जो लोग मंदिर बनने पर सवाल उठाते हैं वे लोग इसे जरूर पढ़ें Those who question the construction of the temple must read this.

जो लोग मंदिर बनने पर सवाल उठाते हैं वे लोग इसे जरूर पढ़ें

लोग अकसर सवाल उठाते हैं ये मंदिर या तीर्थ स्थल बनाने से क्या फायदा होता है इससे अच्छा तो स्कूल या हॉस्पिटल ही बनवा दो। लेकिन यह लोग अर्थशास्त्र का मूल ही भूल जाते हैं स्कूल अस्पताल बनाने के लिए भी पैसा चाहिए और इन सुविधाओ को इस्तेमाल करने के लिए भी पैसा ही चाहिए वो कैसे किया जाए? उसके लिए चाहिए आपको आर्थिक गतिविधि।
उदाहरण के लिए केदारनाथ धाम को ही देखिये 2013 में यह धाम पूरी तरह बर्बाद हो गया था अब इसे वापस बना लिया गया है पहले से बेहतर सुविधाएं तैयार कर दी गयी हैं और इस साल यहाँ रिकॉर्ड तोड़ कमाई हुई है लोगों की।
1 अरब रूपए से ज्यादा तो मात्र घोड़े वालों ने इस सीजन में कमाये हैं हेलीकाप्टर कंपनियों ने 75 करोड़ से ज्यादा की कमाई की... जो लोग यात्रियों को लाठी डंडी देते हैं, उन्होंने ही 86 लाख की कमाई की है होटल, धर्मशाला, टैक्सी, बस, ट्रेन, ढाबे, चाय पानी नाश्ते वालों और किराने आदि की दुकानों वालों ने भी करोड़ों कमाये पिट्ठू वाले, फूल माला वाले, पूजा पाठ कराने वाले पंडितों आदि ने भी अच्छा खासा कमाया है।
कुल मिलाकर एक मंदिर होने से सैंकड़ो करोड़ रूपए की आर्थिक गतिविधि हुई है, जिससे लाखों लोगों की कमाई हुई है।

कुछ साल पहले इलाहबाद का नाम बदल कर प्रयागराज रखा गया था वहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने और अन्य कामों में लगभग 4000 करोड़ खर्च किये गए थे तब भी लोगों ने हल्ला मचाया बोले कि नाम बदलने से क्या फर्क पड़ेगा लेकिन वह भूल गए कि प्रयागराज नाम ही अपने आप में बहुत बड़ा ब्रांड है जो लोगों को आकर्षित करेगा। और वही हुआ भी कुम्भ मेले के दौरान ही 1,20,000 करोड़ से ज्यादा का राजस्व उत्पन्न हुआ लाखों लोगों ने साल भर जितनी कमाई कर ली थी। अब आइये काशी जहाँ कॉरिडोर बनाने पर करोड़ों खर्च किये गए लेकिन आज उसे ही देखने के लिए हर साल करोड़ों लोग काशी आ रहे हैं पहले से कहीं अधिक संख्या में पर्यटक आ रहे हैं और हिसाब किताब करें तो एक साल में कई हजार करोड़ का राजस्व यहाँ से उत्पन्न होगा।
अयोध्या को ही देख लीजिये राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद शहर में बदलाव आने लगा है हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट बन रहे हैं वहीं हर साल दीपोत्सव मनाया जाने लगा है... इस वजह से ना सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव आया है, बल्कि अयोध्या भी अब एक बड़े ब्रांड के तौर पर फिर से उभर रहा है।याद रखिये जिस दिन राम मंदिर बन कर तैयार होगा यह दुनिया में टॉप तीन तीर्थस्थल में से एक होगा जहाँ हर वर्ष लाखों करोड़ों का राजस्व बनेगा।

हिंदुत्व की खासियत ही यही है हमारा धर्म समाज के हर भाग से जुडा है... अर्थशास्त्र भी एक महत्वपूर्ण भाग है किसी भी समाज या देश का सौभाग्य से यह सोच हमारे पूर्वजो में पहले से रही है, इसीलिए मंदिर, त्यौहार, तीर्थ यात्रा और मेले यह हजारों सालों से हमारे देश में आर्थिक गतिविधि के लिए मुख्य स्रोत का काम करते आ रहे हैं...
धर्म और अर्थशास्त्र के इस गठजोड़ को समझने के लिए आपको ऑक्सफोर्ड से डिग्री लेने की जरूरत नहीं है और ना ही हेवर्ड अर्थशास्त्री बनने की सामान्य ज्ञान ही बहुत है और वह मोदी में कूट कूट के भरा है।

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