Baba Shyam : हारे का सहारा बाबा श्याम शायरी,स्टेटस,Haare Ka Sahara Baba Shyam Shayari, Status

Baba Shyam : हारे का सहारा बाबा श्याम शायरी,स्टेटस

खाटू श्याम क्यों प्रसिद्ध है?
Khatu Shyam Mandir राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम मंदिर लोगों की आस्था का मुख्य केंद्र बना हुआ है। मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार हैं। इसलिए इनकी इतनी ज्यादा मान्यता है। खाटू श्याम जी को और भी कई नामों से जाना जाता है जो उनके गुणों के आधार पर प्रसिद्ध हुए हैं  खाटू श्याम का तात्पर्य है 'मां सैव्यम पराजित:' यानी जो हारे और निराश लोगों को साहर देता हो। पौराणिक कथा के अनुसार, पांडव पुत्र भीम के पुत्र घटोत्कच के बेटे थे खाटू श्याम। उनका नाम बर्बरीक था। कार्तिक शुक्ल की देवउठनी एकादशी के दिन ही खाटू श्याम बाबा का जन्म दिवस मनाया जाता है।
Haare Ka Sahara Baba Shyam Shayari, Status

Baba Shyam : हारे का सहारा बाबा श्याम शायरी,स्टेटस,

चाँद पे पहुँचो या मंगल पे पहुँचो, 
या पहुँच जाओ सात समन्दर पार, 
जिन्दगी तब तक फीकी है, 
जब तक ना जाओ  खाटु धाम।।
।।जय श्री श्याम।। 
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हम भी तेरी मोहनी मूर्त दिल में छिपाये बैठे है
तेरी सुन्दर सी छवि आँखों में बसाये बैठे है।
इक बार बांसुरी की मधुर तान सुना दे मेरे श्याम
हम भी एक छोटी सी आस जगाये बैठे है।
।।जय श्री श्याम।।
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मेरे आँसुओं की भी कुछ कीमत है
जो  बाबा श्याम तेरी नजरों में 
खोया मान मेरा मुझे लौटा दो
यही अरज है मेरे अधरों में 
।।जय श्री श्याम।।
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हे मेरे कान्हा..दर्शन से तेरे, 
आँखों को आराम मिलता हैं 
किस्मत वालों को ही वृन्दावन धाम 
मिलता हैं मत करना कभी खुद से दूर मुझे, 
चरणों मे तेरे मुझको आराम मिलता हैं।
।।जय श्री श्याम।।
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सबसे बड़ा तेरा दरबार है,तू ही सब का पालनहार है ।
सजा दे या करदे क्षमा, सांवरे तू ही हमारी सरकार है।।
।। जय श्री श्याम।।
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तेरे दर पर आने से पहले मैं बहुत कमजोर होता हूं। 
और जब छू लेता हूं तेरी चौखट, तो मैं कुछ और होता हूं।
।। जय श्री श्याम।।
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हाथ जोड़कर विनती करू, 
हे करुणामय  बाबा श्याम। सुख में, 
दुख मे, हर घडी जपु तुम्हारा नाम।
।।जय श्री श्याम।।
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कुछ तो बात हैं तेरे दरबार में 
यहाँ मेला हमेशा लगा रहता है
एक बार जो आये बार बार आये
जाऊँ ना अब यही दिल कहता है
।।जय श्री श्याम।।
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चारों ओर अंधियारा फैला 
दिन भी मोहे निश लागे
थाम ले मोहे श्याम तू आके
ना जानू मैं क्या हो आगे
।।जय श्री श्याम।।
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बाबा तुमने अपनी आँखों में नूर छुपा रखा है,
होश वालो को दीवाना बना रखा है।
नाज कैसे न करू तुम पर प्यारे मुझ जैसे नाचीज़ को ख़ास बना रखा है।
।।जय श्री श्याम।।
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प्रेम से बोलो मेल जोल से बोलो
 खाटू वाले श्याम का नाम
पुकारेगा जो भी सच्चे मन से
सामने उसके होगा  बाबा श्याम
।।जय श्री श्याम।।
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रूठा हुआ है ,मूझसे इस बात पर जमाना, 
शामिल नही है मेरी फितरत मे तेरे अलावा कहीं सर झुकाना।
।।जय श्री श्याम।।
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आंसू पोंछ कर मेरे श्याम ने हँसाया है मुझे
मेरी हर गलती पर भी मेरे श्याम ने सीने से लगाया है मुझे
विश्वास क्यों न हो मुझे अपने श्याम प्यारे पर 
मेरे श्याम ने हर हाल में जीना सिखाया है मुझे
।। जय श्री श्याम।।
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 खाटू जब भी जाओगे, मन की मुरादे पाओगे।
सच्चा है दरबार श्याम का, भर के झोली लाओगे।
।। जय श्री श्याम।।
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हे  बाबा श्याम इतना सा मेरा एक काम कर दो,
 खाटू आने वालो भक्तो के हर चेहरो पर मुस्कान भर दो,
जब भक्त अपने अपने घर पहुंचे,
तो इन्हे भी सुदामा जैसा हैरान कर दो।।
मुझे तो बस अपने चरणो की सेवा देकर मेरा सम्मान कर दो।।
।। जय श्री श्याम।।
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हारे का ये साथी मेरा लखदातार है।
तीन बाण धारी श्याम विष्णु का अवतार है।।
।। जय श्री श्याम।।
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श्याम चलते चलते गर कहीं थक जाऊँ
थाम लेना हाथ सहारा दे देना
हारने लगुँ जब जीवन युध्द में
संबल बन मेरी जीत दोबारा दे देना
।।जय श्री श्याम।।
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रूठी थी किस्मत मेरी भी अब मेहरबान हो गयी।
श्याम के नाम से ही अब मेरी पहचान हो गयी।
 खाटू नरेश की जय
।।जय श्री श्याम।।
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वो रास्ते के काँटे चुन लेगा
तू नाम लेकर राहों पर चलता चल
वो हर पग पर है साथ तेरे 
तू नाम उसका जपता रह हर पल
।।जय श्री श्याम।।
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कोई नही है मेरी फिक्र करने वाला फिर भी बेफिक्र रहता हूँ, 
बस एक है मेरे ऊपर जान छिडकने वाला जिसे मैं  बाबा श्याम कहता हूँ।
।।जय श्री श्याम।।
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चले आओ श्याम एक रात के लिये
अटकी पड़ी है साँसे बस एक मुलाकात के लिये ।
माना मुझ जैसे दीवाने बहुत है तेरे
बस कुछ पल ही दे दो मन की बात के लिये।
।। जय श्री श्याम।।
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कट जायेगा वक्त, परेशानी की क्या बात है।
श्याम की कृपा के आगे, गमों की क्या औकात है।
।।जय श्री श्याम।।
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बाबा खाटू श्याम जी स्टेटस
मुझे आदत है आपको याद करने की ऐ मेरे सावँरिया, 
और मैं आपको हमेशा याद करता हूँ,
पूछते है लोग कितना प्यार है तुझे 
सावँरिया से मैने कहा- अगर बारिश की बुँदे गिन सकते हो तो उतना।
।।जय श्री श्याम।।
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राहों में  खाटू नगरी के बनके मुसाफिर 
जब चला मैं तेरी लगन में 
सहपथिक से जब भी पुछा तेरे बारे में 
बोले तू जल में, तू थल में, तू नील गगन में
।।जय श्री श्याम।।
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पट खोल दे मोरछड़ी वाले जरा,
हम अपने दिल की सुनाने आये हैं।
जरा नजरें उठा कर देख सांवरे,
तुमसे मिलने तेरे दीवाने आये हैं।।
।।जय श्री श्याम।।
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आज अकेला हूँ इस भरे संसार में
कोई नहीं मेरा इस भरे परिवार में 
कुछ तो दर्द महसूस कर लो हे श्याम
कितनी है उदासी मेरी पुकार में 
।।जय श्री श्याम।।
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मेरे पाँव में घुँघरू बांध दो 
मैं नच नच जाऊं खाटूधाम
मीरा जैसे हो गयी दीवानी 
लोग कहे मुझे पगली सरे आम 
।।जय श्री श्याम।।

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