70+ श्याम बाबा शायरी ! Shyam Baba Shayari !
मासूमियत का कुछ, ऐसा अंदाज है मेरे कान्हा का,
कि तस्वीर में भी देखू तो, पलके खुली की खुली रह जाती हैं।
।। जय श्री श्याम।।
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जगमग श्याम की ज्योत जगी है, श्याम का दर्शन पाओ जी,
खुश हो दाता बांट रहयो हो, पल्लो तुरन्त बिछाओ जी।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरे श्याम ...आंसू कभी आंखों में ये भरने नहीं देता
दर्द भी हो चेहरे पर उभरने नहीं देता।
इस तरह रखता है मेरा सांवरा मुझको,
की टूट भी जाऊं तो मुझे बिखरने नहीं देता।
।। जय श्री श्याम।।
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काश.. किसी खूबसूरत मौसम में...
श्याम मेरी आँखों पे अपना हाथ रख दे...
और हँसते हुए कह दे...पहचान लो तो हम तुम्हारे...
ना पहचानो तो तुम हमारे......
!! जय श्री श्याम !!
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बेदर्द जमाने ने ठोकर जो लगाई है
उस दर्द की सांवरिया तेरे पास दवाई है
श्याम प्यार से आकर के दो घूंट पिला जाओ मुझे
तेरी जरूरत है फुर्सत है तो आ जाओ।।
।। जय श्री श्याम।।
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हे मेरे बाबा, रूठना मत कभी हमसे,
मना नहीं पायेंगे ।
तेरी वो कीमत है मेरी जिंदगी में, कि शायद’
हम अदा नहीं कर पायेंगे ।।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरे तन से महकती है तेरी खुशबू, अपनी साँसोँ से हटाऊँ कैसे,
तेरी चाहत को पूजा है मैंने, तेरी सूरत से नजरे हटाऊँ कैसे
।। जय श्री श्याम।
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कृपा तेरी होती है पर दिखती नहीं है
तकलीफ आती है मगर टिकती नहीं है
तेरा साया है सदा साथ हमारे
तेरी नजर पड़ती मगर दिखती नहीं।
।। जय श्री श्याम।।
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अर्जी रखकर देखो चौखट पर, खाटू वाला स्वीकार लेता है।
मुश्किलें कितनी बड़ी क्यों न हो, वो हमें उबार लेता है ।।
।। जय श्री श्याम।।
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मोर छड़ी और काली कमली, होंठो पे मुस्कान है।
बिन मांगे जो भर देता झोली, ऐसा है हमारा श्याम।।
।। जय श्री श्याम।।
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चन्दन है खाटू की माटी, अमृत यहां का नीर।
ये दोनों जिसको मिल जाये, बहुत बड़ी तकदीर।।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरे सांवरे, तुम खास ही नहीं हर सांस में हो,
रूबरू नहीं पर हर एहसास में हो।
मिलोगे कभी पता नही, मगर हर तलाश में हो,
तलाश पूरी हो ना हो मगर हर आस में हो।।
।। जय श्री श्याम।।
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हारे का सहारा है ये, इससे ज्यादा कोई राज नहीं।
जिसके सिर पर हाथ हो इसका, इससे महंगा कोई ताज नहीं।।
।। जय श्री श्याम।।
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कोई कहता है चांद से प्यारा है तू,
कोई कहता है हारे का सहारा है तू।
पर दुनिया वाले क्या जाने तुझे श्याम,
मेरे लिये तो जीने का सहारा है तू।।
।। जय श्री श्याम।।
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बीमारे मोहब्बत हूँ दवा मांग रहा हूँ,
सरकार के दामन की हवा मांग रहा हूँ।
जंजीर बांध कर मुझे ले चलिये खाटूधाम,
मुजरिम हूँ आपके दर्शन की सजा मांग रहा हूँ।।
।। जय श्री श्याम।।
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भटक भटक के ये जग हारा, संकट में कोई दिया ना साथ।
सुलझ गई हर एक समस्या, श्याम ने जब से पकड़ा हाथ।।
।। जय श्री श्याम।।
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राधा कहती है दुनियावालों से तुम्हारे और मेरे प्यार में,
बस इतना ही अंतर है।
प्यार में पड़कर तुमने अपना सबकुछ खो दिया,
और मैंने खुद को खोकर सबकुछ पा लिया।।
।। जय श्री श्याम।।
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श्याम भक्ति का नशा सारी उम्र न उतरे,
श्याम की भक्ति में सारी जिन्दगी गुजरे।
दीवाने दिल की तड़प कुछ तो काम आये,
मेरे लब जब भी खुले सिर्फ श्याम का नाम आये।।
।। जय श्री श्याम।।
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उसे जग की क्या दरगार है,
संग जिसके लखदातार है
झूठ रिश्ते हजार हैं,
एक सच्ची तेरी सरकार है
।। जय श्री श्याम।।
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अखियां प्यासी है, श्याम तेरा दर्शन चाहिये,
लग जाऊं तेरी सेवा में श्याम, ऐसा जीवन चाहिये।
जहां तेरी भक्ति करूं, वो जगह खाटूधाम बन जाये,
जब भी मैं करूं तुझे याद, बस साक्षात् तू मुझे नजर आये।
।। जय श्री श्याम।।
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रोज लगती है बददुआयें मुझे इस काली दुनियां की।
असर होने से पहले ही टकरा जाती हैं, दुआयें मेरे खाटूवाले की।
।। जय श्री श्याम।।
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क्या लिखे हम दिल की हकीकत
हमारी आरजू बेहोश है।
खत पर है आंसुओं की बरसात
और कलम हमारी खामोश है।।
।। जय श्री श्याम ।।
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सूख गये है फूल पर बहार वही है,
बहुत दूर रहते हो तुम पर प्यार वही है।
जानते हैं हम, नही मिल पा रहे तुमसे सांवरिया
मगर आज भी मोहब्बत का इजहार वही है।।
।। जय श्री श्याम।।
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कितना खूबसूरत है ना तुम्हारा मेरा रिश्ता,
ना तुमने कभी बांधा, ना मैंने कभी छोड़ा।
कौन मिटाये उसे, जिसको राखे पिया,
सब दुख दूर हुये, जबसे तेरा नाम लिया।।
।। जय श्री श्याम।।
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ख्वाबों की सजी थी महफिल, पर हसरत नीलाम हो गई।
तूने क्या एक नजर देखा सांवरे, मेरी रूह तक तेरी गुलाम हो गई।।
।। जय श्री श्याम।।
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दर्द लेकर दिल में हम हर जगह डोलते रहते है।
जो भी मिला राहो में सबसे जय श्री श्याम बोलते रहते है।
मेरे श्याम बाबा की कृपा के बारे में कितना कहूं यारो।
जितनी बार उन्हें देखो उतनी वो कृपा का भंडार खोलते रहते है।
।। जय श्री श्याम।।
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वो सुबह कैसी जिसमें तेरा नाम ना हो बाबा
बिना तेरी खुशबू लिये कभी हमारी शाम ना हो बाबा
हमारे रोम रोम में बसे हो तुम श्याम
वो पलकें ही क्या बाबा जो तेरी याद आये और नम ना हो
।। जय श्री श्याम।।
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मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारों पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्ममान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो तुम हो।।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरी इस दीवानगी में कुछ कसूर तुम्हारा भी है श्याम।
तुम इतने प्यारे ना होते, तो हम इतने दीवाने ना होते।
।। जय श्री श्याम।।
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ऐ हवा मेरे सांवरे के पास भी जाती तो होगी
मेरे प्यारे को इस दिल का हाल सुनाती तो होगी
जरा छूकर तो देखना कभी उनके भी दिल को
क्या याद उन्हें भी हमारी आती तो होगी।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरी तकदीर के मालिक, मेरी तकदीर तो तुम हो।
जो उभरी है सितारो पे, मेरी तस्वीर तुम हो।
यह दौलत, यह शोहरत, सफर श्मशान तक का है।
जो आखिर साथ जाना है, असल जागीर तो तुम हो।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरी दिल की तसल्ली के लिये बस इतना काफी है मेरे श्याम
हवा जो तुम्हें छूकर गुजरती है मैं उसमें सांस लेता हूँ।
।। जय श्री श्याम।।
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शीश नवा के कृष्ण को, दिया शीश का दान,
अमर हुआ इतिहास में, यह महान बलिदान,
इस अतुलित बलिदान का, निकला यह परिणाम,
बर्बरीक अब है अमर, नाम हो गया श्याम।
।। जय श्री श्याम।।
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चल मेरे श्याम की नगरी में,
तेरे गम के बादल छट जायेगें।
जब छांव मिलेगी बाबा की,
तेरे दुखड़े सब कट जायेगें।।
।। जय श्री श्याम।।
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कितने ऊंचे भाग्य हमारे,
हमने दर जो श्याम का पाया है।
जलती हुई इस दुनिया में,
मिली ये शीतल छाया है।।
।। जय श्री श्याम।।
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तेरी आंखो में क्या खूब नूर होता है,
तेरी नजरों से कहां कोई दूर होता है।
एकबार रख दे कदम जो तेरी चौखट पर
वे बार-बार आने को मजबूर होता है।।
।। जय श्री श्याम।।
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सूरत देखी तेरी तो जादू सा छा गया
मुस्कुराना तेरा श्याम गजब सा ढा गया
नजर से नजर श्याम तुमसे जो मिलाई
तुझे दिल में बसाने का तो मजा आ गया।
।। जय श्री श्याम।।
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कैसे सुनाऊँ तेरी कृपा की कहानी,
रस्ते से उठा कर बना दी मेरी जिन्दगी,
नहीं तो क्या थी मेरी हस्ती एक बहता पानी
तूने ही संभाला है मुझे श्याम ये है तेरी मेहरबानी
।। जय श्री श्याम।।
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हारे की तू खेता जहाज है, हर विपदा का तू इलाज है।
मेरी बारी क्यों देर करें, क्या मुझसे बाबा नाराज है।
।। जय श्री श्याम।।
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सबकी सुनते हो श्याम, फिर हमें क्यों रूलाते हो।
हम तुम्हारे ही भरोसे हैं, ये बात क्यों भूल जाते हो।।
।। जय श्री श्याम।।
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मेरे श्याम ने मुझे बुलाया
मैं तो चला रे खाटू धाम
धुन दरबार की ऐसी लागी
तज के चला सब काम
।।जय श्री श्याम।।
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श्याम सब की सुनने वाले
मैंने भी अर्जी लगाई है
तेरी मर्जी है मैं क्या बोलूँ
तेरे आगे किसकी चल पाई है
।।जय श्री श्याम।।
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हो गये मेरे नैन बावरे
राह में तेरी ओ साँवरे
एक तेरे आने की उम्मीद
दूजे नैनों में नीर भरे
।।जय श्री श्याम।।
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श्याम मेरे घर पधारो
मैं द्वार खोल कर बैठा हूँ
हाथों में श्रद्धा सुमन, नीर भरे नयन
दुःख का अम्बार खोल कर बैठा हूँ
!! जय श्री श्याम !!
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जाने क्यों मेरा श्याम मुझसे रूठ गया है
दुनिया से मेरा दिल टूट गया है
मेरा तो कहीं ठिकाना नहीं है
मेरा तो आकाश पाताल छूट गया है
।।जय श्री श्याम।।
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श्याम नाम का चन्दन मलकर
तन मन मेरा महकने लगा
चंचल मन शाँन्त होकर
झूमने लगा बहकने लगा
।।जय श्री श्याम।।
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मेरे पालनहार मेरे लखदातार
मेरे मोरवीनन्दन मेरे खाटूश्याम
गलत मेरे हाथों हो ना पाये
नाम जपूँ तेरा मैं सुबह शाम
।।जय श्री श्याम।।
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दूर से ही दीदार करके तेरा
मन मेरा नहीं भरता
क्या खाटू मुझे बुलाने को
मेरे श्याम तेरा मन नहीं करता
।।जय श्री श्याम ।।
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हे लखदातार खाटूवाले
मुझको भी तू तार दे।
गर ना मुझको तू तार सके
तो अपने हाथों मार दे।
तेरे हाथों मरके भी हे मोर्वये
होना मेरा उद्धार है
।।जय श्री श्याम ।।
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श्रद्धा को मेरी प्रीत बना लो
हार को मेरी जीत बना लो
माथे का तिलक नहीं मुझे
अपने चरणों की रज बना लो
!! जय श्री श्याम !!
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मेरे दिल की दीवारों पर श्याम तेरी छवि हो,
मेरे नैनो के दरवाजे पर श्याम तेरी तस्वीर हो।
बस कुछ और ना मांगू तुझसे मेरे मुरलीधर,
तुझे हर पल देखूं मेरे श्याम ऐसी मेरी तकदीर हो।।
।। जय श्री श्याम।।
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हर मंजर में मैं पाऊं तुम्हे कैसे कहूँ श्याम कितना चाहूं तुम्हें
बस तुमसे ही है ये जिन्दगी मेरी यूं ही कैसे भूल जाऊं तुम्हें
।। जय श्री श्याम।।
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सांवरे अगर तेरा सहारा न होता,
तो सुन्दर संसार हमारा न होता।
तूफानों की तबाही में गुम हो जाते,
अगर सर पे हाथ तुम्हारा न होता।।
।। जय श्री श्याम।।
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कठिन राह भी सरल हो जायेगी,
मुश्किलें सारी हल हो जायेगी।।
एक बार आजा तू शरण श्याम के,
जिन्दगी तेरी सफल हो जायेगी।।
।। जय श्री श्याम।।
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नजरो को ऐसी खुदाई दे, जिधर देखू उधर तू ही तू दिखाई दे।
कर दे ऐसी मेहरबानियां आज हवा में,
कि जय श्री श्याम पुकारू मैं
और आवाज पूरी दुनिया को सुनाई दे।
।। जय श्री श्याम।।
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दानी के दरबार में, आकर कोई ना हारा हैं।
सांवरे की चैखटू तो, बेसहारों का सहारा है।।
।। जय श्री श्याम।।
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मन तो म्हारा, श्याम से लागा, श्याम से लागी प्रीत
श्याम साथ है तो क्यूँ घबराऊँ सारी दुनिया लूँ जीत
जय श्री श्याम
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कान्हां तेरे बिन तेरी तस्वीरों का क्या करूँ?
मैं तेरे खयालों की जंजीरों का क्या करूँ?
अश्कों को छुपा सकती हूँ पलकों में लेकिन
मैं तेरी यादों की जागीरों का क्या करूँ?
।। जय श्री श्याम।।
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आँसू की हर बूंद,
तुम्हारी याद में गिरती हैं।
कभी मिलने से पहले गिरती है,
कभी मिलने के बाद गिरती है।।
।। जय श्री श्याम ।।
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दुनियां पीट रही ढिंढोरा, श्याम तेरी दातारी का।
थोड़ा तो ख्याल करो, हमारी भी लाचारी का।।
।। जय श्री श्याम।।
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भूलकर भी तुझे न भूल पायेगें हम
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम
खुद को भी मिटा देंगे जहान से लेकिन
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें
जय श्री श्याम जी
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किसी रोज तो होगी रोशन, मेरी भी जिंदगी,
इंतजार मुझे सुबह का नहीं बाबा, आप की रहमत का है
।। जय श्री श्याम।।
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बाबा तेरी रहमतों के सहारे मैं पलता हूँ
और तेरा ही नाम लेकर आगे बढ़ता हूँ,
बाबा तू मुझसे नजर ना फेरना कभी,
इक तू ही है जिसके सहारे मैं चलता हूँ।
।। जय श्री श्याम।
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नही दरकार सागर की, कृपा की बूंद काफी है।
रहूँ मस्ती में हरदम, बस ‘‘श्याम’’ का ध्यान काफी है।
।। जय श्री श्याम।।
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बैकुंठ में भी जो ना मिला,
वो सुख श्याम तेरे धाम में है।
कितनी भी बड़ी हो विपदा चाहे,
समाधान बस श्याम तेरे नाम में है।।
।। जय श्री श्याम।।
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बड़े बड़े संकट टल जाते है, जब साथ हो श्याम हमारा।
हर विपदा पर भारी पड़ता, श्री श्याम का एक जयकारा।।
।। जय श्री श्याम।।
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ना अमीरों की बात है, ना गरीबों की बात है
श्याम तेरे धाम की सेवा, तो नसीबो की बात है..!!
!! जय श्री श्याम !!
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तुमने ही दी ये सेवा, जो करता हूं तेरा गुणगान।
सब कुछ ही भूल मैं जाता, जब तूं दिख जाता है श्याम।।
।। जय श्री श्याम।।
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दानी के दरबार में, आकर कोई ना हारा हैं।
सांवरे की चैखटू तो, बेसहारों का सहारा है।।
।। जय श्री श्याम।।
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चूम लूं उस राह को, जो तेरे दर पे लेके जाती है,
टेक लू माथा उस हर मोड़ पर, जो तेरे दर का रास्ता बताती है।
।। जय श्री श्याम।।
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बाबा तेरी रहमतों के सहारे मैं पलता हूँ,
और तेरा ही नाम लेकर आगे बढ़ता हूँ।
बाबा तू मुझसे नजर ना फेरना कभी,
इक तू ही है जिसके सहारे मैं चलता हूँ।।
।। जय श्री श्याम।।
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