इसके माध्यम से कवित्री माँ सरस्वती से आशीर्वाद मांगती है कि उनके साथ सभी कलाएं और लेखनी हमेशा अच्छी तरह से बनी रहे।

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी - भजन

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना । ।

तू सारे संगीत सँवारे, रागों में आभास तेरा,
साँसों की आवाज तुझी से, सारे सुरों में वास तेरा,
राग रागिनी मेरी सरगम, इनको और खिला देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

ग्रंथों के हर एक पन्ने पर,
तू ही शब्द सजाती है, कलम थमा के तू कवियों से,
प्यारे लिखाती है, प्यारें लिखाती है,
चलती रहे मेरी लेखनी, इतना योग्य बना देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

तेरी कृपा से कला निखरती,
रंग खिले तस्वीरों में, तू सतरंगी जीवन कर दे,
रंग भरे तक़दीरों में, रंग भरे तक़दीरों में,
जग में ऊँचा नाम रहे माँ, ऐसी युक्ति लगा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

जब जब बोलूँ कोई वाणी,
अमृत की बौछार लगे, मधुर वचन हर मन को भाए,
वीणा की झंकार लगे, वीणा की झंकार लगे,
कंठ बसों हे मात शारदे, मीठे बोल सिखा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना

वीणा वादिनी, ज्ञान की देवी, अपनी दया बरसा देना,
मेरे सर पर हाथ धरो माँ, ज्ञान की ज्योति जगा देना ।

इस भजन के माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करता है और माँ सरस्वती से आशीर्वाद मांगता है।

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