सुवर्चला से ही क्यों किया हनुमान जी ने विवाह"कैसे हुआ था हनुमान जी का विवाह Why did Hanuman ji marry Suvarchala? How did Hanuman ji get married?

सुवर्चला से ही क्यों किया हनुमान जी ने विवाह"कैसे हुआ था हनुमान जी का विवाह

सुवर्चला से ही क्यों किया हनुमान ने जी विवाह

हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला का मंदिर तेलंगाना के खम्मम जिले में है यह एक प्राचीन मंदिर है। यहां हनुमानजी और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। यहां की मान्यता है कि जो भी हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन करता है, उन भक्तों के वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।पाराशर संहिता में उल्लेख मिलता है कि हनुमानजी अविवाहित नहीं, विवाहित हैं। उनका विवाह सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से हुआ है। संहिता के अनुसार हनुमानजी ने सूर्य देव को अपना गुरु बनाया था। सूर्य देव के पास ९ दिव्य विद्याएं थीं। इन सभी विद्याओं का ज्ञान बजरंग बली प्राप्त करना चाहते थे। सूर्य देव ने इन ९ में से ५ विद्याओं का ज्ञान तो हनुमानजी को दे दिया, लेकिन शेष ४ विद्याओं के लिए सूर्य के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया।शेष ४ दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था जो विवाहित हों। हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे, इस कारण सूर्य देव उन्हें शेष चार विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ हो गए। इस समस्या के निराकरण के लिए सूर्य देव ने हनुमानजी से विवाह करने की बात कही। पहले तो हनुमानजी विवाह के लिए राजी नहीं हुए, लेकिन उन्हें शेष ४ विद्याओं का ज्ञान पाना ही था। इस कारण अंतत: हनुमानजी ने विवाह के लिए हां कर दी।
जब हनुमानजी विवाह के लिए मान गए तब उनके योग्य कन्या की तलाश की गई और यह तलाश खत्म हुई सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला पर। सूर्य देव ने हनुमानजी से कहा कि सुवर्चला परम तपस्वी और तेजस्वी है और इसका तेज तुम ही सहन कर सकते हो। सुवर्चला से विवाह के बाद तुम इस योग्य हो जाओगे कि शेष ४ दिव्य विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर सको। सूर्य देव ने यह भी बताया कि सुवर्चला से विवाह के बाद भी तुम सदैव बाल ब्रह्मचारी ही रहोगे, क्योंकि विवाह के बाद सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो जाएगी। यह सब बातें जानने के बाद हनुमानजी और सुवर्चला का विवाह सूर्य देव ने करवा दिया। विवाह के बाद सुवर्चला तपस्या में लीन हो गईं और हनुमानजी से अपने गुरु सूर्य देव से शेष ४ विद्याओं का ज्ञान भी प्राप्त कर लिया। इस प्रकार विवाह के बाद भी हनुमानजी ब्रह्मचारी बने हुए हैं।
।। हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ वन्दे ।।
 Why did Hanuman ji get married to Suvarchala?

कैसे हुआ था हनुमान जी का विवाह

पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी के गुरु सूर्य देव (सूर्य को मजबूत करने के उपाय) थे।सूर्य देव ने हनुमना जी को अष्ट सिद्धियों का ज्ञान दिया था। हालांकि नव निधियां सिखाने में सूर्य देव को कठिनाइयां आने लगीं। नव निधियां सीखने के लिए हनुमना जी का विवाहित होना जरूरी था। ऐसे में सूर्य देव ने अपने तेज से एक कन्या को प्रकट किया।उस कन्या से हनुमान जी ने विवाह किया और बचा ज्ञान प्राप्त किया। हनुमान जी ने विवाह के बाद भी ब्रह्मचर्य का पालन किया।वहीं, देवी सुवर्चला घोर तप के बाद सूय ऊर्जा में ही समा गईं। ठीक ऐसे ही हनुमान जी के अन्य विवाह भी विद्या प्राप्ति के लिए हुए थे। 

कौन थीं हनुमान जी की पत्नियां

  1. हनुमान जी की पहली पत्नी थीं सुवर्चला जो सूर्य देव की पुत्री थीं। 
  2. हनुमान जी की दूसरी पत्नी थीं अनंगकुसुमा जो वरुण देव की पुत्री थीं। 
  3. हनुमान जी की तीसरी पत्नी थी सत्यवती जो रावण की पुत्री की पुत्री थीं।

क्यों कहलाते हैं हनुमान जी ब्रह्मचारी

तीनों विवाह के बाद भी हनुमान जी (हनुमान जी का सबसे शक्तिशाली मंत्र) ने ब्रह्मचर्य का पालन किया। वहीं, हनुमान जी की तीनों पत्नियां तप कर विलीन हो गईं।  यही कारण है कि हनुमान जी विवाह के बाद भी ब्रह्मचारी कहलाते हैं। हालांकि हनुमान जी के विवाह के बारे में रामायण में कुछ भी उल्लेखित नहीं। मगर हनुमान जी को उनकी पत्नी के साथ तेलंगाना में पूजा जाता है। इसके अलावा, ग्वालियर में भी हनुमान जी तीनों पत्नियों के साथ स्थापित हैं। यहां तक कि उनके पुत्र मकरध्वज की प्रतिमा भी इस मंदिर में मौजूद है। 

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