सरस्वती जी को ज्ञान की देवी

सरस्वती जी को ज्ञान की देवी क्यों कहा जाता है

सरस्वती जी हिन्दू धर्म की देवी हैं और विद्या, कला, संगीत, बुद्धि, बुद्धिमत्ता, और विद्युत के प्रतीक के रूप में पूजी जाती हैं। उन्हें सरस्वती माता भी कहा जाता है। वे त्रिदेवी त्रिमूर्ति की एक हिस्सा हैं सरस्वती जी का वाहन हंस (स्वान) है, और उन्हें वीणा बजाते हुए दिखाया जाता है। वह सफेद वस्त्रों में धृति हैं और अपने चेहरे पर हंस की मुद्रा बनाए रखती हैं। सरस्वती पूजा हिन्दू समाज में विशेष रूप से शिक्षा और कला के क्षेत्र में उनकी कृपा के लिए की जाती है।
Saraswati the goddess of knowledge

 सरस्वती ज्ञान की देवी कैसे हुई

प्रसंग के अनुसार सरस्वती जी ब्रह्मा जी की बेटी थीं। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इसीलिए यह कहा जाता है कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी। सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है।

मां सरस्वती की उत्पत्ति कथा /Origin story of Maa Saraswati

ज्ञान की असली देवी कौन है

श्रीभागवतानंद गुरुजी के अनुसार 'सरस्वती' का शब्द का प्रयोग उसके लिए आया है, जो ज्ञान की अधिष्ठात्री हो, विद्या की अधिष्ठात्री हो और साकार रूप में विद्यमान हो। उस ऊर्जा शक्ति के लिए 'सरस्वती' शब्द का प्रयोग किया गया है। शास्त्रों के अनुसार जिस तरह ज्ञान या विद्याएं दो हैं उसी तरह सरस्वती भी दो हैं।

सरस्वती जी को ज्ञान की देवी क्यों कहा जाता है

माता सरस्वती की पूजा-अर्चना बड़ी ही श्रद्धा के साथ की जाती है। मान्यता है कि सरस्वती जी की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि सरस्वती जी अपने भक्तों के जीवन का अंधकार दूर करके उन्हें प्रकाश(ज्ञान) की ओर लेकर जाती हैं। इससे व्यक्ति को अपने जीवन का सही अर्थ समझ में आता है।

माँ सरस्वती जुबान पर कब आती है

शास्त्र कहता है कि सुबह 3.20 मिनट से 3.40 मिनट के बीच मां सरस्वती व्यक्ति की जुबान पर बैठती है, इस समय बोली गई बात सच हो जाती है. बड़े बुजुर्ग अक्सर कहते हैं वाणी में कटुता कभी नहीं होनी चाहिए, ऐसे में खासकर बताए गए समय पर सोच समझकर बोलना चाहिए, क्योंकि आपकी बोली खुद के साथ दूसरों का नुकसान करा सकती है.

सरस्वती ने ब्रह्मा को श्राप क्यों दिया

देवताओं ने सरस्वती का स्थान लेने के लिए ब्रह्मा की नई पत्नी गायत्री बनाई। जब अंततः सरस्वती प्रकट हुईं, तो वह क्रोधित हुईं कि पति ने एक नई पत्नी ले ली है। उन्होंने ब्रह्मा को श्राप दिया कि फिर कभी मानव जाति द्वारा उनकी पूजा नहीं की जाएगी । 

विश्व की सबसे बड़ी देवी कौन है

हिन्दुओं के शक्ति साम्प्रदाय में भगवती दुर्गा को ही दुनिया की पराशक्ति और सर्वोच्च देवता माना जाता है (शाक्त साम्प्रदाय ईश्वर को देवी के रूप में मानता है)। वेदों में तो दुर्गा का व्यापाक उल्लेख है, किन्तु उपनिषद में देवी "उमा हैमवती" (उमा, हिमालय की पुत्री) का वर्णन है। पुराण में दुर्गा को आदिशक्ति माना गया है।

सबसे बड़ी देवी कौन है

सबसे बड़ा देवता और देवी कौन है? देवों के देव महादेव ही सबसे बड़े देवता हैं और शक्ति की देवी, दुर्गा का रुप मां गौरी अर्थात पार्वती ही सबसे बड़ी देवी हैं

माँ सरस्वती के पति कौन है

अंत में सरस्वती जी को ब्रह्मा से विवाह करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि इसकी देवलोक में बहुत आलोचना हुई और यही कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती। सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया।

सरस्वती का मूल मंत्र क्या है

या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

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