होली राधा-कृष्ण स्पेशल शायरी हिंदी में
जय श्री राधे कृष्णा
राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी ,
प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी ,
ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली
मुबारक हो आपको रंग भरी होली !!
होली की शुभकामनाएं
राधा-कृष्ण और गोपियां
हाल न पूछो मोहन का
सब कुछ राधे राधे है
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यह कथा भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा और गोपियों से जुड़ी हुई है। मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण गोपियों के साथ रंगों से खेलते थे। यह घटना प्रेम और खुशी का प्रतीक माना जाता है।
हर कोई कृष्णा और राधा के प्रेम के बारे में जानता है और इनकी प्रेम कहानी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण भाग है. यह कहानी ब्रज क्षेत्र में घटी और भगवान कृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ी हुई है. यह कहानी रासलीला के माध्यम से भी प्रस्तुत होती है, जहां कृष्ण और राधा के प्रेम की विशेषता और उनके विचारों को दर्शाया जाता है कृष्ण की लीलाएं और मनोहारी व्यक्तित्व ने राधा को उनसे और भी अधिक मोहित कर दिया. राधा कृष्ण के प्रेम में पूर्ण समरसता थी. वे आपस में पूर्ण एकत्रित हो जाते और अपने प्रेम की मधुरता को व्यक्त करते थे. राधा के प्रेम और समर्पण के माध्यम से कृष्ण के आंतरिक गुणों और दिव्यता का अनुभव होता था.
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होली राधा-कृष्ण स्पेशल शायरी हिंदी में |
Holi Radha-Krishna Special Shayari in Hindi
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मथुरा की खुशबु, गोकुल का हार
वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार
राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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वृंदावन की सुगंध, बरसाने की फुहार
राधा की उम्मीद, कान्हा का प्यार
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
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मथुरा की खुशबू
गोकल का हार
वृन्दावन की सुगंध
बरसाने का प्यार
मुबारक हो आपको होली का त्यौहार
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मुरली छूटी शंख बजा रास तजा फिर युद्ध सजा
क्या पीछे क्या आगे है सब कुछ राधे राधे है
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फागुन का महीने में रंगों की बहार हो,
गुलाल की महक पर राधा-कृष्ण के
प्रेम की बौछार हो.
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फागुन का महीने में रंगों की बहार हो,
गुलाल की महक पर राधा-कृष्ण के
प्रेम की बौछार हो.
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आगे आगे राधा मोहन
पीछे सबकी टोली !
इंद्रधनुष के, प्रीत रंगों से..
खेल रहे सब होली !
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प्यार में कितनी बाधा है
लेकिन राधा, राधा है
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प्यार में कैसी थकन कह के ये घर से निकली
कृष्ण की खोज में वृषभानु-लली मीलों तक
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वो राधा की तरह है साथ मेरे
ख़यालों में वो मेरी रुक्मणी है
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दीवार-ओ-दर पे 'कृष्णा' की लीला के नक़्श है
मंदिर है ये तो 'कृष्ण' के दरबार की तरह
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प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती है,
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती है.
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राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है.
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पूर्ण है श्रीकृष्ण परिपूर्ण है श्रीराधे,
आदि है श्रीकृष्ण अनंत है श्रीराधे.
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प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी.
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