नवरात्रि प्रथम दिन - माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र,Navratri Pratham Din - Maa Shailputri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

नवरात्रि प्रथम दिन - माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, सामग्री और संस्कृत मंत्र

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, पूर्वजन्म में शैलपुत्री का नाम सती था और ये भगवान शिव की पत्नी थीं
Navratri Pratham Din - Maa Shailputri Pooja Vidhi, Saamagree Aur Sanskrt Mantr

माँ शैलपुत्री की पूजा विधि

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.  
पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और मंदिर को साफ़ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. अब मां शैलपुत्री का आह्वान करें और उनके लिए लाल रंग के फूल लेकर रखें. इसके बाद मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प चढ़ाएं. फिर माता को सफ़ेद फूल, धूप, दीप, सिंदूर, अक्षत, फल और मिठाई अर्पित करें. पूजा के दौरान मंत्रों का उच्चारण करें और माता के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ घी का दीपक जलाकर मां शैलपुत्री की आरती करें. पूजा समाप्त होने के बाद मां शैलपुत्री से प्रार्थना करें. पूजा के बाद मां को सफ़ेद बर्फ़ी या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन गाय के घी का भोग लगाने से रोगों से छुटकारा मिलता है.
  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ़ वस्त्र पहन लें.
  • मंदिर को अच्छी तरह से साफ़ करें.
  • इसके बाद लाल रंग के फूल लेकर मां शैलपुत्री का आह्वान करें.
  • मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प चढ़ाएं.
  • पूजा के पहले अखंड ज्योति प्रज्वलित करें.
  • शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करें.
  • घी से दीपक जलाएं.
  • पूर्व दिशा की ओर मुंह करके चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं.
  • सबसे पहले गणपति का आह्वान करें.
  • मां की आरती करें.
  • शंखनाद करें.
  • घंटी बजाएं.
  • मां को प्रसाद अर्पित करें

मां शैलपुत्री की पूजा के लिए, इन बातों का ध्यान रखना चाहिए

  • मंदिर या पूजा घर को साफ़ करना और गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना
  • मां की पूजा के लिए लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करना
  • माता को सफ़ेद दिखने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि खीर, चावल, सफ़ेद मिष्ठान आदि का भोग लगाना 
  • चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करना

मां शैलपुत्री की पूजा षोड्शोपचार विधि

  • मां को कुमकुम और अक्षत लगाना
  • माता के सामने धूप, दीप जलाना
  • माता को सफ़ेद, पीले, या लाल फूल अर्पित करना
  • पांच देसी घी के दीपक जलाना
  • शैलपुत्री माता की कथा, दुर्गा चालीसा, दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ करना
  • परिवार के साथ माता के जयकारे लगाना
  • माता की आरती उतारना
  • भोग लगाना और पूजा का समापन करना

माँ शैलपुत्री की पूजा सामग्री:

  1. मिट्टी और नवधान्य के बीज
  2. पूजा स्थल की मिट्टी
  3. गंगाजल से भरा कलश
  4. कुछ सिक्के
  5. कलावा/मौली
  6. पुष्प और पुष्पमाला
  7. सुपारी और अक्षत (कच्चा साबुत चावल और हल्दी पाउडर)
  8. लाल कपड़ा
  9. आम के पांच पत्ते
  10. मिठाई
  11. सिंदूर
  12. दूर्वा
  13. नारियल

माँ शैलपुत्री की पूजा  संस्कृत मंत्र 

  • ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः
  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: !

मां शैलपुत्री का मंत्र और मंत्र का अर्थ

वन्दे वांछितलाभाय, चंद्रार्धकृतशेखराम्। वृषारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम् !
अर्थ
मैं मनोवांछित लाभ के लिए अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण करने वाली, वृष पर सवार रहने वाली, शूलधारिणी और यशस्विनी मां शैलपुत्री की वंदना करता हूं

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