श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: तिरुवनंतपुरम, केरल

- स्थान: मंदिर तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत में स्थित है और यह भगवान विष्णु को समर्पित है।
- मूर्ति: मंदिर में प्रमुख मूर्ति भगवान विष्णु की है, जो शायी शयान मुद्रा में हैं।
- केरल के राजा का आशीर्वाद: मंदिर को केरल के राजा द्वारा प्राप्त आशीर्वाद से संतुष्ट किया गया है।
- गोपुरम: मंदिर में एक भव्य गोपुरम है जो इसे सुंदरता से भरा हुआ बनाता है।
- कुंब्हभिषेकम: मंदिर में विशेष रूप से कुंभभिषेकम आयोजित होता है, जिसमें द्वारा मूर्ति को नीलकंठ तेल से नहाया जाता है।
- राजमुखी द्वार: मंदिर के प्रवेश द्वार को राजमुखी द्वार कहा जाता है और यह गोपुरम के रूप में समर्पित है।
- अनेक पथ्यक्रम: मंदिर में अनेक पथ्यक्रम हैं जो भगवान की पूजा और प्रदक्षिणा के लिए हैं।
- राजा का दर्शन: मंदिर के दर्शन के लिए आम लोगों के लिए एक विशेष दर्शनक्षेत्र है जो राजा को समर्पित है।
- महाबिषेकम: कई बार एक शताब्दी में एक महाबिषेकम आयोजित होता है, जिसमें मूर्ति को अनेक प्रकार के श्रृंगारों से सजाया जाता है।
- विशेष आराधना: मंदिर में विशेष रूप से भगवान के लिए आराधना, पूजा, और भक्ति के कई आयोजन होते हैं।
- राजमला योजना: मंदिर के चारों ओर एक विशेष रूप से विकसित किए गए क्षेत्र को "राजमला योजना" कहा जाता है।
- भोग-आहुति: भगवान को प्रतिदिन विभिन्न भोगों और आहुतियों के माध्यम से आराधित किया जाता है।
- सांस्कृतिक सभा: मंदिर में सांस्कृतिक सभा भी होती है जिसमें विभिन्न कला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

समर्पित: भगवान पद्मनाभय, विष्णु के अवतार
समय: प्रातः 3:15 बजे से 12:00 बजे तक, और शाम 5:00 बजे से 7:20 बजे तक (हर दिन)
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
तिरुवनंतपुरम केरल की राजधानी है, जहां पद्मनाभस्वामी मंदिर स्थित है। पद्मनाभस्वामी मंदिर में प्रवेश करने से पहले क्या करें और क्या न करें पर बहुत विचार किया जाता है । मंदिर के अंदर किसी भी आधुनिक ड्रेस कोड की अनुमति नहीं है। पुरुषों को 'धोती' पहननी होती है, और महिलाओं को 'साड़ी' पहनने की अनुमति है।
पद्मनाभस्वामी मंदिर वर्तमान में त्रावणकोर के शाही परिवार की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है। किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की अनुमति नहीं है। सरकारी अधिकारी तहखानों के अंदर धन को सुरक्षित करने के लिए जेड-सुरक्षा प्रदान करते हैं।
हिंदू धर्म में, भारत का यह रहस्यमयी मंदिर यहां आने वाले सभी भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम है। इतिहास विशेषज्ञों ने बताया कि पद्मनाभ मंदिर 8वीं शताब्दी ई.पू. का है। वास्तुकला की चेरा शैली भारत में इस रहस्यमय मंदिर के डिजाइन को प्रेरित करती है। यह 108 दिव्य देशमास (महाविष्णु का पवित्र निवास) में से एक है।
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