मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के कुछ लाभ , Meen Sankraanti Ke Din Soory Dev Kee Pooja Karane Ke Kuchh Laabh

 मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के कुछ लाभ

मीन संक्रांति -मीन संक्रांति

सूर्य मेष राशि से अंतिम राशि मीन में प्रवेश करता है। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश को मीन संक्रांति कहा जाता है। मीन संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है; मीन संक्रांति को साल के आखिरी महीने की संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह साल का आखिरी महीना होता है। मीन संक्रांति को दक्षिण भारत में मीन संक्रांति के नाम से जाना जाता है। भारत के कुछ राज्यों जैसे पंजाब, केरल और तमिलनाडु में, मीन संक्रांति का त्योहार हर महीने की शुरुआत में मनाया जाता है जबकि आंध्र प्रदेश में यह हर महीने के दूसरे भाग में मनाया जाता है।
मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं। इस दिन वैदिक मंत्रों का जाप और दान करना बेहद शुभ माना जाता है। आज सुबह सूर्योदय के समय किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय सूर्य देव को प्रणाम करें और उनसे अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। इस दिन मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें या घर पर ही धूप, दीप, फल, फूल, मिठाई आदि से भगवान की पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य उपयोगी चीजें दान करें। इस दिन भूमि दान करना विशेष शुभ फलदायी माना जाता है। इस दिन लगभग सभी मंदिरों को फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है और दीपक जलाए जाते हैं। इस दिन किए गए दान और पुण्य से सभी जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं। मीना संक्रांति देश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर ओडिशा में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है।

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मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के कुछ लाभ

हिंदू धर्म में सूर्य देव की उपासना के लिए संक्रांति को सबसे उत्तम माना जाता है. मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना करने से धन-ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन दान-पुण्य को विशेष महत्व दिया गया है.

मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के कुछ लाभ:

  • ब्रह्म मुहूर्त में सूर्य पूजा कर के अर्घ्य देने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं.
  • सूर्य भगवान के आशीर्वाद से सभी दोष भी दूर हो जाते हैं.
  • आदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ से न सिर्फ शत्रु पराजित होते हैं बल्कि हर प्रकार की नकारात्मकता भी दूर होती है.
  • इस दिन व्यक्ति के बाहरी और आतंरिक दोष भी मिट जाते हैं जिससे उसकी आत्मा और मन की शुद्धि होती है और मन शांत होता है.
  • पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है.
  • मान्यता है कि संक्रांति पर्व के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से रोग, दोष और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
  • इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करने से जीवन में अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
  • शास्त्रों के मुताबिक, यह वह समय होता है जब प्रकृति में नया सृजन होता है.
  • माना जाता है कि इस दौरान उपासना, ध्यान, योग करने से तन-मन और बुद्धि को पुष्ट होती है. 
  • मीन संक्रांति पर गरीबों को दान करने और भोजन कराना बहुत ही शुभकारी माना जाता है. इस दिन गाय को चारा खिलाना चाहिए

मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करने के लिए, ये मंत्र जपें

ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम: हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन सूर्योऽर्यमा भगस्त्वष्टा पूषार्क: सविता रविः । गभस्तिमानज: कालो मृत्युर्धाता प्रभाकर: ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम:, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ दिनकराय नमः, ऊँ दिवाकराय नमः, ऊँ खखोल्काय स्वाहा
मीन संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने के लिए, ये तरीका अपनाएं:
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
  • उगते सूर्य को जल अर्पित करें
  • जल अर्पित करने के बाद सूर्य मंत्रों का जाप करें
  • सूर्य देव को जल में लाल चंदन, लाल फूल, और गुड़ मिलाकर अर्घ्य दें
  • सूर्य चालीसा, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें 
  • पंचांग के मुताबिक, साल 2024 में सूर्य देव 14 मार्च, गुरुवार को मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इसी दिन पवित्र स्नान और दान-पुण्य का काम किया जाएगा. 

मीन संक्रांति पूजा विधि

मीन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करना चाहिए या घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को प्रणाम करना चाहिए और उन्हें जल चढ़ाना चाहिए. सूर्य देव को जल चढ़ाते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए. साथ ही, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ भी करना चाहिए
  • मीन संक्रांति के दिन सुबह उठकर गंगा नदी या गंगा जल युक्त पानी से स्नान करें।
  • उसके बाद सूर्य देवता को प्रणाम करें और उन्हें जल चढ़ाएं।
  • इस दिन सूर्ट देव को जल चढ़ाते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें।
  • मीन संक्रांति के दिन मंदिर जाकर भगवान के दर्शन करें।

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