माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास

माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास 

 वैष्णो देवी को माता रानी, त्रिकुटा और वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है। वैष्णो देवी को हिन्दू धर्म में देवी माँ महालक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। भारत में “माँ” या “माता” शब्द का उपयोग “जन्म देने वाली माँ” क लिए किया जाता है और अक्सर इसका उपयोग वैष्णो देवी के नाम से पहले भी किया जाता है। वैष्णो देवी का मंदिर – Vaishno Devi Temple हिन्दू देवियों को समर्पित एक मंदिर है, जो जम्मू और कश्मीर राज्य के त्रिकुटा पर्वत श्रुंखला के कतरा में स्थित है।

माता वैष्णो देवी मंदिर, जो भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के कात्रा नगर में स्थित है, विश्वभर में एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है। यहां देवी वैष्णो देवी को पूजा जाता है, और यहां के भक्तों के बीच माता के भगवानी रूप में महत्वपूर्ण स्थान है।

माता वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास:

  1. प्राचीन कथा: वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास प्राचीन काल में शुरू हुआ था। कथा के अनुसार, माता वैष्णो देवी ने भक्तों की प्रार्थनाओं का सुना और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए आपने इंसान रूप में आकर उनकी सेवा की।
  2. श्री माता वैष्णो देवी मंदिर: माता वैष्णो देवी मंदिर का निर्माण 8वीं सदी में हुआ था, लेकिन मंदिर ने अपने स्तर को बढ़ाते हुए समय-समय पर विभिन्न युगों में सुधार किए गए हैं।
  3. अर्चिटेक्चरल ब्यूटी: मंदिर का आर्चिटेक्चरल डिज़ाइन और स्थानिक सौंदर्य को देखकर हर साल लाखों भक्त यहां यात्रा करते हैं।
  4. भगवानी का रूप: माता वैष्णो देवी का मुख्य प्रतिमा शक्ति के रूप में है और यहां की देवी त्रिमूर्ति की अद्भुत प्रतिमा मानी जाती है, जिसमें लक्ष्मी, सरस्वती, और काली की मूर्तियां समाहित हैं।
  5. पुरातात्विक बांध: श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के पास "बांधरा" नामक एक पुरातात्विक बांध भी है, जो इसके साथ जुड़ा हुआ है।
  6. माता की यात्रा (यात्रा पथ): वैष्णो देवी की यात्रा पथ भक्तों के लिए एक पवित्र पथ है जो त्रिकूट पर्वतीय इलाकों को लांघता है और मंदिर तक पहुंचने के लिए उन्हें योग्य बनाता है।
  7. नियमित पूजा आराधना: माता वैष्णो देवी मंदिर में नियमित रूप से पूजा और आराधना होती है, और यहां भक्तों को माता की कृपा का अनुभव करने का अवसर मिलता है।
  8. नाग देवता की पूजा: मंदिर में एक विशेष स्थान पर नाग देवता की पूजा भी होती है, जिसे "भैरों मंच" कहा जाता है।

माता वैष्णो देवी मंदिर भक्तों के बीच एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और विश्वभर से लाखों यात्री यहां पहुंचते हैं, विशेषकर नवरात्रि के दिनों में।

माता रानी माँ वैष्णो देवी मंदिर का इतिहास – Vaishno Devi Temple History

वैष्णो देवी का मंदिर कतरा से 13.5 किलोमीटर की दुरी पर बना हुआ है और कतरा से मंदिर जाने के लिए परिवहन की सुविधा भी की गयी है। श्रद्धालु पालखी और इलेक्ट्रिक गाड़ी के जरिये मंदिर जा सकते है, जिसमे 2 से 4 लोग आसानी से बैठ सकते है। कतरा से संजीछत तक हेलीकाप्टर की सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है, जो कतरा से 9.5 किलोमीटर दूर है।
श्री माता वैष्णो देवी जी को जाने वाले तीर्थ यात्रा सबसे पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थ यात्रा हैं, जिसमे लाखो तीर्थ यात्री पैदल यात्रा करते हैं । वैष्णो देवी माता का मंदिर दुनियाभर में मूह मांगी मुरादे पूरी करने वाली माता के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर त्रिकुटा की पहाडियों की गुफा में बना हुआ है। लाखो लोग इस पवित्र गुफा के दर्शन के लिए हर साल आते है। इतना ही नहीं बल्कि हर साल यहाँ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या तो अब 1 करोड़ से भी उपर जा चुकी है। श्रद्धालुओ का माँ वैष्णो देवी पर अटूट विश्वास होने की वजह से यह मंदिर केवल भारत ही नही बल्कि विदेशो में भी प्रसिद्ध है।
माता की पवित्र गुफा सतह से 5200 फीट की ऊंचाई पर बनी है। यात्रियों को कतरा के बेस कैंप से 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। कहा जाता है की तीर्थयात्रा करते समय माँ वैष्णो देवी का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ बना रहता है और इसीलिए बूढ़े से बूढ़े यात्री भी इस चढ़ाई को आसानी से पार कर जाते है। माँ वैष्णो देवी के दर्शन तीन प्राकृतिक पत्थरों के रूप में किये जाते है। गुफा के अंदर माँ वैष्णो देवी की कोई स्थापित प्रतिमा नही है।

माँ वैष्णो देवी के दर्शन साल भर श्रद्धालु कर सकते है।

1986 में जब श्री माता वैष्णो देवी मंदिर बोर्ड (सामान्यतः मंदिर बोर्ड के नाम से जाना जाता है) की स्थापना की गयी तभीसे मंदिर और यात्रा के व्यवस्थापन की जिम्मेदारी बोर्ड की है। बोर्ड ने तबसे लेकर आज तक यात्रियों की सुविधाओ के लिए काफी काम किया और जगह-जगह यात्रियों के रुकने एवं आराम करने के लिए अब छोटे-छोटे कैंप भी लगाए गये है। बोर्ड लगातार यात्रियों की सुविधाओ को विकसित करने में लगा हुआ है और हर साल करोडो यात्रियों को वे जितनी सुविधा हो सके उतनी सुविधाए प्रदान करते है।

टिप्पणियाँ