नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी आरती,मंत्र,स्तोत्र,स्तुति,कवच,Navratri Sixth Day - Maa Katyayani Aarti,Mantr,Stotr,Stuti,Kavach

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी आरती,मंत्र,स्तोत्र,स्तुति,कवच

  • नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी
मां कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है. मां कात्यायनी को पीला रंग पसंद है, इसलिए पूजा के लिए पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले फूल, और भोग चढ़ाएं. माता की आरती और मंत्रों का जाप करें

Navratri Sixth Day - Maa Katyayani Aarti,Mantr,Stotr,Stuti,Kavach

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी आरती

जय जय अंबे जय कात्यायनी,जय जगमाता जग की महारानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा, वहां वरदाती नाम पुकारा ।।
 
कई नाम हैं कई धाम हैं, यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर जगह उत्सव होते रहते, हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
 
कात्यायनी रक्षक काया की, ग्रंथि काटे मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुड़ानेवाली, अपना नाम जपानेवाली।।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो, ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी,भंडारे भरपूर करेगी ।।

जो भी मां को भक्त पुकारे,कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।
जय जय अंबे जय कात्यायनी,जय जगमाता जग की महारानी ।।

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी के मंत्र

नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन मां कात्यायनी के इन मंत्रों का जाप किया जाता है -ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
  • मां कात्यायनी का स्तुति मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
  • मां कात्यायनी के लिए प्रार्थना मंत्र:
चंद्र हासोज्ज्वलकरा शार्दूलवर वाहना, कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी
  • मां कात्यायनी का बीज मंत्र है: 
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
विधि विधान से पूजा करने बाद लाल चंदन की माला से मां कात्यायनी के बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं।

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी स्तोत्र

कंचनाभं वरभयं पद्मधरा मुक्तोज्ज्वलां।
स्मेर्मुखी शिवपत्नी कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
पाटम्बर पसियाना नानालङ्कार भूषिताम्।
सिंहस्थिताम् पद्महस्तां कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
परमानंदमयी देवी परमब्रह्म परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
विश्वभर्ती, विश्वभर्ती, विश्वभर्ती, विश्वप्रेमा।
विश्वचिन्ता, विश्वातीता कात्यायनसुते नमोऽस्तुते॥
कं बीजा, कं जपानंदकं बीज जप तोषिते।
कं कं बीज जपदसक्तकं कं संतुता॥
कंकारहर्षिणीकं धनदाधनमासना।
कं बीज जपकारिणीकं बीज तप मनसा॥
कं कारिणी कं मंत्रपूजिताकं बीज धारिणी।
कं किं कुंकै क: ठ: छ: स्वाहारूपिणी॥

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि छठे दिन - मां कात्यायनी कवच

कात्यायनौमुख पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयम् पातु जया भगमालिनी॥

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