मनोकामना पूर्ति हनुमान मंत्र प्रयोग,Manokaamana Poorti Hanumaan Mantr Prayog

मनोकामना पूर्ति हनुमान मंत्र प्रयोग,Manokaamana Poorti Hanumaan Mantr Prayog

हनुमान जी की उपासना शीघ्र फल प्रदान करती है। इनकी उपासना से यथा शीघ्र सभी प्रकार के घोर संकट दूर होते हैं। इनकी उपासना 'वीर' और 'दास' दोनों रूपों में होती है। जैसी जिसकी भावेच्छा । विपत्ति निवारण के लिए वीर रूप को तथा सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए दास्य रूप की आराधना की जानी चाहिए । वीर रूप के लिए राजस उपचार एवं दास्य रूप के लिए सात्विक उपचारों का प्रयोग किया जाता है। यहां कुछ मन्त्र द्रष्टव्य है- 
Manokaamana Poorti Hanumaan Mantr Prayog
मन्त्र : 
  • ह्रों हस्फ्रें खफ्रें हस्यौं हस्टवक्रें हू सौं हनुमते नमः ॥
यह बारह अक्षरों वाला महामन्त्र राज है। इसके विनियोग आदि इस प्रकार हैं-
  • विनियोग-
अस्य श्री हनुमन्महामन्त्र राजस्य श्री रामचन्द्र ऋषिः जगतीच्छन्दः श्री हनुमान् देवता ह्र सौं बीजं, हस्फ्रें शक्तिः श्री हनुमान प्रसाद सिद्धये जपे विनियोगः ।

ऋष्यादि न्यास-

  • श्री रामचन्द्र ऋषये नम: शिरसि
  • जगतिच्छन्दसे नमः मुखे 
  • श्री हनुमद देवतौ नमः हृदये 
  • हू सौं बीजाय नमः गुह्ये 
  • हस्फ्रें शक्तये नमः पादयोः इसमें कीलक नहीं है ।
  • विनियोगाय नमः सर्वागे
मन्त्रोक्त छः बीजों के करन्यास एवं षडंग न्यास करें। पूरे मन्त्र के एक-एक अक्षर से 
  1. मस्तक 
  2. ललाटे 
  3. नेत्रयो 
  4. मुखे 
  5. कण्ठे 
  6. बाहवो 
  7. हृदये 
  8. कुक्ष्यो: 
  9. नाभौ 
  10. लिंगे 
  11. जान्वोः 
  12. चरण्योः 
बोलते हुए द्वादशांग न्यास करें। इसी प्रकार छः बीज और दो पदो से 
  1. मस्तके 
  2. ललाटे 
  3. मुख 
  4. हृदये 
  5. नाभौ 
  6. ऊर्वो 
  7. जंध्योः 
  8. चरणयोः बोलते हुए अष्टांग न्यास करें।

ध्यान-

उद्यत्कोटयर्क संगकाशं जगत्प्रक्षोभ कारकम् । 
श्रीरामांधिंध्यान निष्ठं सुग्रीव प्रमुखार्चितम् ॥
 महाबल समायुक्तं भक्त भीति-निवारकम् । 
विन्नासयन्तं नादेन राक्षसान् मारुतिं भजे ॥

इस प्रकार ध्यान करके मन्त्र का 12 बारह हजार जप करें। फिर दही, दूध और घी मिले हुए धान से दशांश हवन करें। इस विधान में हनुमत् मन्त्र और उसकी विस्तृत पूजा का भी विधान है।

प्रयोग-

विद्यां वापि धनं वापि राज्यं वा शत्रु विग्रहम् । 
तत्क्षणादेव चान्नोति सत्यं सत्यं सुनिश्तिम् ॥

 इन वचनों के अनुसार सभी वांछित फलों को प्राप्त करता है ।
अन्य प्रयोग - अष्टमी या चतुर्दशी को मंगलवार अथवा रविवार के दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमान जी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर मालपुआ, भात, शाक, मिठाई, पकौड़े, बड़े आदि का भोग लगाएं। विशेष यह है कि इसमें 27 पान के पत्ते और सुपारी आदि मुख शुद्धि की वस्तुएं रखकर उन्हें तीन-तीन आवरण वाले बीड़े बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें। फिर आरती, स्तुति आदि करके अपना मनोरथ निवेदन करें और प्रार्थना पूर्वक विसर्जन करें। इसमें उपरोक्त मन्त्र का जप और उसी मन्त्र से पूजन करने पर सभी कामनाओं की शीघ्र पूर्ति होती है । यथा शक्ति ब्राह्मण भोजन तथा उन्हें मान देकर दक्षिणा दान पूर्वक यह प्रयोग सम्पन्न करना चाहिए।

विशिष्ट हनुमत तंत्र प्रयोग

शनि शांति के लिए
शनिवार के दिन हनुमान जी के पैर पर लाल सिंदूर अक्षत मिश्रित कर ॐ श्री रामदूताय नमः बोलते हुए चढ़ाएं। ॐ श्री रामदूताय नमः की तीन माला शनिवार के दिन जपे । लवंग से बनायी हुई माला चढ़ाएं।

भूत-प्रेत बाधा के तांत्रिक निवारण हेतु 

'पंचमुखी हनुमान स्तोत्र' का दिन में नौ बार शुद्धता से पाठ करें। जल्दी ही आपदाओं से मुक्त हो जाएंगे।

हनुमान कृपा के लिए

हनुमान यंत्र और मूंगे की माला या लाल चंदन की माला लें। प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करके आसन पर बैठकर सिंदूर, लाल पुष्प, धूप, दीप, चावल आदि से यंत्र का पूजन करें। नैवेद्य में दाल के बड़े चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का ध्यान से पठन करें।
'हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ' मंत्र का 108 बार जाप करें।
बच्चों को नजर आदि से बचाने के लिए हनुमान के पैर के नीचे का सिंदूर लेकर तिलक करें।

सुख-शांति के लिए

108 बार मंगलवार या हनुमान जयंती, या राम नवमी के दिन 'हनुमान चालीसा' का पाठ कीजिए ।

कार्यसिद्धि के लिए

मूंग की माला से 'ॐ हनुमते नमः' मंत्र की चालीस दिन तक चालीस माला गिनें, तो कार्य में सिद्धि अवश्य मिलती है।

सम्मोहन के लिए

हनुमान जी के पैर का सिंदूर लेकर, पतली-सी तिल्ली से, भौहों के बीच छोटा-सा तिलक करें।

तनाव निवारण के लिए

मूंगे के आठ पत्थर लाल धागे में पिरो कर धारण करें। 23 दिन तक प्रतिदिन 'ॐ हुं हुं हनुमते हुं हुं फट्' का केवल पांच बार ध्यान करते हुए उच्चारण करें। 23 दिन के बाद माला को हनुमान मंदिर में चढ़ा दें।

दुर्बुद्धि या कमजोरी निवारण के लिए

बुद्धि हीन तनु जानिके, सुमरौ पवन कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार। इस पंक्ति का हनुमान जी के सामने नियमित रूप से 305 बार उच्चारण करें। जेल, बंधन से मुक्ति तथा गुम हुए लोगों को वापस लाने के लिए 'हनुमान चालीसा' का प्रतिदिन 305 बार पाठ करें। जेल में रहे व्यक्ति का नाम हनुमान जी से विनती करें, तो उसकी रिहाई कुछ दिनों में हो जाएगी। 

वीर्य और ब्रह्मचर्य रक्षा के लिए 

ॐ नमो भगवते महाबले पराक्रमाय मनोभिलाषितं मनः स्तम्भं कुरु कुरु स्वाहा । हर रोज़ दूध को देख कर 23 बार उच्चारण करें, बाद में दूध ग्रहण कर लें।

प्रयोग के समय ध्यान दें

  • लाल वस्त्र धारण करें।
  • कम बोलें।
  • ब्रह्मचर्य के पालन में अचूक रहें ।
  • मूंगे की माला, या लाल चंदन की माला का उपयोग करें।
  • उपवास करें।
  • प्रयोग की बात किसी से भी न कहें ।
  • बंदर को फल, या कोई भी वस्तु खिलाएं।
  • प्रयोग के बाद हनुमान जी से क्षमा याचना अवश्य करें।

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