सप्तश्लोकी दुर्गा पाठ,Saptashloki Durga Path
श्री दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र का पाठ करने से साधक को मानसिक और शारीरिक सुख मिलता हैऔर शत्रु बाधा दूर होती है. ऐसी मान्यता है कि दुर्गा की आराधना करने से परम कल्याणमयी बुद्धि मिलती है दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र का पाठ नवरात्रि के नौ दिन करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है. दुर्गा सप्तश्लोकी का पाठ करते समय तन के साथ-साथ मन भी साफ़ होना चाहिए. इसलिए पाठ करने से पहले स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र धारण कर लें !
Durga Saptashloki :Saptashloki Durga Path |
।। अथ श्री सप्तश्लोकी दुर्गा ।।
।। शिव उवाच ।।
देवी त्वं भक्तसुलभे सर्वकार्यविधायिनि ।
कलौ हि कार्यसिद्ध्यर्थमुपायं ब्रूहि यत्नतः ॥
।। देव्यु उवाच ।।
शृणु देव प्रवक्ष्यामि कलौ सर्वेष्टसाधनम् ।
मया तवैव स्नेहेनाप्यम्बास्तुतिः प्रकाश्यते ॥
- दुर्गा सप्तश्लोकी मंत्र
ॐ अस्य श्रीदुर्गासप्तश्लोकीस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः अनुष्टप् छन्दः, श्रीमह्मकाली महालक्ष्मी महासरस्वत्यो देवताः, श्रीदुर्गाप्रीत्यर्थं सप्तश्लोकीदुर्गापाठे विनियोगः। ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हिसा।
।। अथ श्री सप्तश्लोकी दुर्गा ।।
ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा ।
बलादाकृष्य मोहाय महामाया प्रयच्छति ॥ 1 ॥
ओं दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृतामतिमतीव शुभां ददासि ।
दारिद्र्यदुःख भयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्र चित्ता ॥ 2 ॥
ओं सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके देवी नारायणी नमोऽस्तु ते ॥ 3 ॥
ओं शरणागतदीनार्त परित्राणपरायणे ।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥ 4 ॥
ओं सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते ।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते ॥ 5 ॥
ओं रोगानशेषानपहंसि तुष्टा-रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणांत्वामाश्रिताह्याश्रयतां प्रयान्ति ॥ 6॥
ओं सर्वबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि ।
एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरि विनाशनम् ॥ 7 ॥
॥ इति श्री दुर्गा सप्तश्लोकी सम्पूर्णा ॥
श्री दुर्गा सप्तश्लोकी का पाठ करने से कई फ़ायदे
- मानसिक और शारीरिक सुख मिलता है.
- शत्रु बाधा दूर होती है.
- सभी तरह की चिंताएं दूर होती हैं.
- मुकदमे, झगड़े आदि में जीत मिलती है.
- शत्रु से छुटकारा मिलता है.
- कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में विजय मिलती है.
- भक्ति, शक्ति, और दर्शन की प्राप्ति होती है.
- डर, शक, और बाधाएं दूर होती हैं.
- हर कामना पूरी होती है.
- मिलाप और वशीकरण होता है.
- गुमशुदा की तलाश होती है.
- हर तरह की कामना और पुत्र की प्राप्ति होती है.
- व्यापार और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है
टिप्पणियाँ