भगवान शिव के उपवास में भूलकर भी न करें इन व्यंजनों का सेवन

भगवान शिव के उपवास में भूलकर भी न करें इन व्यंजनों का सेवन

भगवान शिव के उपवास 

हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत श्रद्धा से मनाया जाता है. यह भगवान शिव का मुख्य पर्व है. इस दिन शिव भक्त उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करते हैं. यह पर्व फाल्गुन की चतुर्दशी को पड़ता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था. Shivratri Vrat Me Kya Na Khaye इस दिन उपवास और पूजा करके भगवान शिव को प्रसन्न किया जाता है, जिससे भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है, लेकिन कई बार हम उपवास में कुछ ऐसा खा लेते हैं, जिनका सेवन उपवास में नहीं करना चाहिए.देश में सभी देवी-देवताओं की पूजन विधि और विधान अलग-अलग हैं. जिस तरह से भगवान गणेश को मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है, बजरंगबली को बूंदी का भोग लगाया जाता है. ठीक उसी तरह से भांग, धतूरा और बेलपत्र से शिवजी की पूजा करने का विधान है. मान्यता है महाशिवरात्रि के दिन अगर शिवजी प्रसन्न होते हैं तो भक्त को मनचाहा वरदान देते हैं, लेकिन अगर सही ढंग से इस दिन भगवान शिव का पूजन न हो तो कृपा नहीं मिलती है.

फलों और चाय का सेवन करें 
महाशिवरात्रि के उपवास में चावल, दाल, गेहूं से बने कोई भी खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए. इस उपवास में केवल फल, दूध, चाय, कॉफी आदि का ही सेवन करें.
ऐसा हो खान-पान 
इस उपवास को रखने की प्रथा सालों पुरानी है. कई लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, तो वहीं कुछ लोग केवल ड्राई फ्रूट्स खाते हैं. इस दिन आप कुट्टू का आटा, सेंधा नमक, आलू, साबुदाना से बने व्यंजन खा सकते हैं. इन व्यंजनों को तेल में न बनाकर घी में बनाना अच्छा रहता है.
सिंघाड़े के आटे से बनाएं कटलेट 
आप उपवास में खाने के लिए सिंघाड़े के आटे से कटलेट भी बना सकते हैं. इसके अलावा गाजर के साथ आलू और शिमला मिर्च जैसी सब्जियों को घिसकर उनका मिश्रण तैयार कर लें.
अब इसमें सेंधा नमक, मिर्च डाल दें और फिर उसका गोला बनाकर तेल में फ्राई कर लें. बता दें कि इन कटलेट में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है.
दूध से बनी ठंडाई पिएं 
आप दूध से बनी ठंडाई भी पी सकते हैं. इस ठंडाई में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो आपके पेट के लिए अच्छी रहती है. आप ठंडाई में बादाम, पिस्ता, काजू समेत कई तरह के ड्राई फ्रूट्स डाल सकते हैं.
इसके अलावा केसर, शक्कर, इलायची, सौंफ डालें. खास बात है कि इससे आपका शुगर लेवल भी ठीक रहता है.

ये चीजें शिवलिंग पर भूलकर भी नहीं चढ़ानी चाहिए –

जिस तरह से खान-पान को लेकर कुछ चीजें वर्जित हैं. ठीक उसी तरह से शिवलिंग पर चढ़ावे को लेकर भी कुछ नियम हैं. जैसे शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए. इसके पीछे ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भक्त खुद को दुर्भाग्य के मुंह में प्रवेश कर जाते हैं.
वहीं अगर शास्त्रों की मानें तो कभी भी शिवलिंग पर तुलती अर्पित नहीं करनी चाहिए. तुलसी को भगवान विष्णु के लिए अर्पित करने के लिए विशुद्ध माना गया है, लेकिन शिवलिंग पर इसे अर्पित करना वर्जित है. शिव को चढ़ाने वाले पंचामृत में भी तुलसी दल का उपयोग नहीं करना चाहिए.
शिवजी को धतूरे का फूल, बेलपत्र, भांग का गोला मुख्यतौर पर चढ़ाया जाता है. इसके अलावा न ही शिवलिंग पर चंपा और केतली का फूल चढ़ाया जाता है और न ही हल्दी से अभिषेक किया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने इन फूलों को शापित किया था, जिस वजह से इन फूलों का भोलेनाथ की पूजा में इस्तेमाल वर्जित है.

सवाल जवाब – Frequently Asked Questions (FAQ’s)

महाशिवरात्रि कब है 

महाशिवरात्रि का पर्व 
भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था

शिवजी को प्रसन्न करने के लिए क्या करें 

महाशिवरात्रि के दिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ की चारों पहर की पूजा करते हैं, शिव जी उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस आर्टिकल में ऊपर सम्पूर्ण पूजन विधि बताई गयी है.
  1. स्नान करके सफ़ेद, हरे, पीले, लाल, या आसमानी रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें.
  2. पूजा में भगवान शिव को अक्षत (चावल) अर्पित करें.
  3. सोमवार के दिन दही, सफ़ेद कपड़े, दूध, और शक्कर का दान करें.
  4. शिव रक्षा स्त्रोत का पाठ करें.
  5. सोमवार के दिन भगवान शिव को दूध, धतूरा, आक, गंगाजल, चंदन, अक्षत, और बेलपत्र चढ़ाएं.
  6. शिवलिंग पर जल अर्पित करें.
  7. शिवलिंग पर केसर अर्पित करें.
  8. शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करें.
  9. शिवलिंग पर केवल जल चढ़ाएं या बेलपत्र अर्पित करें.
  10. सोमवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद शिवलिंग पर तांबे के लोटे से गंगा जल या शुद्ध जल चढ़ाएं.
  11. भगवान शिव को गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें.
  12. भगवान शिव को सफ़ेद चंदन और भस्म से तिलक लगाएं.
  13. सफ़ेद फूल, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र आदि चढ़ाएं.
  14. रोज़ाना “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें.

महाशिवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है 

पहले पहर की पूजा का समय
नववर्ष में फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 08 मार्च को रात 09 बजकर 57 मिनट पर होगा और उसका समापन 9 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा. 8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि की निशिता पूजा का मुहूर्त देर रात 12 बजकर 07 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक है

महाशिवरात्रि की पूजा में क्या क्या सामग्री लगती है

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन… बाकी पूरी सामग्री लिस्ट ऊपर आर्टिकल में दी गयी है.

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